For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

GOLD हॉलमार्किंग ज्वैलरी 1 जून से अन‍िवार्य, जानि‍ए क्‍या होगा आपकी पुरानी ज्वैलरी का

सोना खरीदने जा रहे तो पहले ये खबर जरुर पढ़ लें। आप‍को मालूम होगा कि सरकार 1 जून 2021 से गोल्ड ज्वैलरी (गहनों) की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की तैयारी में है।

|

नई दिल्ली, अप्रैल 26। सोना खरीदने जा रहे तो पहले ये खबर जरुर पढ़ लें। आप‍को मालूम होगा कि सरकार 1 जून 2021 से गोल्ड ज्वैलरी (गहनों) की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की तैयारी में है। इससे पहले यह 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाला था, लेकिन ज्वैलर्स और एसोसिएशंस की मांग पर इसे अगले 6 महीनों के लिए टाल दिया गया।

 
GOLD हॉलमार्किंग ज्वैलरी 1 जून से अन‍िवार्य

1 जून से मिलेगी हॉलमार्क ज्वैलरी
इसका मतलब साफ है कि अब आपको 1 जून से हॉलमार्क के निशान वाली ही ज्वैलरी मिलेगी। मालूम हो क‍ि सरकार ने नवंबर 2019 में गोल्ड ज्वैलरी और डिजाइन के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य किया था। इसके लिए देश के सभी ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग पर शिफ्ट होने और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 1 साल से ज्यादा का समय दिया था। बाद में ज्वैलर्स ने इस डेडलाइन को बढ़ाने की मांग की थी। इसे देखते हुए डेडलाइन को 15 जनवरी से बढ़ाकर 1 जून 2021 कर दिया गया है। अब तक देश के 34,647 ज्वैलर्स ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) में हॉलमार्किंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

 पुरानी ज्वैलरी के साथ करना होगा ये

पुरानी ज्वैलरी के साथ करना होगा ये

ऐसे में ये जानना जरुरी है कि अगर आपके पास बिना हॉलमार्किंग वाला सोना है तो उसका क्या होगा। 1 जून 2021 के बाद भी बिना हॉलमार्किंग वाला सोना एक्सचेंज किया जा सकेगा। इसके अलावा अगर आप चाहें तो अपने ज्वैलर के जरिए अपने सोने की हॉलमार्किंग करा सकते हैं। म‍िली जानकारी के मुताब‍िक बीआईएस 5 साल की लाइसेंस फीस 11,250 रुपए लेकर ज्वैलर्स को यह लाइसेंस देती है। फिर ज्वैलर्स हॉलमार्क सेंटर पर ज्वैलरी की जांच करवाकर कैरेट के हिसाब से हॉलमार्क जारी करवाता है। ऐसे में आम आदमी पुरानी ज्वैलरी पर सीधे सेंटर जाकर हॉलमार्क नहीं लगवा सकता। उन्हें संबंधित ज्वैलर के जरिए ही आना होगा। हालांकि वह सेंटर पर सोने की शुद्धता की जांच न्यूनतम राशि देकर करवा सकता है।

 जरूरी है हॉलमार्किंग ज्वैलरी
 

जरूरी है हॉलमार्किंग ज्वैलरी

ग्राहकों को नकली ज्वैलरी से बचाने और ज्वैलरी कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग जरूरी है। हॉलमार्किंग का फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी। मतलब आपको सोने की सही कीमत मिल सकेगी। हॉलमार्किंग में सोना कई फेज में गुजरता है। ऐसे में इसकी शुद्धता में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती। इसके साथ ही ये भी बता दें कि पिछले साल पारित बीआईएस कानून के मुताबिक हॉलमार्किंग के नियम तोड़ने वालों पर न्यूनतम 1 लाख रुपए से ज्वैलरी की वैल्यू के 5 गुना तक जुर्माने और एक साल की सजा का प्रावधान है।

 क्या है हॉलमार्किंग

क्या है हॉलमार्किंग

हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है। हॉलमार्क भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) देती है। हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। बीआईएस वह संस्था है, जो ग्राहकों को उपलब्ध कराए जा रहे सोने की जांच करती है। सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ बीआईएस का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि बीआईएस की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है।

24 कैरेट सोना होता है 99.9% शुद्ध
सोने की शुद्धता कैरेट के हिसाब से रहती है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते, क्‍योंकि वो बहुत मुलायम होता है। आमतौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66% सोना होता है।

ऐसे समझें सोने की शुद्धता का गणित
1 कैरेट गोल्ड का मतलब होता है 1/24% गोल्ड, यदि आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्‍तेमाल सोने की शुद्धता 91.66% है।

 अब कितना शुद्ध मिलेगा सोना

अब कितना शुद्ध मिलेगा सोना

देश में अभी तक जेवर में कितना शुद्ध सोना लगाया जाए, इसको लेकर कोई नियम नहीं था। लेकिन 1 जून 2021 से देश में केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के जेवर ही बिकेंगे। अभी तक आपको कैसे सोने के जेवर बेचे जा रहे हैं, यह बताया नहीं जाता था। सुनार से जब आप जेवर लेते थे, तो वह आपको उसकी शुद्धता की गारंटी मौखिक ही देता था। इसके अलावा वह आपको सादे कागज पर रसीद बना कर दे देता था। ऐसे में आप अपने जेवर को अगर उसी सुनार को वापस करें तो उसके काम लायक रेट मिल जाते थे, लेकिन दूसरे सुनार के पास जाएं, तो आपको आधे रेट भी मिलना कठिन हो जाता था। लेकिन 1 जून के बाद से यह दिक्कत दूर हो जाएगी।

 

Read more about: gold ज्वैलरी
English summary

GOLD hallmarking jewellery compulsory from 1st June know what will happen to your old jewelery

Even after 1 June 2021, gold exchange without hallmarking can be done. Apart from this, if you want, you can get your gold hallmarking done through your jeweler.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X