10 तरीके के होते हैं Bank Account, जानिए आपके लिए कौन सा है बेस्ट
नयी दिल्ली। आज के समय में बैंक खाता होना न केवल जरूरी है बल्कि बहुत सारे कामों के लिए एक आवश्यकता भी है। मगर क्या आप जानते हैं कि बैंक अकाउंट कितने तरीके के होते हैं? लोग अक्सर विभिन्न प्रकार के बैंक खातों के बीच फर्क को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। जबकि अलग-अलग तरह के बैंको खातों में सुविधाएं, नियम और बेनेफिट भी अलग-अलग ही होते हैं। साथ ही उन खातों पर लगने वाले चार्जेस भी अलग ही होते हैं। यहां हम आपको विभिन्न प्रकार के बैंक खातों के बारे में बताएंगे, जिनमें से आप अपने लिए बेस्ट ऑप्शन चुन सकते हैं।
करंट अकाउंट
करंट अकाउंट व्यापारियों, व्यापार मालिकों और उद्यमियों के लिए डिपॉजिट अकाउंट होता है, जिन्हें दूसरों की तुलना में ज्यादा बार पेमेंट करने और प्राप्त करने की जरूरत होती है। इस खाते में रोज के लेन-देन पर कोई लिमिट नहीं होती। इस खाते में ओवरड्राफ्ट की भी सुविधा होती है। इस खाते पर ब्याज नहीं मिलता। साथ ही इसमें आपको कुछ न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी होता है।
बचत खाता
बचत बैंक खाता एक नियमित जमा खाता होता है, जिसमें आपको जमा राशि पर ब्याज दर मिलती है। यहां आपके लिए हर महीने लेन-देन की लिमिट होती है। इसमें कई बैंक जीरो बैलेंस की भी सुविधा देते हैं। नियमित बचत खातों में कई कैटेगरी होती हैं, जिनमें बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों या महिलाओं के लिए बचत खाते शामिल हैं।
सैलेरी अकाउंट
विभिन्न प्रकार के बैंक खातों के बीच सैलेरी अकाउंट वह खाता होता है जिसे आपकी कंपनी और बैंक के बीच टाई-अप के तहत खोला जाता है। इसमें किसी विशेष कंपनी का किसी खास बैंक के साथ टाई-अप होता है और कंपनी के सारे कर्मचारियों का खाता उसी बैंक में खुलता है। आपकी सैलेरी उसी बैंक में खुले हुए खाते में आती है। इस खाते में न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं होती।
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट
अपने फंड को निवेश करने और उस पर अच्छा ब्याज हासिल करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट बेहतर ऑप्शन है। एफडी अकाउंट की अवधि 7 दिन से 10 साल तक होती है। कुछ बैंक समय से पहले पैसे निकालने की सुविधा देते हैं। लेकिन उस स्थिति में आपको कम ब्याज मिलता है।
आवर्ती जमा खाता
आवर्ती जमा (आरडी) की एक निश्चित अवधि होती है। ब्याज हासिल करने के लिए आपको नियमित रूप से इस खाते में एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है। एफडी के उलट आप इसमें थोड़ी-थोड़ी राशि जमा कर सकते हैं। आरडी की मैच्योरिटी अवधि छह महीने से 10 वर्ष के बीच हो सकती है।
एनआरआई अकाउंट
विदेशों में रह रहे भारतीयों या भारतीय मूल के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के बैंक खाते हैं। इन खातों को विदेशी खाते कहा जाता है। इनमें दो प्रकार के बचत खाते और सावधि जमा शामिल हैं - एनआरओ या नॉन-रेसिडेंट ऑर्डिनरी और एनआरई या नॉन-रेसिडेंट एक्सटर्नल। बैंक विदेशी मुद्रा नॉन-रेसिडेंट सावधि जमा खातों की भी पेशकश करते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत बैंक खाता
जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि ये वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक खास बचत बैंक खाता है। ये 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए बेस्ट है। इस खाते पर कई बेनेफिट मिलते हैं।
वुमेन सेविंग्स अकाउंट
कई बैंक महिलाओं की वित्तीय जरूरतों, निवेश और जीवन शैली की जरूरतों को पूरा करने वाली सुविधाओं के लिए खास सेविंग्स अकाउंट्स की पेशकश करते हैं। बैंकों की तरफ से इन खातों पर आकर्षक बेनेफिट और कैशबैक ऑफ़र जैसे फायदे मिलत हैं।
नो-फ्रिल सेविंग अकाउंट्स
नो फ्रिल अकाउंट रखने वालों को न्यूनतम बैलेंस क्राइटेरिया या बहुत कम न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि नो-फ्रिल्स खातों पर कुछ लिमिट भी होती हैं, जो अलग-अलग बैंकों में भिन्न होती हैं।
स्टूडेंट सेविंग्स अकाउंट
कुछ बैंक छात्रों के लिए स्पेशल बचत खातों की पेशकश करते हैं। इनमें कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती। हालांकि विभिन्न बैंकों में ये नियम अलग हो सकता है।
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