NRI : देश में खरीद सकते हैं प्रापर्टी, ये हैं नियम
नई दिल्ली, जुलाई 22। अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को भारत में संपत्ति खरीदने के लिए भारतीय कानूनों से परिचित होना जरुरी है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) देश के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक को भारतीय अचल संपत्ति में निवेश करने की अनुमति देता है। हालाँकि, इसके लिए कुछ नियम कानून हैं। अगर किसी एनआरआई को कोई संपत्ती उपहार मे मिली है या फिर विरासत में मिली है, तो एनआरआई को ऐसी संपत्तियों का कानूनी मालिक होने के लिए सरकार और आरबीआई की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
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ट्रांसफर की है अनुमती
अनिवासी भारतीय किसी भी अचल संपत्ति को भारत में रहने वाले व्यक्ति को हस्तांतरित कर सकते हैं। वे कृषि भूमि, वृक्षारोपण संपत्ति, या फार्महाउस के अलावा अचल किसी भी संपत्ति को किसी भारतीय नागरिक या भारत के बाहर निवासी पीआईओ को हस्तांतरित कर सकते हैं।
आरबीआई नियम
एनआरआई भारत में अचल संपत्ति खरीदने के लिए आसानी से भुगतान कर सकते है।
एनआरआई संपत्ती के लिए भुगतान विदेश से भी कर सकते है, अगर एनआरआई ने संपत्ती बेचा है तो वह अपने एनआरई / एफसीएनआर (बी) / एनआरओ खाते में डेबिट करा सकता है।
इस तरह के भुगतान ट्रैवलर चेक, विदेशी मुद्रा नोट या अन्य तरीकों से नहीं किए जा सकते हैं
भारतीय मुद्रा में ही सौदा होगा
एक एनआरआई जिसने सामान्य अनुमति के तहत आवासीय/वाणिज्यिक संपत्ति खरीदी है, उसे रिजर्व बैंक के पास कोई दस्तावेज दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।
टैक्स इंप्लिकेशन
संपत्ति खरीदने के लिए टैक्स इंप्लिकेशन हैं। इनकम टैक्स के नियम के अनुसार अगर कोई एनआरआई भारत में संपत्ती खरीदता है तो उसे टीडीएस कटवाना होगा। यदि कोई एनआरआई भारत में किसी निवासी से अचल संपत्ति खरीदता है, तो उसे 1% टीडीएस कटवाना होगा। यदि एनआरआई किसी अनिवासी से संपत्ति खरीदता है तो उसे 20% टीडीएस कटवाना होगा।
अनिवासी भारतीयों के लिए नियम
एनआरआई भारत में कृषि भूमि, फार्महाउस या वृक्षारोपण संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं
यदि एनआरआई अनिवासी से संपत्ति खरीदता है, और एलटीसीजी लागू होता है, तो 20% टीडीएस कटेगा
एक निवासी से खरीदारी करने पर, एक एनआरआई को 1% टीडीएस काटना होगा यदि बिक्री मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक है