अलर्ट : इन गलतियों के चलते नहीं मिलता है बीमा का क्लेम
नई दिल्ली। जीवन बीमा हरदम मुसीबत के वक्त मदद के लिए लिया जाता है, लेकिन कई बार जाने अनजाने में लोग ऐसी गलती कर देते हैं, जिससे बाद में घर वालों को क्लेम लेने में दिक्कत आ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि जीवन बीमा कराते वक्त कुछ सावधानियां रखें। कई बार प्रीमियम बचाने के लिए एजेंट भी गलत सलाह दे देते हैं। इसलिए जरूरी है लोग जब बीमा के लिए फार्म भरा जा रहा हो तो पूरी जानकारी ध्यान से दें।
कैसे बचें बीमा कराते वक्त गलतियों से
जीवन बीमा कराते वक्त कंपनियां कई तरह की जानकारी लेती हैं। इन जानकारियों को पूरी तरह से नहीं देने के चलते बाद में बीमा कंपनियां क्लेम रिजेक्ट तक कर सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि बीमा होने के बाद जैसे ही पॉलिसी आपको मिले, उसे ध्यान से पढ़ लें। अगर कहीं भी कमी नजर आए तो जीवन बीमा कंपनी को उसे वापस करते हुए सुधार के लिए कहें। बीमा कंपनियां नियमों के अनुसार 15 दिन का फ्री लुक पीरियड देती हैं। इन 15 दिनों में लोगों के पास पॉलिसी को सुधरवा सकते हैं।
सबसे पहले ध्यान रखने लायक बात
जीवन बीमा कराते वक्त सबसे जरूरी होता है कि परिवार की हेल्थ की सही जानकारी कंपनी को दें। परिवार के हेल्थ की सही जानकारी कंपनियां चाहती हैं। कंपनियां जानना चाहती हैं कि कहीं बीमा कराने वाले के परिवार में किसी को ऐसी तो कोई बीमारी की हिस्ट्री नहीं है, जो वंशागत होती हो। अगर ऐसी बीमारी है तो भी जीवन बीमा कंपनियां बीमा पॉलिसी देती है, लेकिन प्रीमियम थोड़ा ज्यादा लेती हैं। लेकिन जानकारी देने से फायदा यह होता है कि अगर कभी क्लेम की जरूरत पड़ी, तो दिक्कत नहीं आती है।
अपनी सेहत की पूरी जानकारी दें
जीवन बीमा कंपनियां आपकी सेहत की सही-सही जानकारी चाहती हैं। अगर किसी प्रकार की बीमारी हो तो उसे फार्म में जरूर लिखना चाहिए। आमतौर पर लोग जिन बातों को छोटा समझते हैं, वह बाद में बड़ी बन जाती हैं। इसलिए छोटी से छोटी से बात बीमा कंपनी को जरूर बताना चाहिए। अगर कुछ बीमारी होगी तो भी बीमा कंपनी बीमा देती है, लेकिन थोड़ा प्रीमियम ज्यादा लेगी।
काम और आमदनी की सही जानकारी दें
जीवन बीमा पॉलिसी लेते वक्त अपने काम की सही जानकारी देना चाहिए। इसके अलावा आमदनी के बारे में भी सही-सही बताना चाहिए। कई बार लोग ज्यादा वैल्यू का बीमा लेने के लिए अपनी आमदनी की गलत जानकारी दे देते हैं। ऐसे में अगर कभी क्लेम की नौबत आती है, कंपनी इस क्लेम को रिजेक्ट कर देती है।
बीमा से जुड़े प्रचलित शब्दों का जानें मतलब
Insurance Annuity : वह पॉलिसी जिसके अंतर्गत कोई बीमा कंपनी किसी एकल प्रीमियम या प्रीमियम की श्रृंखलाओं के एक्सचेंज में पॉलिसी धारक को समय-समय पर भुगतान की श्रृंखला देने का वादा करती है।
Insurance Assignments : असाइनमेंट किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बीमा पॉलिसी में अधिकारों का स्थानांतरण है।
Insurance Assurance : वह अनुबंध जो प्रायः किसी बीमित व्यक्ति के मृत्यु के उपरांत धन की विशिष्ट राशि के भुगतान की गारंटी देता है।
Insurance Add on : एक पूरक लाभ जो मूल बीमा कॉन्ट्रैक्ट का भाग होता है और पॉलिसी के अंतर्गत उपलब्ध लाभ के कार्यक्षेत्र का विस्तार करता है।
Insurance Actuaries : कोई व्यक्ति जो पेंशन, बीमा और संबंधित क्षेत्रों में पेशेवर रूप में प्रशिक्षित होता है।
Insurance Age Limits : निर्धारित न्यूनतम और अधिकतम आयु, जिससे कम या अधिक होने पर कोई बीमा कंपनी आवेदन (एप्लीकेशन) स्वीकार नहीं कर सकती है या पॉलिसी का नवीकरण नहीं कर सकती है।
Insurance Agent : एजेंट या बीमा एजेंट एक व्यक्ति होता है जिसे बीमा कंपनी के लिए बीमा व्यवसाय मांगने या खरीदने के लिए आईआरडीए का लाइसेंस प्राप्त होता है।