MSME : 75000 करोड़ रुपये लोन हो गए मंजूर, जानिए डिटेल
देश में कोरोना के बढ़ते मामले हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं और बढ़ोत्तरी का सिलसिला कायम है। कोरोना वायरस के चलते शुरू लॉकडाउन ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की कमर तोड़ दी है,
नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते मामले हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं और बढ़ोत्तरी का सिलसिला कायम है। कोरोना वायरस के चलते शुरू लॉकडाउन ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की कमर तोड़ दी है, उन्हें काफी समस्याओं से जूझना भी पड़ा। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस सेक्टर के लिए कई ऐलान किये हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र का देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए, भारत सरकार ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं शुरू की हैं।
मिली 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी
बीते कल यानी सोमवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने अब तक सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 75,000 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी है।
अब तक 32,894.86 करोड़ रुपये बांटे गए
1 जून से शुरू 100 फीसदी गारंटी वाली इस योजना के तहत अब तक 32,894.86 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। पिछले महीने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए घोषित 3 लाख करोड़ रुपए की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना है।
सरकारी बैंक लोन देने में आगे
सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है कि सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 100 प्रतिशत आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत अब तक 75,426.39 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। बता दें कि इसमें से 32,894.86 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़े में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 16 बैंकों के आंकड़े शामिल हैं। वहीं उन्होंने अपने ट्विट में इस बात का भी जिक्र किया कि इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 42,739.12 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं जिसमें से 22,197.54 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। जबकि वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 32,687.27 करोड़ रुपए मंजूर किए जबकि अब तक 10,697.33 करोड़ रुपए वितरित किए गए।
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