RD : Post Office या SBI में कहां रहेगा पैसा सेफ और होगी ज्यादा कमाई, जानिए
नयी दिल्ली। आरडी (रिकरिंग डिपॉजिट) अकाउंट एक तरह का एफडी अकाउंट होता, जिसमें आप पहले से तय समय के लिए निवेश करते हैं। इसमें आप हर महीने किस्तों में थोड़ा-थोड़ा पैसा जमा कर सकते हैं। ध्यान रहे कि एक बार तय की गई किस्त की राशि को बदला नहीं जा सकता। आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में आरडी खाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खोल सकते हैं। ऑनलाइन ये काम आप घर बैठे कर सकते हैं, जबकि ऑफलाइन मॉड में निकटतम शाखा में जाना होगा। यदि आप अच्छे रिटर्न के लिए आरडी खाता खोलना चाहते हैं तो एसबीआई और पोस्ट ऑफिस दोनों ही अपने ग्राहकों को आरडी अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि एसबीआई और पोस्ट ऑफिस किसमें आरडी अकाउंट खुलवाना ज्यादा बेहतर ऑप्शन है और कहां आपका पैसा ज्यादा सेफ रहेगा।
कहां रहेगा पैसा सेफ
एसबीआई और पोस्ट ऑफिस दोनों ही सेफ ऑप्शन हैं। ये दोनों सरकारी संस्थान हैं, इसलिए सुरक्षा की कोई टेंशन नहीं है। हालांकि यदि कोई बैंक डूबता है तो ग्राहकों को परेशानी हो सकती है। मगर हाल ही में आरबीआई ने कहा एसबीआई को उन बैंकों में शामिल किया जिनके डूबने की कोई संभवना नहीं है। आइए जानते हैं कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न।
यहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न
आम निवेशकों के लिए एसबीआई आरडी ब्याज दरें 5 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत तक हैं। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 50 आधार अंक की अतिरिक्त ब्याज दर मिलेगी। वहीं पोस्ट ऑफिस में आरडी की ब्याज दर 5.8 प्रतिशत है। पोस्ट ऑफिस में हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा होती है। पोस्ट ऑफिस आरडी में 5 वर्ष की मैच्योरिटी अवधि होती है, जबकि एसबीआई में आरडी अवधि 1 वर्ष से 10 वर्ष तक की होती है।
जानिए अन्य जरूरी बातें
- आप चेक / कैश के माध्यम से एसबीआई आरडी खाता खोल सकते हैं। लेकिन पोस्ट ऑफिस में आरडी खाता केवल न्यूनतम बैलेंस राशि जमा करके ही खोला जा सकता है
- करीबी पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में जाकर आप 5 वर्षीय आरडी खाता ऑफ़लाइन खोल सकते हैं, जबकि आप एसबीआई के आधिकारिक नेट बैंकिंग पोर्टल से आप ऑनलाइन आरडी खाता खोल सकते हैं
- दोनों ही जगहों पर आप जितना चाहे उतना निवेश कर सकते हैं
- पोस्ट ऑफिस के लिए 5 वर्षीय आरडी की ब्याज दर सरकार तय करती है। एसबीआई में अलग-अलग अवधि के लिए ब्याज दरें भी भिन्न होती हैं
एसबीआई आरडी अकाउंट पर लगे वाले चार्ज
- पांच साल या उससे अधिक की अवधि के लिए खाता रखने वाले निवेशकों पर जरूरी मासिक किस्त का भुगतान नहीं करने पर प्रति 100 रुपये पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा
- 5 वर्ष से अधिक के खाते वाले निवेशकों के लिए ये जुर्माना प्रति 100 रुपये पर 2 रुपये होगा
- लगातार तीन मासिक किस्तों को जमा करने पर आपसे 10 रुपये का सेवा शुल्क लगाया जाएगा। ये चार्ज आरडी खाता मैच्योर होने तक लिया जाएगा
- यदि आपने लगातार 6 किस्तों को जमा न किया तो पैसा लौटा कर आपका खाता बंद कर दिया जाएगा
लगता है टैक्स
आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार आरडी टैक्सेबल है। आरडी में जमा की गई पर टैक्स लगता है। इतना ही नहीं प्राप्त ब्याज पर 10 प्रतिशत टीडीएस भी लगता है। मगर आरडी पर टीडीएस तभी कटता है जब किसी वित्तीय वर्ष में ब्याज 10000 रुपये से अधिक हो। आप 15एच या फॉर्म 15जी जमा करके ब्याज पर लागू टीडीएस से बच भी सकते हैं।
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