Sukanya Samriddhi Yojana : समय से पहले कैसे निकालें पैसा, कैसे बंद होता है मैच्योरिटी से पहले खाता, जानिए
Sukanya Samriddhi Yojana : छोटी बचत के लिए जो योजनाएं हैं, उनमें से सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) एक शानदार योजना है। यदि इसमें आप अपनी बेटी के लिए निवेश करें और उसके खाते में से पैसे निकालना चाहें तो इसकी अनुमति तभी होगी जब वह 18 वर्ष की आयु तक पहुंच जाए या 10वीं कक्षा की शिक्षा पूरी कर ले। सुकन्या समृद्धि खाता (एसएसए) पिछले वित्तीय वर्ष के आखिर में खाते में मौजूद कुल जमा राशि के 50 फीसदी तक पैसे को निकालने की सुविधा देता है। यहां हम जानेंगे कि कैसे आप समय से पहले एसएसवाई खाते में से पैसा निकाल सकते हैं और खाता बंद भी करा सकते हैं।
LIC Dhan Sanchay : एक साथ पाएं 22 लाख रु, फ्यूचर भी रहेगा सेफ
5 सालों में निकाल सकते हैं पैसा
आप एसएसवाई खाते में से पैसा एक साथ या किश्तों में पांच साल तक की अवधि में निकाल सकते हैं। निकाला जाने वाला पैसा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है। एसएसवाई खाते की क्लोजिंग या मैच्योरिटी अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष के बाद या लड़की के 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद उसके विवाह के समय तक होती है।
सरकार का मकसद
सुकन्या समृद्धि योजना, सरकारी योजना है। इसे सरकार के 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान के तहत शुरू किया गया था। किसी लड़की की शिक्षा और विवाह जैसी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने में उसकी सहायता के लिए इस छोटी जमा योजना के तहत खाता खोला जा सकता है। इस योजना पर वर्तमान में 7.6 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर ऑफर की जा रही है।
कितना कर सकते हैं निवेश
एक वित्तीय वर्ष में इस खाते को न्यूनतम 25,000 रुपये और अधिकतम 150,000 रुपये के साथ खोला जा सकता है। इसके आगे योजना में 50 रुपये के गुणकों में पैसा जमा किया जा सकता है। एकमुश्त राशि जमा करना भी मुमकिन है। इसमें आप जितनी मर्जी बार पैसा जमा कर सकते हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है।
ब्याज भी टैक्स फ्री
आईटी अधिनियम की धारा 10 के तहत खाते पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री है। अगर कुछ शर्तों को पूरा किया जाता है, तो योजना खाता खोलने की तारीख से 5 साल बाद जल्दी बंद करने की भी अनुमति दी जाती है। जब तक बालिका बालिग नहीं हो जाती, जो कि 18 वर्ष है, तब तक अभिभावक खाते को मैनेज करेंगे।
प्रीमैच्योर क्लोजर का नियम
यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो खाता तुरंत बंद कर दिया जाता है, और बैलेंस, साथ ही ब्याज, खाता धारक के अभिभावक को दे दिया जाता है। यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो पैसा एसएसवाई खाते में जमा होगा उस पर खाताधारक की मृत्यु की तारीख से खाता बंद होने तक भी ब्याज मिलता रहेगा।