EPF, VPF, PPF और GPF : क्या है इनमें फर्क और कहां मिलता है ज्यादा फायदा, जानिए
नयी दिल्ली। भारत में निवेश के लिए प्रोविडेंट फंड काफी बढ़िया ऑप्शन है। मगर प्रोविडेंट फंड 4 तरह का होता है, जिनमें एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ), जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) शामिल हैं। ज्यादातर लोग इन सभी शब्दों से वाकिफ नहीं होंगे। यहां हम आपको इन चारों तरह के प्रोविडेंट फंड की जानकारी देंगे। साथ ही बताएंगे इनमें सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन सा ऑप्शन है।
जनरल प्रोविडेंट फंड
जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही होता है। कोई सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का एक तय हिस्सा योगदान के रूप में इसमें जमा करता रहता है। इस फंड में जमा पैसा उस कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय मिलता है। जमा पैसे पर ब्याज भी जुड़ता रहता है। इस समय जीपीएफ पर सरकार की तरफ से 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी जीपीएफ के लिए पात्र नहीं होते हैं।
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड
प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सभी सैलेरी पाने वालों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि या ईपीएफ ऑप्शन होता है। मगर कंपनी में कम से कम 20 कर्मचारी होने चाहिए। ईपीएफ प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य (15000 रु या अधिक सैलेरी वालों के लिए) निवेश है। बेसिक सैलेरी का 12 फीसदी पैसा आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा होता रहता है। इतना ही पैसा कंपनी भी योगदान के रूप मे जमा कराती है। फिर इस पैसे पर ब्याज मिलता है। इस समय ईपीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज दर है।
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड
वीपीएफ उन लोगों के लिए उपलब्ध होता है जिनका पहले से ईपीएफ खाता है। यदि आप मासिक वेतन के अनिवार्य 12 प्रतिशत से अधिक निवेश करना चाहते हैं तो वीपीएफ ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं। वीपीएफ की मदद से आप अपने ईपीएफ में योगदान बढ़ा सकते हैं। इस पर भी आपको 8.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। मगर ध्यान रहे कि आपका कुल योगदान सालाना 2.5 लाख रु से अधिक न हो। वरना उस पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा। ये रूल बजट में रखा गया है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पीपीएफ एक छोटी बचत योजना है। इसमें कोई भी निवेश कर सकता है। इस पर इस समय 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है। ये अकाउंट पहली बार में 15 साल के लिए खुलता है। फिर इसे आप 5-5 साल के लिए कितनी भी बार बढ़ा सकते हैं। आप चाहें तो 15 साल में तो पूरा पैसा लेकर अकाउंट बद कर सकते हैं। पीपीएफ में जमा पर आपको आयकर छूट भी मिलती है। इतना ही नहीं मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी राशि भी टैक्स फ्री होगी।
कौन सा ऑप्शन है बढ़िया
अगर आप एक ईपीएफ खाताधारक हैं तो पीपीएफ में निवेश न करें। क्योंकि आपको ऐसे में अतिरिक्त निवेश के लिए वीपीएफ का निवेश मिलेगा। यहां आपको पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलेगा। अच्छी बात यह है कि आपको 1.5 लाख रुपये तक के निवेश के लिए ईपीएफ, वीपीएफ और पीपीएफ सभी पर धारा 80 सी आयकर छूट मिलेगी। कुल मिला कर एक वेतनभोगी व्यक्ति के लिए वीपीएफ पीपीएफ से बेहतर है।
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