ये है रोज 5000 रुपये तक कमाने का बिजनेस आइडिया, उठाएं फायदा
नई दिल्ली। जब से नया मोटर व्हीकर एक्ट लागू हुआ है, प्रदूषण जांच केंद्र का कारोबार तेजी से बढ़ा है। अब हर व्यक्ति अपने वाहन की प्रदूषण जांच करवा रहा है। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र खोल कर मोटी कमाई की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि प्रदूषण जांच केंद्र खोल कर रोज 5000 रुपये तक की कमाई आसानी से की जा सकती है। इसे खोलना काफी आसान है। इसके लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। इसके अलावा इस सेंटर को खोलने का स्थान और कुछ उपकरण की जरूरत होती है। यह सब में कोई बड़े निवेश की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए कम निवेश में यह कारोबार शुरू करके अच्छा फायदा कमाया जा सकता है। अगर आपके मन में यह कारोबार शुरू करने की इच्छा है, तो पहले पूरी जानकारी यहां से लें, फिर इसे खोलने के लिए स्टेप बाई स्टेप कदम बढ़ाएं। अगर आप पूरी जानकारी ध्यान से पढ़ेंगे, तो अपना वाहन प्रदूषण जांच केंद्र आसानी से खोल सकेंगे।
3 से 6 महीने के लिए बनते हैं वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट
वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट आमतौर पर 3 से 6 महीने के लिए बनते हैं। वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट का समय राज्यों के हिसाब से अलग-अलग है। ऐसे ही फीस भी राज्यों के हिसाब से अलग है। लेकिन अगर किसी ने अपने वाहन का प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं लिया है तो चालान 10,000 रुपये का कटना तय है।
कैसे मिलता है लाइसेंस
प्रदूषण जांच केंद्र को किसी भी पेट्रोल पंप या ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोला जा सकता है। प्रदूषण जांच केन्द्र खोलने के लिए रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) से लाइसेंस लेना होता है। इसके लिए दो तरह से आवेदन किया जा सकता है। पहला तरीका है कि आरटीओ ऑफिस जाकर आवेदन किया जाए। कई राज्यों में आरटीओ अब ऑनलाइन भी इसके लिए लेने लगे हैं, ऐसे में इन राज्यों में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
देना होता है एक एफिडेविट
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदन के साथा एक एफिडेविट भी देना पड़ता है। यह एफीडेविट 10 रुपये के स्टांप पेपर पर देना होता है। इसमें प्रदूषण जांच केंद्र चलाने की टर्म एंड कंडीशन को लिखा जाता है। इसके अलावा आपको लोकल प्रशासन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लेना होता है।
कितनी देनी होती है फीस
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए फीस हर राज्य में अलग-अलग है। इसलिए आवेदन के वक्त ही आरटीओ ऑफस से इसे पता लगाया जा सकता है। लेकिन यह 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं है। जहां तक दिल्ली की बात है तो यह 5000 रुपये है।
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए दिल्ली और कश्मीर की फीस
दिल्ली में फीस
-एप्लीकेशन फीस- 5000 रुपये
-सालाना फीस- 5000 रुपये
जम्मू कश्मीर के लिए
-सिक्योरिटी डिपॉजिट- 10 हजार रुपये
-फीस - 7 हजार रुपये
-सालाना फीस - 3 हजार रुपये
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के कितनी जगह चाहिए
प्रदूषण जांच केंद्र का केबिन के आकार की लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर होनी चाहिए। वहीं यह पीले रंग के केबिन में होना चाहिए। इसके साथ ही इस पर प्रदूषण केंद्र का लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए। देश में प्रदूषण जांच केंद्र कोई भी व्यक्ति, फर्म, सोसाइटी और ट्रस्ट खोल सकते हैं। हालांकि कुछ राज्यों में इसे कंपनी के रूप में ही खोला जा सकता है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए योग्यता
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपके पास ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए।
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए चाहिए ये उपकरण
कंप्यूटर
यूएसबी वेब कैमरा
इंकजेट प्रिंटर
पॉवर सप्लाई
इंटरनेट कनेक्शन
स्मोक एनालाइजर
प्रदूषण जांच केंद्र से जुड़े ये हैं नियम और शर्त
प्रदूषण जांच केंद्र को वाहनों को एक प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा। इसमें सरकार की तरफ से जारी स्टिकर लगाया जाता है। सरकार प्रदूषण जांच केंद्र से हर स्टिकर के 2 रुपये अलग से लेती है। प्रदूषण जांच केन्द्र में आने वाले हर वाहन का 1 साल तक डिटेल रखना होता है। इसके अलावा प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस जिसके नाम होगा वही व्यक्ति इसे चला सकता है।