ATM करते हैं इस्तेमाल तो जानें CVV नंबर, बच जाएगा नुकसान
नई दिल्ली। ज्यादातर बैंकिंग या ऑनलाइन फ्रॉड आपके सीवीवी नंबर चोरी होने से ही होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप आपना सीवीवी नंबर के महत्व को समझें और उसकी सुरक्षा करें। आजकल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहा है। वहीं जिस तेजी से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है, उसी तेजी से ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ रहा है। लेकिन अगर आप अपने सीवीवी नबंर को सुरक्षित कर लें, तो आमतौर पर ऐसे फ्रॉड से बच सकते हैं। यह सीवीवी नबंर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की पिछली तरफ मैग्नेटिक स्ट्रिप नीचे लिखा हुआ होता है। यह आमतौर 3 अंक का होता है। सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन इसी सीवीवी नबंर के आधार पर ही होते हैं।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में पूछा जाता है सीवीवी नबंर
जैसे ही आप कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, सबसे पहले आपसे सीवीवी नबंर दर्ज करने को कहा जाता है। बिना इसके कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं होता है। 3 अंक का यह सीक्रेड कोड होता है, जो अगर दूसरों को पता चल जाए तो आसानी से आपके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से फ्रॉड कर सकता है। सीवीवी का पूरा मतलब होता है कार्ड वैरिफिकेशन वैल्यु। वैसे कुछ लोग इसे कार्ड वैरिफिकेशन कोड (भी कहते हैं।
कहीं भी सेव नहीं होता है सीवीवी नंबर
सीवीवी नबंर को ऑनलाइन सेव नहीं किया जा सकता है। सीवीवी कोड की यह सबसे बड़ी खासियत है कि यह सेव नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने पर सभी जानकारी डालने के बाद जब सीवीवी नबंर डाला जाता है, तो यह सेव नहीं होता है। यही कारण है कि जब आप अगली बार उसी साइट से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो वहां पर पूरी जानकारी मिल जाती है, लेकिन सीवीवी नबंर दोबारा डालना पड़ता है।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बनाई गई है अतिरिक्त सुरक्षा लेयर
आरबीआई ने पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) अनिवार्य बना दिया है। इससे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ज्यादा सेफ हो गया है, लेकिन सीवीवी नबंर की वैल्यू कम नहीं हुई है। ऐसे में लोगों को अपना सीवीवी नबंर सुरक्षित रखने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए। यह नबंर आपके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के पीछे लिखा होता है। इसकी सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस नबंर को याद कर लें और अपने कार्ड से इसे मिटा दें।
ATM : पैसे देने के अलावा ये 10 काम भी करता है एटीएम, ऐसे उठाएं फायदा