घर खरीदने की है तैयारी तो इन चीजों की करें जांच-पड़ताल, नहीं होगा नुकसान
नयी दिल्ली। प्रॉपर्टी खरीदते समय कई फैक्टर्स पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह आमतौर पर आपके जीवन का सबसे बड़ा खर्च होता है। कीमत एक प्रमुख फैक्टर है, मगर इसके अलावा भी कई चीजें जो गौर करने लायक हैं। घर खरीदने में वैसे भी बहुत सारे फैक्टर होते हैं जिनमें आपकी आय, ईएमआई (समान मासिक किस्तों), शहर और लोकेशन शामिल है। चाहे घर आप अपने लिए खरीदें या फिर किराये की इनकम हासिल करने के लिए इन फैक्टर्स पर ध्यान देन ही होगा। कोरोना संकट में इस तरह की चीजों (खास कर होम लोन और ईएमआई चुकाने की क्षमता) पर ध्यान और भी जरूर हो गया है। यहां हम ऐसे ही 5 अहम चीजों के बारे में बताएंगे जिन पर आपको घर खरीदते समय ध्यान देना चाहिए।
कीमतें घटने का इंतजार करनें या नहीं
पिछले कुछ सालों से प्रॉपर्टी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। मगर कोरोना आने के बाद कुछ जगहों पर कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि यहां से बहुत अधिक गिरावट नहीं हो सकता। कोरोना के बाद करीब 5-10 फीसदी कीमतें घटी हैं। ऐसे में आगे और दाम गिरने के चांस नहीं हैं। फेस्टिव सीजन के दौरान जरूर आपको अच्छी डील मिल सकती हैं। क्योंकि उस समय बिल्डर खास स्कीम पेश कर सकते हैं।
बजट का रखें ध्यान
अगर आप घर खरीदने की तैयारी में हैं तो जाहिर सी बात है कि आपके पास पैसों की तंगी नहीं है। मगर एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बड़ा फैसला लेने से पहले से अपने फ्यूचर पर नजर जरूर डाल लें। यानी आपकी जॉब या बिजनेस कितना सुरक्षित है इस पर गौर करना जरूरी है। अगर आप घर खरीदने के बारे में निश्चित हैं तो आपको उस लोन का ध्यान रखना चाहिए जो आप ले रहे हैं। ज्यादा लोन आपको नौकरी छूटने जैसी स्थिति में तंगी में डाल सकता है।
अंडर कंस्ट्रक्शन या तैयार
घर खरीदारों के लिए यह सबसे आम दुविधा होती है। अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज अधिक सस्ती होती हैं, क्योंकि डेवलपर्स आमतौर पर निर्माण के चरणों या सबवेंन प्लान्स के मामले में लचीली भुगतान योजनाएं पेश करते हैं, जहां आप कुल कीमत के सिर्फ 10-20% का भुगतान करने के बाद घर बुक कर सकते हैं और बाकी कब्जा लेने के बाद अदा कर सकते हैं। मगर ध्यान रहे कि ये योजनाएं आकर्षक हैं, लेकिन प्रॉपर्टी का निर्माण समय पर पूरा हो जाएगा या नहीं, इस संबंध में जोखिम रहता है। इसलिए एक्सपर्ट तैयार घर खरीदने की सलाह देते हैं।
अपना घर या किराया
यह एक हमेशा रहने वाली बहस है। घर खरीदने का मतलब है कि आपकी बचत का एक बड़ा हिस्सा ऐसी संपत्ति में फंस जाएगा जो लिक्विड नहीं है। यदि आप किराए पर रहते हैं, तो आपके हाथ में अधिक पैसा हो सकती है और शेष राशि का निवेश भी किया जा सकता है। मगर यदि आप पर किराया किसी बोझ की तरह है तो आपके लिए अपना घर बेहतर ऑप्शन है। इस तरह के निर्णय में कई पहलू शामिल होते हैं जैसे कि आपके पास ट्रांसफेरेलबल नौकरी है या नहीं। क्योंकि नए शहर में किराए पर मकान ही बेहतर है। मगर यदि आपके शहर में ही आपकी नौकरी है तो घर खरीदने में हिचक नहीं होनी चाहिए।
क्या रियल्टी में निवेश का सही समय है
यदि निवेश के लिए यानी किराए की इनकम हासिल करने के लिए प्रॉपर्टी खरीदी जा रही है तो एक्सपर्ट इसे मना करते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार किराये का रिटर्न काफी कम हो गया है। ऐसे में अपना पैसा किसी अन्य निवेश वाली जगह लगाएं। घर खरीदने में जल्दबाजी न करने की सलाह दी जाती है। निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं का मूल्यांकन करें।
घर खरीदने में ऐसे होती है हेराफेरी, फिर देने पड़ते हैं ज्यादा पैसे