Tips & Tricks : लोन पर डिफॉल्ट होने के बाद भी सुधर सकता है CIBIL, जानिए कैसे
How to improve CIBIL : लेंडर (लोन देने वाला), बैंक या एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) उधार पैसा देने से पहले उधार लेने वाले के क्रेडिट स्कोर को चेक करते हैं। हमारे देश में इसीलिए सिबिल या क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड सबसे अहम क्रेडिट रिपोर्ट मानी जाती है। जब आप कोई भी सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन लेना चाहते हैं तो उस समय सिबिल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि आपका सिबिल अच्छा हो तो आपको लोन फटाफट मिल सकता है। पर यदि सिबिल कम हो तो आपको लोन मिलने में दिक्कत आएगी। ऐसे कई कारण या गलतियाँ हैं जिनके नतीजे में किसी का भी सिबिल क्रेडिट स्कोर घट सकता है। वहीं सबसे बड़ी गिरावट आपके लोन डिफॉल्ट के बाद आ सकती है। तब सिबिल स्कोर में सुधार करना एक मुश्किल हो काम हो सकता है। लेकिन यह असंभव नहीं है। हम यहां यही बताएंगे कि आप कैसे लोन डिफॉल्ट होने पर भी अपना सिबिल सुधार सकते हैं।
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क्यों गिरता है सिबिल
ड्यू डेट के बाद अपने लोन या बकाया क्रेडिट कार्ड बिल की ईएमआई का भुगतान न करने से आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान होगा और वो भी खास कर लंबी अवधि में। जब तक आप इस बकाया का भुगतान नहीं करेंगे तब तक आपका क्रेडिट स्कोर तेजी से घटता रहेगा। जाहिर सी बात है इससे आपको खराब स्कोर का सामना करेगा। दूसरे जब तक किसी लोन लेने वाले पर कोई कर्ज बचा है, तो इस संभावना लगभग शून्य होती है कि कोई बैंक आपको नया लोन दे।
क्या होता है लो-सिबिल स्कोर का नतीजा
कम सिबिल स्कोर का मतलब है कि आप एक हाई रिस्क वाले उधारकर्ता (लोन लेने वाला) हैं। ऐसे में नया लोन प्राप्त करने की आपको दिक्कत होगी, क्योंकि बैंक आपको लोन देने में कतराएगा। हालांकि लोन या क्रेडिट कार्ड पेमेंट में यदि आप चूक जाएं तो भी आप अपना सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे।
सबसे पहले क्या करें
अगर आप एक या एक से अधिक ईएमआई या बिल चुकाने में चूक जाएं और आपका क्रेडिट स्कोर खराब होने लगे तो उसे बेहतर बनाने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम अपनी बकाया राशि का पूरी तरह से भुगतान करने का करें। पर इस दौरान आपको ये ध्यान रखना है कि आपकी बकाया राशि को चुकाया जाए न कि सेटलमेंट किया जाएं। अकसर बैंक बकाया राशि को सेटल करने के लिए एक बार में पैसा ले सकते हैं। इस मामले में, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लोन अकाउंट बंद नहीं बल्कि "सेटल्ड" दिखेगा। इसका मतलब है कि आप बकाया राशि चुकाने में असमर्थ रहे। "बकाया" लोन अकाउंट बैंक के लिए आपकी तरफ से जोखिम का संकेत है और तब आपको कोई नया लोन मिलने की संभावना नहीं बनेगी। इसलिए कोशिश करें कि आप पूरा बकाया चुकाएं।
ये है दूसरा कदम
आपको अपने क्रेडिट उपयोग को कम रखना है। इससे भी क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यानी आपकी क्रेडिट लिमिट जितनी है उसका 30-40 फीसदी ही इस्तेमाल करें। अधिक क्रेडिट का इस्तेमाल ये बताता है कि आपकी जरूरत ज्यादा है। ये आपकी छवि नकारात्मक बनाएगा। आपको हर बार सारे क्रेडिट कार्ड बिलों और ईएमआई की फुल और समय पर पेमेंट करनी है ताकि आपके रीपेमेंट रिकॉर्ड में सुधार हो।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल
जानकार कहते हैं कि अगर आपके पास कोई एक्टिव क्रेडिट अकाउंट नहीं है, तो आप एक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लें और अपने रीपेमेंट रिकॉर्ड को बेहतर बनाने के लिए इसका सही से उपयोग करें। पर क्रेडिट स्कोर में किसी भी बड़े सुधार में समय लग सकता है।