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Floating Rate Bonds : यहां मिलता है भारी रिटर्न, निवेश से पहले जानिए सब कुछ

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नई दिल्ली, अगस्त 16। बॉन्ड वह डेब्ट सिक्योरिटिज हैं जो धन जुटाने के लिए जारी की जाती हैं। भारत में बॉन्ड बैंक, कॉरपोरेट या सरकार जारी करती हैं। फ्लोटिंग बॉन्ड या सामान्य बॉन्ड जारी करके, बॉन्ड जारी करने वाली एजेंसी, बैंक या सरकार एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित या फ्लोटिंग ब्याज दर पर पूंजी उधार लेती है। इसलिए बॉन्ड दो प्रकार के होते हैं। निश्चित ब्यजा दर वाले बॉन्ड और परिवर्तनीय/अस्थायी दर वाले बॉन्ड। आज हम आपको फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के बारे में डिटेल जानकरी देंगे।

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फ्लोटिंग रेट बॉन्ड क्या होते हैं

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड क्या होते हैं

फ्लोटिंग रेट बांड, जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि उन पर ब्याज दर बेंचमार्क दर के आधार पर बदलती रहती है। यह कैरी वेरिएबल कूपन रेट के आधार पर काम करता है जिसक अर्थ है की ब्याज दर को बाजार के अनुसार समय-समय पर रीसेट किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो फ्लोटिंग रेट बॉन्ड पर ब्याज दर अपनी पूरी अवधि में बदलती रहती है। भारत में, फ्लोटिंग रेट बांड पर दर रेपो या रिवर्स रेपो दर पर निर्भर करता है।

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड को समझिए

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड को समझिए

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड पर बेहतर स्पष्टता से समझने के लिए आप इसकी तुलना फ्लोटिंग होम लोन के रेट से कर सकते हैं। फ्लोटिंग होम लोन की तरह, रेपो रेट में वृद्धि के आधार पर आपको अधिक ईएमआई और ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है। ठीक इसके विपरीत, फ्लोटिंग बॉन्ड के साथ भी होता है। कूपन दरो में किसी भी बदलाव के कारण एक निवेशक को लाभ या हानि हो सकती है। आमतौर पर, ऐसे बॉन्ड पर ब्याज का भुगतान बॉन्ड की शर्तों के अनुसार त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक रूप से किया जाता है।

फ्लोटिंग रेट बांड कैसे काम करते हैं

फ्लोटिंग रेट बांड कैसे काम करते हैं

सामान्य बॉन्ड के लिए, जब भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाती है, तो बॉन्ड की कीमत में गिरावट आती है और बॉन्ड यील्ड का रुझान अधिक होता है। लेकिन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के मामले में जो वैरिएबल कूपन होते हैं जिनकी दरें बाजार दर से जुड़ी होती हैं। इसलिए, जब भी ब्याज दर में वृद्धि होती है, तो बॉन्ड की कीमतों में कोई सुधार किए बिना केवल इसकी कूपन दर बढ़ती है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है। इसी तरह, जब ब्याज दर का रुझान कम होता है, तो कूपन दरें भी गिरती हैं, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों को कम लाभ मिलता है। इसलिए, निवेशक इन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।

English summary

Floating Rate Bonds Here you get huge returns know everything before investing

For ordinary bonds, whenever interest rates are raised, the bond price tends to fall and bond yields tend to be higher.
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