Residential Property बेच रहे तो जानिए टैक्स बचाने का तरीका, होगा लाखों का फायदा
नई दिल्ली, अगस्त 29। यदि आप घर खरीदने के दीन से से दो साल बाद अपना घर बेचते हैं, तो इसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) के कैटेगरी में माना जाएगा। एलटीसीजी पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 20 प्रतिशत की एक समान दर से टैक्स लगाता है। लेकिन कम अवधि में ही घर बेचने पर आपको इंडेक्सेशन लाभों का दावा करने की अनुमति आयकर विभाग देता है। 2 साल के अवधि में ही घर बेचने वाले व्यक्ति के पास विक्रय राशि पर फूल टैक्स बचाने के तमाम निवेश अवसर रहते हैं। एलटीसीजी पर कर के बोझ को कम करने या बिल्कुल खत्म करने के लिए, आप एक नया घर खरीदने या बनाने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 54 के प्रावधानों का सहारा ले सकते हैं। चलिए हम आपको टैक्स बचाने के निवेश उपायों के बारें में बताते हैं।
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नया घर खरीदना या निर्माण कराना
यदि आप एक आवासीय घर 2 साल के बाद ही बेंच कर एलटीसीजी कमाते हैं, तो आप टैक्स बचाने के लिए आपके पास एक नया आवासीय घर खरीदने का विकल्प है। नया घर खरीदने या निर्माण में लगने वाली राशि को धारा 54 के तहत एलटीसीजी के लिए छूट का दावा कर सकते हैं। इस तरह से आपका पूरा टैक्सेबल अमाउंट रिटर्न के तौर पर आ जाएगा।
समय सीमा का रखें ध्यान
कानून के अनुसार पुरानी संपत्ति को बेचने के पहले एक वर्ष के भीतर ही नए घर का अधिग्रहण किया जाना चाहिए तभी यह कर छूट के प्रावधानों के अंतर्गत आएगा। लेकिन इसमें कुछ एक्जेम्पशन भी हैं, अगर कोई पुरानी संपत्ति की बिक्री की तारीख से दो साल के भीतर भी नया मकान को खरीदता है तो भी टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकता है। नियक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति घर बेचने के तीन साल बाद भी नया घर का निर्माण करवाता है तो वह छूट के लिए पात्र होगा।
दो घरों के खरीद में निवेश
यदि निवेश दो आवासीय घर की संपत्तियों में किया जाता है। आकलन वर्ष 2021-22 से आप धारा 54 के तहत छूट का दावा कर सकते हैं। पहले सिर्फ एक हाउस प्रॉपर्टी खरीदने पर ही टैक्स में छूट दी जाती थी। लेकिन नियमों में बदलाव के बाद दो आवासीय गृह संपत्तियों में किए गए निवेश के लिए अब छूट उपलब्ध होगी। दो घरों में निवेश पर छूट पाने के लिए आपका एलटीसीजी 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। कोई भी करदाता जीवन में केवल एक बार इस टैक्स सेविंग विकल्प का प्रयोग कर सकता है।
कैपिटल गेन अकाउंट में जमा करना
यदि आप रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले अपना एलटीसीजी निवेश नहीं कर पा रहें हैं और यदि निर्धारित आयकर नियमों की समयसीमा समाप्त नहीं हुई है, तो आप बिक्री से प्राप्त आय को पूंजीगत लाभ खाते में इसे डाल सकते हैं। आप यह खाता किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या पूंजीगत लाभ खाता योजना, 1988 में अधिसूचित अन्य कीसी भी बैंकों में खोल सकते हैं।