सुकन्या समृद्धि योजना : अगर आपने भी लगाया है पैसा तो जान लें इन 5 बदलावों के बारे में
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) बेटियों के लिए बहुत अच्छी बचत योजना है। बेटियों की पढ़ाई और विवाह के लिए पैसे जुटाने में काफी मददगार है। यह स्कीम केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत चलाई जा रही है।
नई दिल्ली: सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) बेटियों के लिए बहुत अच्छी बचत योजना है। बेटियों की पढ़ाई और विवाह के लिए पैसे जुटाने में काफी मददगार है। यह स्कीम केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत चलाई जा रही है। सरकार की ये योजना आम आदमी में बहुत ही प्रचलित स्कीम है। इसीलिए, इस पर आने वाले हर फैसले पर निगाहें टिकी रहती है। सुकन्या समृद्धि योजना: दूसरे बैंक में सुकन्या समृद्धि खाते को कर सकते ट्रांसफर, जाने कैसे ये भी पढ़ें
आपके जानकारी के लिए बता दें कि साल के अंतिम महीने में बेटियों के लिए सरकार की लोकप्रिय स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना में कुछ बदलाव हुए हैं। इसके कुछ नियमों को हटाया गया है। लेकिन इसके साथ ही कुछ नए नियम लाए गए हैं। ये नियम अधिसूचित हो चुके हैं। बता दें कि इस स्कीम में कोई खास बदलाव नहीं हुए है लेकिन, जो छोटे छोटे बदलाव हुए हैं। तो चलिए अपनी खबर के जरिए हम आपको स्कीम के बारे में बताते है।
डिफॉल्ट अकाउंट होने पर भी नहीं बदलेगी ब्याज दर
सुकन्या समृद्धि स्कीम के नियमों के अनुसार, स्कीम में हर साल कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है। अगर यह रकम भी जमा नहीं की जाती है तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाएगा। नए नियमों के अनुसार, अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक डिफॉल्ट अकाउंट पर स्कीम के लिए लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा। यह खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। जबकि पुराने नियमों के अनुसार, ऐसे डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था। सुकन्या समृद्धि पर 7.6 फीसदी ब्याज मिलता है।
समय से पहले खाता बंद करने की मिली इजाजत
इस स्कीम के नए नियमों के अनुसार, बेटी की मौत की स्थिति में या अनुकंपा के आधार पर सुकन्या समृद्धि खाते को समय से पहले बंद करने की इजाजत दी गई है। अनुकंपा में खाताधारक की जानलेवा बीमारी का इलाज या अभिभावक की मौत जैसी स्थितियां शामिल हैं। स्कीम के पुराने नियमों के अनुसार, खाते को दो स्थितियों में बंद किया जा सकता था। पहला, बेटी की मौत और दूसरा, उसके रहने का पता बदलने की स्थिति में यह संभव था।
दो से अधिक बेटियों के मामले में हुआ ये बदलाव
बता दें कि इस स्कीम के तहत दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है। हालांकि, एक बेटी के जन्म के बाद दो जुड़वा बेटी हो जाती हैं तो उन सभी के लिए खाता खुल सकता है। नए नियमों के अनुसार, अगर दो से ज्यादा बेटियों का खाता खुलना है तो जन्म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना पड़ेगा। पुराने नियमों में अभिभावक को केवल मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत पड़ती थी।
बेटियों के खाता ऑपरेट करने के नियम में बदलाव
सुकन्या समृद्धि स्कीम के नए नियमों के अनुसार, जब तक बेटी 18 साल की नहीं हो जाती है तब तक उसे खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। जबकि पुराने नियमों में उसे 10 साल में ऐसा करने की इजाजत थी। नए नियम कहते हैं कि खाताधारक के 18 साल का हो जाने तक अभिभावक खाते को ऑपरेट करेंगे। बेटी के 18 साल का होने पर उस बैंक/पोस्ट ऑफिस में आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे जहां खाता खुला है। नए नियमों में खाते में गलत इंटरेस्ट डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इसके अलावा नए नियमों के तहत खाते में ब्याज वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा।
सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के जरुरी दस्तावेज
सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाने का फॉर्म, बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र, जमाकर्ता (माता-पिता या अभिभावक) का पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि। जमाकर्ता के पते का प्रमाणपत्र जैसे पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोल बिल आदि.पैसे जमा करने के लिए आप नेट-बैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। खाता खुल जाने पर जिस पोस्ट ऑफिस या बैंक में आपने खाता खुलवाया है वह आपको एक पासबुक देता है।