कुछ भी : अगर अर्थव्यवस्था डूब रही है, तो यह सब क्या है
नई दिल्ली, अगस्त 9। श्रीलंका, पाकिस्तान और बंग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों मंदी की चपेट में आ रहे हैं। इसका देखा देखी कई लोग भारत में भी मंदी की अटकलें लगा रहे हैं। हालांकि ऐसे लोग उन बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, या देना नहीं चाह रहे हैं, जो कुछ और ही कहानी कह बता रहे हैं। आइये कुछ ऐसे आंकड़ों पर नजर डालते हैं, जो सभी को आसानी से समझ में आ जाएंगे और उन पर भरोसा भी कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि यह आंकड़े नए हैं, बल्कि बस एक साथ इन आंकड़ों को पढ़ने से इनका मतलब बदल जाता है। आइये जानते हैं इन आंकड़ों पर नजर।
जमकर बढ़ रहा जीएसटी कलेक्शन
जुलाई 2022 में जीएसटी कलेक्शन में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। जुलाई में जीएसटी क्लेक्शन 28 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा हे। जीएसटी कलेक्शन तब सरकार को मिलता है, जब बाजार में किसी ने सामान बनाया हो और बाद में बिका हो। यानी देश में बिक्री बढ़ रही है, तभी जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है।
आईटीआर भरने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर
31 जुलाई 2022 आईटीआर भरने की अंतिम तिथि थी। इस अंतिम दिन यानी 31 जुलाई को ही 72.4 लाख लोगों ने अपना आयकर रिटर्न भरा है। रविवार होने के बाद भी रिकॉर्ड संख्या में आईटीआर भरे गए। वहीं अगर पूरे साल के लिए देखा जाए तो कुल मिलाकर 5.83 करोड़ आईटीआर भरे गए हैं।
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शेयर बाजार में तेजी बरकरार
शेयर बाजार में मंदी के दौरान तेजी नहीं होती है। लेकिन भारत का शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियों के शेयर के रेट तभी बढ़ते हैं, जब कंपनियां कारोबार अच्छा कर रही हों। इस बात को जीएसटी से भी जोड़ कर देखा जा सकता है। जीएसटी बढ़ा मतलब बाजार में बिक्री बढ़ी है। बिक्री बढ़ी है, मतलब कंपनियों का कारोबार बढ़ा है। ऐसे में शेयर बाजार मंदी की आशंका को खत्म करता है। यही नहीं अगस्त के पहले हफ्ते में की विदेशी निवेशकों ने करीब 14,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
अगर मंदी है तो कारों की बिक्री कैसे बढ़ रही
कार और एसयूवी की बिक्री की बिक्री जुलाई 2022 के दौरान 3.4 लाख रही है। यह कारों की डिलीवरीज का रेकॉर्ड स्तर है। पर्सनल मोबोलिटी और नए मॉडल्स की भारी मांग बनी हुई है। भारी मांग के चलते कंपनियां कारों की आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं। कारों की बुकिंग के बाद कई महीनों का इंतजार करना पड़ रहा है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रिकार्ड तोड़ बढ़त
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी तेजी का दौर है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई 2022 में 8 महीनों के उच्च स्तर पर हैं। मंथली सर्वे में यह आंकड़ा सामने आया है। यह सर्वे हर माह आयोजित किया जाता है। इस सर्वे को एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का पीएमआई कहा जाता है। इसके अनुसार जून में 53.9 प्रतिशत से बढ़कर यह जुलाई में 56.4 प्रतिशत हो गया है। यह 8 महीनों का उच्चतम स्तर है। पीएमआई में बढ़त का मतलब है कि देश में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो रहा है।