Budget 2021 : जानिए इन शब्दों का मतलब, काम आएगा
नई दिल्ली। 1 फरवरी 2021 को बजट पेश किया जाएगा। यह बजट संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। बजट में आमतौर पर कई ऐसे शब्द होते हैं, जिनका हर बजट में इस्तेमाल होता है। लेकिन यह आसानी से समझ नहीं आते हैं। ऐसे में अगर इन शब्दों का मतलब बजट पेश होने के कुछ दिन पहले ही समझ लिया जाए, तो बजट वाले दिन आसानी रहेगी।
शेयर बाजार का मुनाफा है कैपिटल गेन
अगर आप शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं, तो आपको कैपिटल गेन या कैपिटल लॉस हो सकता है। बजट में अगर कैपिटल गेन टैक्स से जुड़ा बदलाव होता है तो आपको पहले से ही पता होना चाहिए कि कैपिटल गेन और कैपिटल लॉस में क्या अंतर है और कैसे फायदेमंद हो सकता है।
कैपिटल गेन और कैपिटल लॉस
आप किसी ऐसेट में निवेश करते हैं, जैसे शेयर, बांड, प्रॉपर्टी या गोल्ड में। वहीं जब आप इस ऐसेट को बेचते हैं, तब उसके दाम ज्यादा होते हैं या कम। ऐसे में इनकी खरीद और बिक्री के अंतर को कैपिटल फ्रॉफिट अया कैपिटल लॉस कहा जाता है। ऐसे में कैपिटल गेन होने पर इस पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ सकता है। अलग अलग ऐसेट जैसे शेयर, बांड, प्रॉपर्टी, गोल्ड पर टैक्स की दरें अलग-अलग हैं। साथ ही साथ लांग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की परिभाषा भी अलग होती है।
ऐसे समझे इस टैक्स को
अगर आप 1 साल से कम समय में शेयर बेच देते हैं, तो आप पर 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाएगा। वहीं अगर आप साल भर से ज्यादा वक्त के बाद मुनाफा वसूली करते हैं तो आप पर 10 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। वहीं प्रॉपर्टी पर निवेश के लिए लांग टर्म का फायदा 2 साल के बाद मिलता है। साथ ही इसमें इंडेक्सेशन बेनिफिट भी मिलता है। भारत सरकार एक इंडेक्स जारी करती है, जो ये बताता है कि महंगाई के साथ आपकी प्रॉपर्टी के दाम कितने बढ़ने चाहिए। इस इंडेक्स के आधार पर आपकी प्रॉपर्टी खरीद का दाम बढ़ाकर फिर मुनाफे की गणना कर सकते हैं। गोल्ड, बांड और डेट म्यचुअल फंड में निवेश पर लांग टर्म 3 साल के बाद माना जाता है।
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