Property : नया घर खरीदते समय इन डॉक्यूमेंट्स को जरूर करें चेक, नहीं होगा नुकसान
नई दिल्ली, जुलाई 23। जानकारों के अनुसार रियल एस्टेट सेगमेंट में कोई भी डील करने से पहले बहुत सारी चीजों की जानकारी हासिल करना जरूरी है। वरना आपके साथ ठगी हो सकती है। जो चीजें आपको नयी प्रॉपर्टी खरीदते समय देखना चाहिए उनमें लोकेशन, कई तरह के दस्तावेज, विक्रेता की जानकारी, संपत्ति पर किसी तरह का विवाद आदि शामिल है। इस काम के लिए आप कानूनी सलाह ले सकते हैं। जहां तक दस्तावेजों की जांच की बात है तो उन पर आपको खास तौर पर ध्यान देना है। यहां हम आपको बताएंगे कि कौन-कौन से दस्तावेज चेक करना जरूरी है।
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प्रॉपर्टी का मालिक
कोई भी डील करने से पहले प्रॉपर्टी के मालिकाना हक और उससे जुड़े दस्तावेज चेक करें। टाइटल डीड ऐसे समय पर सबसे अहम दस्तावेजों में से एक है। घर खरीदने से पहले इसे जरूर वेरिफाई करें। ये असल मालिक की जानकारी देनें में मदद करेगा। यह जानना भी जरूरी है कि जहां घर तैयार किया गया है वो जमीन कानूनी रूप से लीगल है। साथ ही सारी मंजूरियां ली गयी हैं।
टैक्स भरा या नहीं
नगर निगम की तरफ से प्रॉपर्टी पर टैक्स लगाया जाता है। इसलिए आपको ये चेक करना चाहिए कि जो घर या संपत्ति आप खरीद रहे हैं उसका टैक्स भरा गया है या नहीं। उससे जुड़े सारे दस्तावेज जरूर चेक करें और पूरी तसल्ली करें। आपको एंकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट को चेक करना होगा। इससे यह भी पता लगेगा कि संपत्ति पर कोई देनदारी नहीं है।
कमेंसमेंट सर्टिफिकेट है बहुत जरूरी
कमेंसमेंट सर्टिफिकेट को कंस्ट्रक्शन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के नाम से भी जाना जाता है। जब कोई किसी डेवलपर से बन रही संपत्ति खरीदे तो इस सर्टिफिकेट की मांग करना जरूरी है। बता दें कि यह सर्टिफिकेट बताता है कि प्रॉपर्टी बनाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से सारी मंजूरी ली जा चुकी है। आपको पता चल जाएगा कि सारे लाइसेंस और अनुमति मिलने के बाद ही प्रॉपर्टी का काम शुरू किया गया है।
लेआउट प्लान
लेआउट प्लान के लिए अधिकारियों से मिलना जरूरी है। इससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स जरूर चेक करें। कहीं कहीं डेवलपर्स अतिरिक्त मंजिलों को जोड़कर या खुले क्षेत्रों को कम करके लेआउट प्लान से अलग निर्माण करते हैं। ये आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इस तरह की किसी योजना को नगरपालिका प्राधिकरण से मंजूरी मिलती है। यदि अनधिकृत या अतिरिक्त निर्माण बाद में पता लगता है तो इस पर कार्रवाई हो सकती है, जो आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
ओसी सर्टिफिकेट
ये एक अंति मगर बेहद जरूरी दस्तावेज है। यह सर्टिफिकेट भी स्थानीय अधिकारियों की तरफ से प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जारी किया जाता है। यह दस्तावेज इस बात का प्रूफ है कि संपत्ति का निर्माण उसे मिली मंजूरियों के अनुसार ही हुआ है। इस लेवल पर डेवलपर ने पानी, सीवेज और बिजली आदि के कनेक्शन लगवा दिए होंगे। प्रॉपर्टी एक लंबी अवधि का सौदा होता है। इसलिए इस मामले में सतर्कता बरतनी बहुत जरूरी है। आप मोटी रकम से प्रॉपर्टी खरीदते हैं। इसलिए तमाम बातों पर गौर और चेक करें। इसके लिए डेवलपर से सारे दस्तावेज देखें और स्थानीय अधिकारियों से भी जानकारी ली जा सकती है।