2000 रु तक की ऑनलाइन शॉपिंग पर नहीं आएगा OTP, जानें नया नियम
अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब दो हजार रुपये तक की ऑनलाइन शापिंग पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की सुविधा खत्म होगी।
नई दिल्ली: अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब दो हजार रुपये तक की ऑनलाइन शापिंग पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की सुविधा खत्म होगी। इस बात के लिए रिजर्व बैंक ने मंजूरी बैंकों को दे दी है। इससे अब ऐसे ट्रांजेक्शन करना बहुत जल्दी हो जाएगा। फ्लिपकार्ट ने इसको शुरू कर दिया है। वहीं स्विगी और कैब सेवा प्रदाता कंपनियां भी अपने यहां जल्द ऐसा करने वाली हैं। इसके अलावा आरबीआई ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट भी पेश किया है। इसके जरिए 10 हजार रुपये तक की शॉपिंग की जा सकती है। शुरू होने वाली है फ्लिपकार्ट पर रिपब्लिक डे सेल, मिलेगी 80 प्रतिशत तक की छूट ये भी पढ़ें
ट्रांजेक्शन को तेज और सुविधाजनक बनाना मुख्य वजह
देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी और मोबाइल ऐप ट्रांजेक्शन में वन-टाइम-पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत को खत्म कर चुके हैं। इसको खत्म करने के पीछे मुख्य वजह ट्रांजेक्शन (पैसों के लेन-देन) को तेज और सुविधाजनक बनाना है। कंपनियों ने ये फैसला आरबीआई ने बैंकों को बिना ओटीपी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा देने की इजाजत दे दी है। यह बात उस मामले में लागू है जहां मर्चेंट कस्टमर को वेरिफाई कर सकता है। अभी ऑनलाइन शापिंग या डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। ओटीपी देने पर ही भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती है। लेनदेन की इस पूरी प्रक्रिया में 3 से 5 मिनट का समय लगता है।
आरबीआई के फैसले से ग्राहकों को होगा फायदा
आरबीआई चरणबद्ध तरीके से नियमों में ढील देने की वजह से बिना ओटीपी के ट्रांजैक्शंस संभव हो पाया है। आरबीआई ने ट्रांजैक्शंस को सुगम बनाने के लिए बैंकों को बिना ओटीपी के ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस की मंजूरी दी है। इस तरह अब ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त फटाफट ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। फ्लिपकार्ट ने वीजा के साथ एक नई सेवा शुरू की है। इसका नाम वीजा सेफ क्लिक (वीएससी) है। इसकी मदद से फ्लिपकार्ट पर 2,000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जानिए 10 हजार रु की शॉपिंग को लेकर क्या है नया ऐलान
- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक नया प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) पेश किया है। इस पीपीआई से अधिकतम 10,000 रुपए की खरीदारी या अन्य सेवाओं के लिए भुगतान किया जा सकेगा। इस पीपीआई में सिर्फ बैंक अकाउंट से ही पैसे डाले जा सकेंगे। पीपीआई का उपयोग डिजिटल भुगतान में हो सकेगा, जिसमें बिल भुगतान, मर्चेंट भुगतान, आदि शामिल होंगे। वहीं आरबीआई ने कहा कि डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में पीपीआई महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पीपीआई एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें पहले से पैसे डाल कर रखे जा सकते हैं। इस पैसे से वस्तु और सेवाएं खरीदी जा सकती है।
- पीपीआई से दोस्त या रिश्तेदार, आदि को पैसे भी भेजे जा सकते हैं। अभी देश में तीन प्रकार के पीपीआई काम कर रहे हैं। ये हैं सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई, क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई। पीपीआई को कार्ड और मोबाइल वॉलेट के रूप में जारी किया जा सकता है।
- फिलहाल यह देश में काम कर रहे कुछ प्रमुख पीपीआई में पेटीएम, मोबिक्विक (सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई), गिफ्ट कार्ड (क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई), ट्रैवल, डेबिट या क्रेडिट कार्ड (ओपन सिस्टम पीपीआई) शामिल हैं।
- पीपीआई को बैंक और गैर-बैंकिंग इकाइयां जारी करेंगी। आरबीआई ने कहा, इस पीपीआई में पैसे भरे जा सकते हैं और इसे कार्ड या इलेक्ट्रानिक रूप में जारी किया जा सकता है। इसमें पैसा बैंक खाते ही भरे जा सकेंगे। इस प्रकार के पीपीआई का उपयोग केवल वस्तु और सेवाओं की खरीद में किया जा सकेगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि बचे हुए पैसे को को फिर से अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।
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