Cryptocurrency : तो क्या बजट में 2.5 लाख रु की कमाई हुई Tax Free
नई दिल्ली, फरवरी 3। 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया था। अपने बजट में इन्होंने डिजिटल एसेट यानी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर सीधा सीधा 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया है। जैसे ही यह टैक्स लगाया गया, वैसे ही यह बात सामने आ रही है कि क्या सरकार ने 2.5 लाख रुपये तक की क्रिप्टो से होने वाली आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है। हालांकि ऐसा हुआ है कि नहीं यह सरकार को अलग से बताना है, लेकिन अभी तक जो सामने आया है, उससे टैक्स मामलों के जानकार कुछ ही अंदाजा लगा रहे हैं।
आइये जानते हैं कि क्या यह मामला।
ढाई लाख रुपये तक की आमदनी होती है टैक्स फ्री
अभी तक देश में लागू आयकर कानून के अनुसार अगर किसी भी नागरिक की आमदनी एक वित्तीय साल में ढाई लाख रुपये तक है, तो उस पर कोई आयकर नहीं लगता है। यही नहीं ऐसे लोगों को आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की जरूरत भी नहीं है। यह एक बेसिक नियम है। इसी नियम के आधार पर यह माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली ढ़ाई लाख रुपये तक की आमदनी इनकम टैक्स फ्री हो सकती है।
आइये जानते हैं यह कैसे हो सकता है।
यह माना जा रहा है
टैक्स मामालों के जानकारों का मानना है कि अगर किसी भी व्यक्ति की आमदनी एक वित्तीय साल में अगर केवल क्रिप्टो से ही हो और वह ढाई लाख रुपये तक ही हो। ऐसे में उसे ढाई लाख रुपये की आमदनी पर टैक्स न लगने के नियम का फायदा मिल सकता है। चार्टर्ड एकाउंटेंट के.सी.गोदुका का कहना है कि ऐसा अभी तक की जानकारी के हिसाब से लग रहा है। लेकिन अगर सरकार इस पर स्पष्टीकरण लाती है, तो स्थितियां बदल सकती हैं।
रिटर्न भरने की जानें क्यों नहीं है जरूरत
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क्या आईटीआर भरने की जरूरत भी नहीं
बजट में बताया गया है कि क्रिप्टो पर 1 फीसदी का टीडीएस काटा जाएगा। ऐसा होने पर जब भी आपको क्रिप्टो में निवेश पर कमाई होगी, तो यह डीडीएस कटेगा। आमतौर पर टीडीएस उन लोगों का भी काट लिया जाता है, जिनकी आय टैक्सेवल नहीं होती है। ऐसे में इस तरह के लोग बाद में रिटर्न फाइल करके इस कटे हुए टीडीएस का वापस ले लेते हैं। ऐसे में अगर आपकी क्रिप्टो और अपनी अन्य कमाई मिलाकर एक वित्त वर्ष में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की नहीं हैं, तो आप को आईटीआर भरना जरूरी नहीं है। आयकर मामलों के वकील राजीव तिवारी के अनुसार अगर लोग अपना कटा हुआ टीडीएस वापस चाहते हैं, तो उनको आईटीआर भरना होगा, बाकी अगर चाहें तो नहीं भी भर सकते हैं। लेकिन इनका कहना है कि अगर सरकार बाद कुछ और स्पष्टीकरण जारी करती है, तो उन पर भी ध्यान देना होगा। लेकिन इनके अनुसार तो अभी तक आईटीआर फाइल करना जरूरी नहीं लग रहा है।
सरकार ला सकती है जरूरी स्पष्टीकरण
सीए पवन शंखधर का कहना है कि अभी तो बजट प्रस्ताव देख कर ऐसा ही लगा रहा है। लेकिन सरकार ने जिस मंशा से यह टैक्स लगाया है, वह इससे पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे में इनको लगता है कि सरकार जल्द ही क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर सवाल-जवाब के रूप में स्पष्टीकरण जारी करेगी। अब कब तक आएगा यह नहीं कहा जा सकता है।