Mutual Fund : कैसे बचाएं अपना पैसा और कैसे बढ़ाएं रिटर्न, जानिए बेस्ट टिप्स
Mutual Fund Tips : म्यूचुअल फंड निवेश लाखों निवेशकों के लिए निराशाजनक और अनिश्चित वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच एक उज्ज्वल निवेश ऑप्शन के रूप में उभरा है। अर्थव्यवस्थाए तो अभी भी महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से जूझ रही हैं। वर्तमान में म्यूचुअल फंड में लगभग 5.72 करोड़ एसआईपी खाते हैं, जिसके माध्यम से निवेशक नियमित रूप से म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं। जानकार कहते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश स्पष्ट रूप से किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे अच्छी निवेश रणनीति रही है। म्यूचुअल फंड किसी भी समय में सबसे सुरक्षित निवेश रणनीति हो सकती है। उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर शेयर बाजार के बीच भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है क्योंकि यहां निवेश करने पर आपको लंबी अवधि में लाभ मिलेगा।
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अमीर बनने का तरीका
म्यूचुअल फंड में चक्रवृद्धि रिटर्न के कारण, लंबे समय में निवेश बढ़ने की अधिक संभावना होती है। जिन निवेशकों ने धैर्य और विश्वास के साथ अपना निवेश जारी रखा है, उन्हें बीते वर्षों में म्यूचुअल फंड निवेश से आकर्षक रिटर्न मिला है। कुछ मामलों में स्टॉक शॉर्ट टर्म में तगड़ा रिटर्न दे देते हैं। मगर वहां रिस्क होता है। पर लंबे समय में म्यूचुअल फंड अमीर बनने का सबसे अच्छा तरीका साबित हुआ है।
म्यूचुअल फंड में रिटर्न बढ़ाने के टिप्स
एसआईपी
इक्विटी बाजार में सतर्क रुख के बीच निवेशक लंबी अवधि में संपत्ति बनाने के लिए एसआईपी पर दांव लगाएं। एसआईपी म्यूचुअल फंड द्वारा दी जाने वाली एक निवेश सुविधा है जिसमें आप निश्चित अवधि में निश्चित राशि का लगातार निवेश कर सकते हैं। इससे फायदा यह है कि निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में टेंशन लेने की जरूरत नहीं रहती, क्योंकि एसआईपी रूट समय के साथ निवेश मूल्य का औसत निकालता है।
डाइवर्सिफाइड निवेश
एक डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो एक निवेशक को विभिन्न एसेट क्लास में निवेशित रहने में मदद करता है और कुछ एसेट क्लास में जोरदार प्राइस बढ़ोतरी से चूकने से बचता है। इसलिए, यदि एक एसेट क्लास खराब प्रदर्शन करता है, तो अन्य ऑप्शनों में जहां पैसा लगा हुआ वो बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इसलिए अलग-अलग एसआईपी में निवेश करें।
डायरेक्ट फंड्स
डायरेक्ट प्लान के जरिए निवेश करने से निवेशकों को फंड मैनेजर्स को ब्रोकरेज देने से बचकर 1-1.5 फीसदी से ज्यादा रिटर्न हासिल करने में मदद मिलेगी।
रेगुलर निवेश
लगातार निवेश से बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद मिलती है जिससे निवेशक को बाजार में गिरावट के समय अधिक यूनिट खरीदने में मदद मिलती है।