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MSME : बैंक लोन देने से नहीं कर सकते मना, जानिए क्यों

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नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंक इमरजेंसी लोन फैसिलिटी के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को लोन देने से इनकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि यदि बैंक मना करे तो इसकी सूचना दी जानी चाहिए। 23 जुलाई 2020 तक सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने 100 फीसदी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत कुल 1,30,491.79 करोड़ रुपये के लोन पास कर दिए हैं, जिसमें से 82,065.01 करोड़ रुपये का लोन बांटा जा चुका है।

वित्त मंत्री खुद देंगी ध्यान

वित्त मंत्री खुद देंगी ध्यान

सीतारमण ने उद्योग चैंबर फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि बैंक आपातकालीन क्रेडिट सुविधा के तहत कवर किए गए एमएसएमई को लोन देने से मना नहीं कर सकते हैं। यदि इनकार किया गया तो ऐसे मामलों की सूचना दी जानी चाहिए। "मैं इसे देखूंगी।" आत्मानिर्भर भारत पैकेज के एक हिस्से के रूप में सरकार ने एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की गारंटी मुक्त लोन की घोषणा की थी। मंत्री ने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ लोन की मोहलत के विस्तार या पुनर्गठन योजना पर काम कर रहा है।

हितधारकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ परामर्श

हितधारकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ परामर्श

सीतारमण ने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए जिस भी कदम की घोषणा की जा रही है उसके लिए हितधारकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ विस्तृत परामर्श लिया जा रहा है। उनके अनुसार पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित है। वित्त मंत्रालय इस पर आरबीआई के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। सीतारमण के अनुसार पुनर्गठन की आवश्यकता हो सकती है। इसीलिए इस पर सरकार ध्यान दे रही है।

लोन ईएमआई पर मोहलत

लोन ईएमआई पर मोहलत

महामारी के दौरान उधारकर्ताओं को पैसों की कमी से निपटने में मदद करने के लिए रिज़र्व बैंक ने मार्च में तीन महीने के लोन अधिस्थगन की घोषणा की थी, जिसे बाद में 31 अगस्त तक तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। लोन अधिस्थगन के लिए उधार लेने वाले ब्याज और मूलधन के भुगतान को टाल कर सकते हैं। इससे लोगों को लिक्विडिटी स्थिति संभालने के लिए मदद मिलेगी।

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English summary

Banks cannot refuse loan to MSME says FM sitharaman

Government and private banks have passed loans totaling Rs 1,30,491.79 crore under the 100% Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) till 23 July 2020.
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