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Rent Agreement : 11 महीनों का क्यों होता है, किराये पर रहने वाले जरूर जानें

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नई दिल्ली, सितंबर 13। क्या आप किराये के घर में रहते हैं? अगर हां तो यह खबर आपके काफी काम आएगी। यहां हम आपको किराया यानी रेंट एग्रीमेंट के बारे में बताएंग। आपको मालूम होगा कि किराएदार और मकान मालिक के बीच एक समझौता होता है। इस समझौते पर मकान मालिक, किरायेदार और गवाहों के साइन होते हैं। इसके तहत किराए और घर से जुड़े कुछ खास निर्देश तय किए जाते हैं। मगर कभी आपने सोचा कि रेंटल एग्रीमेंट 11 महीने के लिए ही क्यों होता है? अगर नहीं सोचा तो यह खबर अंत तक पढ़ें और इस नियम से जुड़ी सारी जानकारी हासिल करें।

 

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इसलिए होता है 11 महीनों का समझौता

इसलिए होता है 11 महीनों का समझौता

किरायेदार और प्रॉपर्टी के मालिक के बीच 11 महीने बाद 5-10 प्रतिशत किराया वृद्धि के साथ नया किराया समझौता हो सकता है। पर सवाल यही है कि समझौता केवल 11 महीने के लिए ही क्यों होता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंजीकरण अधिनियम 1908 की धारा 17 के अनुसार कोई भी किराया समझौता तब तक पंजीकृत नहीं कराना होता जब तक कि वो 12 महीने से कम की अवधि के लिए हो।

कागजी कार्रवाई से बच जाते हैं
 

कागजी कार्रवाई से बच जाते हैं

12 महीने से कम के समझौते के मामले में उसे रजिस्टर नहीं कराना होता और मकान मालिक और किरायेदार दोनों कागजी कार्रवाई से बच जाते हैं। मगर समझौता 12 महीने से अधिक का हो तो दोनों पक्षों को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। असल में उस स्थिति में सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों में दस्तावेज जमा करके पंजीकरण करवाना होता है।

पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क

पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क

12 महीने या इससे अधिक के किराया समझौता मामले में यदि आप उसे रजिस्टर कराएं तो पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क का भुगतान भी करना होगा। मगर 12 महीने से कम समय के लिए समझौता किया जाए तो प्रॉपर्टी का मालिक और किरायेदार दोनों इससे बच जाएंगे। यही वजह है कि अधिकतरह किराया समझौते 11 महीने के होते हैं।

मकान मालिक का फायदा

मकान मालिक का फायदा

11 महीने का एग्रीमेंट मकान मालिक के पक्ष में होता है। क्योंकि वे 11 महीने बाद किराया बढ़ा सकता है। अगर समझौता हो लंबा तो रजिस्ट्रेशन के दौरान एग्रीमेंट में समय और किराए की रकम के हिसाब से स्टांप शुल्क देना पड़ेगा। आसान भाषा में समझाएं तो रेंटल जितना लंबा एग्रीमेंट होगा और किराया जितना अधिक होगा, उतनी ही अधिक स्टैंप ड्यूटी देनी पड़ेगी।

मकान मालिक को एक और फायदा है

मकान मालिक को एक और फायदा है

11 महीने के एग्रीमेंट से मकान मालिक रजिस्ट्रेशन से मुक्ति रहता है। दूसरे स्टैंप ड्यूटी नहीं देनी होती। तीसरे यदि दोनों पक्षों में कोई विवाद होता है तो कोर्ट जाने की भी गुंजाइश नहीं रहती। यानी मकान मालिक की संपत्ति सुरक्षित रहती है। अगर एग्रीमेंट की अवधि लंबी हो तो वे रेंट टेनेंसी एक्ट के तहत आएगा। इसका किरायेदारों को फायदा हो सकता है। यदि कोई विवाद हो तो न्यायालय जाया जा सकता है। वहीं किराया तय करने का अधिकार न्यायालय के पास रहता है। यानी मकान मालिक मनमाना किराया नहीं ले सकता। पर आम तौर देखा गया है कि मकान मालिक 11 महीने का एग्रीमेंट करा कर काफी फायदा उठाते हैं।

English summary

Rent Agreement Why is it for 11 months those living on rent must know

In the case of an agreement of less than 12 months, it does not have to be registered and both the landlord and the tenant are saved from the paperwork. But if the agreement is more than 12 months, then both the parties may have to make rounds of offices.
Story first published: Tuesday, September 13, 2022, 20:10 [IST]
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