FD के ब्याज पर कट सकता है Tax, यहां जानिए इससे बचने के 3 आसान तरीके
नई दिल्ली, नवंबर 17। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कई निवेशकों, खास कर वरिष्ठ नागरिकों, के लिए वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का बढ़िया सोर्स है। वे निवेशक जो अपनी बचत के लिए कम जोखिम वाले रिटर्न पोर्टफोलियो की तलाश कर रहे हों या रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करना चाहते हों उनके लिए भी एफडी काफी सही है। बैंक एफडी आम तौर पर 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अलग-अलग अवधियों के लिए होती है, जिसमें पैसा जमा किया जाता है और उस पर आपको ब्याज की एक निश्चित दर मिलती है। हालांकि एफडी पर मिला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होता। बल्कि आपको उस पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) का भुगतान करना होता है। हम आपको यहां बताएंगे कि कैसे आप टीडीएस अदा करने से बच सकते हैं।
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कितनी ब्याज राशि पर कटता है टीडीएस
पहले ये जान लीजिए कि एक साल में कितनी लिमिट से अधिक ब्याज पर टीडीएस काटा जाता है। सामान्य निवेशक (गैर-वरिष्ठ) निवेशकों को एफडी पर अगर किसी साल में 40000 रु तक ब्याज मिले तो उन्हें किसी टीडीएस का भुगतान नहीं करना होता। वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 50,000 रुपये तक ब्याज राशि पर छूट मिलती है। मगर सामान्य नागरिक को एक साल में 40000 रु और वरिष्ठ नागिरक को 50000 रु की ब्याज राशि से अधिक पर टीडीएस देना होगा। बता दें कि पहले ये लिमिट 10000 रु ही थी।
आसानी से समझिए पूरा गुणा-गणित
अगर कोई व्यक्ति 3 साल एफडी में 1 लाख रु का 2 जगह निवेश करता है (यानी 1-1 लाख रु की 2 एफडी कराता है) और उसे 6 फीसदी सालाना ब्याज दर ऑफर की जाती, तो उसे पहले साल में कुल 12000 रु का ब्याज मिलेगा। ये ब्याज इनकम की उस लिमिट (गैर वरिष्ठ नागरिक के लिए 40000 रु) से कम है, जिससे अधिक पर टीडीएस कटता है। यानी वो टीडीएस से बच जाएगा।
कब कटेगा टीडीएस
अब मान लीजिए की यही व्यक्ति 1-1 लाख रु की 2 एफडी के बजाय 10 लाख रु की एक एफडी कराता है तो उसे 6 फीसदी ब्याज दर पर मिलेगा 60000 रु का ब्याज। इस तरह उसे 40000 रु (गैर वरिष्ठ नागरिक के लिए) की लिमिट से 20000 रु अधिक मिले। मगर बैंक इन 20000 रु पर नहीं, बल्कि पूरे 60000 रु पर टीडीएस काटेगा।
जानिए टीडीएस से बचने के 3 शानदार और आसान तरीके
1. फॉर्म 15जी/15एच
यदि किसी की सालाना इनकम 2.5 लाख रु से कम हो तो वो फॉर्म 15जी/15एच फाइल करे। कमाई 2.5 लाख से कम होने पर आपको टैक्स से छूट मिलेगी। ये फॉर्म फाइल करने के बाद बैंक आपके ब्याज पर टीडीएस नहीं काटेगा। आपको एफडी के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
2. टैक्स सेविंग एफडी
2. यदि आप टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करते हैं तो आपको एक वित्तीय वर्ष में (आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत) 1,50,000 रुपये तक की राशि पर छूट मिल सकती है। हालांकि ध्यान रहे कि टैक्स सेविंग एफडी 5 साल की लॉक-इन अवधि होती और समय से पहले पैसा निकालने की अनुमति नहीं होती।
3. किसी और के नाम कराएं एफडी
अगर आपकी इनकम टैक्सेबल है तो आप ऐसे किसी करीबी के नाम पर एफडी करा लें जो टैक्सेबल ब्रेकेट में न आता हो। आप जीवनसाथी, माता-पिता या बच्चों के नाम पर एफडी करा सकते हैं।