Digital Gold : फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं, निवेश से पहले जान लीजिए
नयी दिल्ली। बहुत सारे लोगों के लिए डिजिटल गोल्ड सोने में निवेश करने का एक नया जरिया बन गया है। कोरोना काल में लोग ज्वेलरी स्टोर और गोल्ड डीलर्स के पास जाने से हिचकिचा रहे हैं, इसलिए ऑनलाइन सोने की खरीदारी एक सही समाधान है। डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और ग्राहक की तरफ से विक्रेता द्वारा इंश्योर्ड वाल्टों में हिफाजत से रखा जाता है। आपको केवल इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग की जरूरत होगी। इससे आप कहीं भी, कभी भी, डिजिटल फॉर्म में सोने में निवेश कर सकते हैं। कई मोबाइल ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे और फोनपे से भी डिजिटल गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरों के पास भी डिजिटल सोने में निवेश का विकल्प है। इतनी सुविधाओं के बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन पर डिजिटल गोल्ड में निवेश से पहले ध्यान देना जरूरी है।
नहीं है कोई रेगुलेटर
डिजिटल गोल्ड में निवेश का सबसे बड़ा जोखिम यह है कि इसके लिए कोई नियामक यानी रेगुलेटर नहीं है। जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो निर्माता आपके नाम से राशि के बराबर सोना खरीदता है। यह सोना किसी थर्ड पार्टी या विक्रेता के वॉल्ट में जमा किया जाता है। आम तौर पर एक ट्रस्टी को यह देखने के लिए नियुक्त किया जाता है कि निवेशक द्वारा खरीदे गए सोने के अनुसार ही वॉल्यूम और शुद्धता बरकरार रखी जाए। मगर ट्रस्टी ठीक से काम कर रहा है ये देखने वाला कोई नियामक नहीं है। जबकि गोल्ड ईटीएफ के मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) है और गोल्ड बॉन्ड के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नियामक होता है।
जीएसटी बढ़ाता है लागत
जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो आपको फिजिकल सोने की ही तरह 3 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।
होल्डिंग चार्जेस
यदि आप फोनपे का उपयोग करके सेफगोल्ड से सोना खरीद रहे हैं तो आपको भंडारण शुल्क यानी होल्डिंग चार्जेस का भुगतान करना पड़ सकता है। पहले दो वर्षों के लिए कोई शुल्क नहीं होगा। यदि आपकी खरीदारी की तारीख से दो साल के अंत पर सोने की मात्रा 2 ग्राम से कम है, तो प्रति माह 0.05 प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। एमएमटीसी-पीएएमपी से डिजिटल सोना खरीदने पर कोई चार्ज नहीं लगता।
डिलिवरी और ज्वेलरी बनवाने पर चार्ज
डिजिटल गोल्ड के फायदों में से एक यह है कि आपको इसमें फिजिकल डिलीवरी लेने का विकल्प मिलता है। मगर आपको डिलीवरी शुल्क देना पड़ सकता है। इसी तरह यदि आप अपने डिजिटल सोने के निवेश को फिजिकल सोने में कंवर्ट कर रहे हैं तो इसके लिए भी शुल्क देना होगा। निवेशक डिजिटल गोल्ड को सोने की छड़ या सिक्कों में बदल सकते हैं।
निवेश अवधि की सीमा
आम तौर पर डिजिटल सोने के उत्पादों की अधिकतम होल्डिंग अवधि तय होती है। इसके बाद निवेशक को सोने की डिलीवरी लेनी होती है या इसे वापस बेचना पड़ता है। उदाहरण के लिए एमएमटीसी-पीएएमपी से खरीदे गए सोने की आपको अनिवार्य रूप से डिलिवरी लेनी होगी या उसे बेचना होगा। अगर डिलीवरी नहीं ली जाती है तो पांच साल के बाद निवेशक को एमएमटीसी-पीएएमपी द्वारा तय अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। इसी तरह यदि आप फोनपे का उपयोग करके सेफगोल्ड से सोना खरीद रहे हैं, तो सोना अधिकतम 7 वर्षों के लिए ही इसे रखा जा सकता है। मगर गोल्ड ईटीएफ में ऐसा कोई नियम नहीं होता। आप हमारे पेज पर भी सोने के लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। हम अपने पेज पर रोज सोने के दाम अपडेट करते हैं। सोने के ताजा रेट चेक करने के लिए दिए गए लिंक (https://hindi.goodreturns.in/gold-rates/) पर विजिट करें।
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