सस्ता Gold खरीदने से पहले पढ़ें RBI की सूचना, सब समझ में आ जाएगा
नई दिल्ली। भारत सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत पूरे साल समय-समय पर सस्ता गोल्ड बेचा जाता है। भारत सरकार की इस स्कीम को रिजर्व बैंक संचालित करती है। आमतौर पर लोग इस स्कीम के सोना यह जानें बगैर खरीद लेते हैं कि इसके नियम क्या है। आरबीआई ने इसके लिए नियम कायदे बनाए हैं। इनको उसने अपनी बेवसाइट पर भी डाला है। इसलिए जरूरी है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (एसजीबी) में निवेश से पहले इन नियम को जरूर पढ़ लें।
अभी खरीद सकते हैं सस्ता सोना
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत 16 अक्टूबर तक सस्ता सोना खरीदा जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम निवेश के लिए 12 अक्टूबर 2020 को खुला था। अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो पहले यह नियम जरूर पढ़ लें।
जानिए क्या क्या मिलेगी जानकारी
-कैसे खरीदें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
-क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ट्रेडिंग भी संभव
-क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन मिलता है
-क्या गिफ्ट कर सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
आरबीआई ने बताया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक सरकारी प्रतिभूती है, जो सोने के ग्राम के रूप में दी जाती है। यह फिजिकल गोल्ड रखने के लिए विकल्प हैं। इन गोल्ड बांडों को परिपक्वता पर नकद भुगतान किया जाता है। यह गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक जारी करता है।
फिजिकल गोल्ड की बजाय एसजीबी क्यों खरीदें
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भौतिक रूप में सोना रखने का एक बेहतर विकल्प प्रदान करता है। गोल्ड को रखने के जोखिम और लागत को यह खत्म कर देता है। निवेशकों को इसकी परिपक्वता और आवधिक ब्याज के समय सोने के बाजार मूल्य का मिलने का भरोसा आरबीआई देता है। वहीं आभूषण के रूप में सोने के मामले में शुल्क और शुद्धता बनाने जैसे मुद्दों से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मुक्त है।
क्या गोल्ड बांड में निवेश करने में कोई जोखिम है
आरबीआई के अनुसार अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है, तो पूंजी हानि का खतरा हो सकता है। जहां तक निवेश कौन कर सकता है तो भारत में निवासी व्यक्ति सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने के लिए पात्र हैं। योग्य निवेशकों में व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान भी इसमें निवेश कर सकते हैं।
कहां से ले सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत बैंकों, नामित डाकघरों, एजेंटों के माध्यम से इसमें निवेश किया जा सकता है। इसमें ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी होती है। हर आवेदन के साथ पैन नंबर होना जरूरी है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम और अधिकतम निवेश की सीमा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 1 ग्राम सोने के मूल्यवर्ग में और उसके गुणकों में जारी किए जाते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम निवेश व्यक्तियों के लिए 4 किग्रा की अधिकतम सीमा, हिंदू अविभाजित परिवार के लिए 4 किग्रा और ट्रस्टों और इसी तरह की संस्थाओं के लिए 20 किग्रा प्रति वर्ष की सीमा है। अगर परिवार के अलग अलग सदस्य इस स्कीम में गोल्ड चाहें तो खरीद सकते हैं। सभी को 4 किलो तक गोल्ड खरीदने की छूट है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत कितना मिलता है ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में प्रारंभिक निवेश की राशि पर प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाता है। ब्याज निवेशक के बैंक खाते में अर्ध-वार्षिक रूप से जमा किया जाता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में हर आवेदन को मिलता है गोल्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत हर निवेशक को गोल्ड एलाट किया जाता है। हालांकि उसका आवेदन पूरी तरह से सही होना चाहिए। अगर ऐसा है, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत गारंटीड गोल्ड का ऐलाटमेंट किया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट पर मिलती है अतिरिक्त छूट
अगर ग्राहक सूचीबद्ध अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसे 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाती है। जहां तक इसके रेट तय करने की बात है तो इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की साइट पर प्रकाशित 999 शुद्धता के सोने के क्लोजिंग प्राइस के साधारण औसत के आधार पर यह तय किया जाता है। गोल्ड बॉन्ड्स का नाममात्र मूल्य सप्ताह के आखिरी 3 कारोबारी दिनों में सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले का होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पूरा होने पर क्या मिलता है
बहुत से लोगों के मन में होता है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पूरा होने पर उसे गोल्ड दिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता पर, गोल्ड बॉन्ड को भारतीय रुपये में भुनाया जाता है। यह पैसा सीधे निवेशक के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड परिपक्वता की प्रक्रिया
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता के बारे में निवेशक को परिपक्वता से 1 महीने पहले ही जानकारी दी जाती है। इसमें परिपक्वता की तारीख पर, रिकॉर्ड पर विवरण के अनुसार परिपक्वता आय बैंक खाते की जानकारी होती है। अगर आप के बैंक डिटेल में या अन्य जानकारी में अंतर है तो आप इसे अपडेट करा सकते हैं। यह बांड हालांकि 8 वर्ष के लिए जारी होते हैं, लेकिन इनके जारी होने की तारीख से पांचवें वर्ष के बाद बांड को कैश कराने की अनुमति है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को गिफ्ट किया जा सकता है
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को गिफ्ट में दिया जा सकता है। लेकिन बांड को किसी रिश्तेदार, दोस्त या जो पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, उनको गिफ्ट किया जा सकता है। बांड प्रतिभूति हस्तांतरण अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत गिफ्ट किए जा सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टीडीएस काटा जाएगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टीडीएस लागू नहीं है। हालांकि, यह बांडधारक की जिम्मेदारी है कि वह कर कानूनों का पालन करे। वहीं अगर निवेशक चाहे तो नामांकन सुविधा का लाभ ले सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का कारोबार भी हो सकता है
अगर कोई निवेशक चाहे तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कारोबार भी कर सकता है। यह कारोबार आरबीआई की तरफ से अधिसूचित की जाने वाली तारीख से बांड पारंपरिक हैं। डिपॉजिटरी के साथ केवल डी-मैट फॉर्म में रखे गए बॉन्ड का स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार किया जा सकता है। सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अनुसार यह बॉन्ड भी बेचे और स्थानांतरित किए जा सकते हैं। बॉन्ड का आंशिक हस्तांतरण भी संभव है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशक की मौत की स्थिति में
अगर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाली की मृत्यु हो जाती है तो भी आरबीआई ने नियम एकदम साफ बनाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में बांड के लिए नामित व्यक्ति अपने दावे के साथ संबंधित प्राप्ति कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।नामांकन की अनुपस्थिति में, मृतकधारक के निष्पादकों या प्रशासकों का दावा या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के धारक का दावा पेश करना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर कैसे करें आरबीआई से संपर्क
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर आरबीआई ने जनता के सवालों का जबाव देने के लिए एक ई-मेल अलग से बनाया गया है। निवेशक इस ईमेल आईडी पर अपने प्रश्नों को मेल कर सकते हैं। यह ईमेल है-
अगर इसके अलावा अन्य कोई जानकारी चाहें तो नीचे दिए लिंक को क्लिक कर सकते हैं।