Mutual Fund : चाहिए तगड़ा मुनाफा तो न करें ये गलतियां, पैसों की तरफ से हो जाएंगे टेंशन फ्री
नयी दिल्ली। हर निवेशक कभी न कभी निवेश के किसी फैसले में गलती जरूर करता है। मगर निवेश करने में होने वाली गलतियाँ मूल्यवान सबक होती हैं। इसलिए गलती से सीखना जरूरी है। मगर यदि आप होमवर्क अच्छे से करें तो आप गलती से बच सकते हैं। होमवर्क के लिए बढ़िया है कि आप टिप्स और सलाह लें। यदि आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, लगाने जा रहे हैं या लगाने की सोच रहे हैं तो यहां बताये जाने वाले कुछ टिप्स आपके बहुत काम आ सकते हैं। यहां हम म्यूचुअल फंड में निवेश के समय करने वाली उन गलतियों के बारे में बताएंगे, जो भारतीय निवेशक आम तौर पर करते हैं।

बिना गोल के निवेश न करें
पहली गलती होती है बिना किसी गोल या लक्ष्य के निवेश करना। भारत में बड़ी संख्या में लोग दोस्तों और रिश्तेदारों की सलाह पर निवेश करते हैं। जबकि जरूरी है कि आपके एक अच्छा वित्तीय सलाहकार हो। वह आपके लक्ष्यों को समझेगा और उसे प्राप्त करने वाले निवेश की सलाह देगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए फंड तैयार कर हैं और आपके पास 7-8 साल हैं तो आप डेब्ट फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के बजाय एक डाइवर्सिफाइ इक्विटी फंड पोर्टफोलियो बनाने पर विचार कर सकते हैं।

एड-हॉक निवेश न करें
यहां एड-हॉक निवेश का मतलब है टैक्स बचाने के लिए किया गया निवेश। असल में टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना आपके निवेश लक्ष्यों को पूरा करने वाला होना चाहिए। एफडी पर टैक्स बेनेफिट मिलता, मगर इस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। इससे रिटर्न कम हो जाता है। यदि आपका लक्ष्य कुछ साल दूर है तो इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) में निवेश करना बढ़िया है।

बजट के साथ करें निवेश
बिना बजट के निवेश करना आपको महंगा पड़ सकता है। कई लोग फौरन मुनाफे की उम्मीद में बिना किसी साफ दिशा के निवेश करते हैं। यदि आपके पास कोई प्लान नहीं है तो आप पैसे की आवश्यकता आने पर निवेश को नुकसान पर बेचने के लिए मजबूर हो जाएंगे। निवेश प्लान होना और उस पर टिके रहना जरूरी है। अपनी बचत का एक हिस्सा एसआईपी के माध्यम से इक्विटी और डेब्ट फंड में निवेश किया जा सकता है।

सही से हो डाइवर्सिफिकेशन
निवेश के लिए उत्साह सही नहीं है। निवेशक सबसे बड़ी गलती बहुत सारे फंडों में निवेश करके करते हैं। अक्सर डाइवर्सिफिकेशन के नाम पर लोग एक जैसी स्कीमों में पैसा लगा देते हैं। इससे गोल हासिल नहीं होगा। उदाहरण के लिए आप बहुत सारे लार्ज-कैप फंड में निवेश करें तो ये सही नहीं है। क्योंकि लार्ज-कैप फंड्स के रिटर्न एक जैसे होंगे। अगर नुकसान हुआ तो सारी स्कीमें नुकसान कराएंगी। इसलिए अलग-अलग कैप की स्कीमों में निवेश करें। आपको थोड़ा-थोड़ा कमोडिटीज, सोना और अंतर्राष्ट्रीय फंड में भी निवेश करना चाहिए।

निवेश जुआ नहीं है
निवेश जुआ नहीं है। सबसे बड़ी गलतियों में से एक ये है कि लोग छोटी अवधि के मुनाफे के बारे में सोचते हैं और नुकसान होने पर निवेश ही छोड़ देते हैं। जब तक निवेश लक्ष्य प्राप्त न हो तो तब तक आपको निवेश बेचने की जल्दी में नहीं होना चाहिए। याद रखें म्यूचुअल फंड्स वेल्थ क्रिएशन के इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो लॉन्ग टर्म में सबसे अच्छा काम करते हैं।
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