SBI ने जारी किया एलर्ट : कई तरह के ट्रांजेक्शन खतरे में, जानें कैसे बचें
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के 42 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों के लिए बड़ी खबर हैं।
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के 42 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों के लिए बड़ी खबर हैं। बैंकों में हो रही लगातार धोखाधड़ी को देखते हुए देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई लगातार अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस देने की कोशिश में लगा हुआ है। इतना ही नहीं बैंक अपने ग्राहकों को अच्छी बैंकिंग सुविधा देने के लिए कई कदम भी उठा रहा है। एसबीआई ने अपने सर्विस को लेकर कुछ बड़ी जानकारी दी है। बैंक ने एक बार फिर अपने ग्राहकों को अलर्ट किया है। एसबीआई ने अपने ताजा अलर्ट में ग्राहकों से कहा कि वो अपने कार्ड की जानकारी खुद तक ही सीमित रखें, और तो बढ़ती फ्रॉड की घटनाओं के बीच ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है।
SBI ने खाताधारकों को ट्वीट के जरिए किया अलर्ट
एसबीआई ने एक बार फिर से अपने 42 करोड़ खाताधारकों को ट्वीट के जरिए चेतावनी दी है। इसमें एसबीआई ने कहा है कि बढ़ती फ्रॉड की घटनाओं के बीच ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है। एटीएम कार्ड डिटेल्स और पिन के जरिए पैसे चुराने के फ्रॉड बढ़ रहे हैं। इसलिए एसबीआई ने अपने ग्राहकों को अपना एटीएम कार्ड और पिन को सेफ रखने की सलाह दी है। आइए आपको बताते हैं एसबीआई ने फ्रॉड से बचने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाएं हैं।
एसबीआई ग्राहक ऐसे रहें अलर्ट
- एसबीआई की मानें तो अपने बैंक अकाउंट या ऑनलाइन बैंकिंग की जानकारी को फोन में सेव करके न रखें।
- बैंक ने कहा है कि बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड, एटीएम कार्ड का नंबर या फिर इसकी तस्वीर खींचकर रखने से भी आपकी जानकारी लीक होने का खतरा रहता है।
- अपने एटीएम का इस्तेमाल खुद ही करना चाहिए। किसी दूसरे को अपने एटीएम या कोई भी कार्ड संबंधी जानकारी ना दें। ऐसा करने पर आपके अकाउंट की जानकारी लीक हो सकती है।
- कभी किसी को अपना ओटीपी, पिन नंबर, डेबिट या क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नंबर को न बताएं।
ग्राहकों से बैंक ने की अपील
एसबीआई ने बैंक ने खाताधारकों से अपील की है कि वो कभी भी किसी से अहम जानकारी साझा न करें। क्योंकि बैंक के मुताबिक, ज्यादातर फ्रॉड इसी तरह किए जाते हैं। फोन कॉल पर बैंक का नाम लेकर आपके कार्ड को ब्लॉक करने की चेतावनी देते हैं और पासवर्ड बदलने के लिए आपसे ओटीपी या कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी नंबर मांगते हैं। ऐसी धोखाधड़ी से सावधान रहें। एसबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी भी साझा की है कि वह अपने ग्राहकों से कभी भी यूजर आईडी, पिन, पासवर्ड, सीवीवी, ओटीपी, वीपीए (यूपीआई) जैसी संवेदनशील जानकारी नहीं मांगता है। ऐसे में हर ट्रांजेक्शन करते वक्त इन बातों का ख्याल रखें। और इस तरह के फर्जी कॉल और एसएमएस से सावधान रहने की जरूरत है।
नोट: फर्जी कॉल, एसएमएस या इमेल आने पर बैंक से संपर्क करें। किसी भी फ्रॉड इमेल या एसएमएस का जवाब ना दें। इसके साथ ही किसी तरह की बैंक संबंधी जानकारी लेनी हो तो सीधा अपने बैंक में जाए। गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन के माध्यम से किसी भी बैंक से जुड़ी डिटेल खोजने का प्रयास बिलकुल न करें। जानकारी के लिए बैंक के अधिकृत वेबसाइट पर जाएं।
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