काली हल्दी : खोल सकती है किस्मत का ताला, कराती है खूब कमाई
नई दिल्ली, जून 29। अगर आप या आपका परिवार खेती करता है और आप पारंपरिक खेती से हट कर कुछ कमर्शियल करना चाहते हैं तो आज हम एक बढ़िया रिटर्न देने वाले प्रोडक्ट की खेती के बारे में आपको बताएंगे। यह एक ऐसा बिजनेस आइडिया है जो आपकी किस्मत बदल सकता है। आज हम आपको काली हल्दी के खेती के तरीके और उससे लाभ कमाने के स्ट्रेटजी की हर डिटेल्स के संबंध में आपको जानकारी देंगे। काली हल्दी आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होती है। दवाओं में उपयोग होने के कारण यह बाजार में अच्छी पर बिकता है। काली हल्दी की खेती करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
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क्या है खेती का तरीका
काली हल्दी की खेती बारीक दोमट मिट्टी में होती है। जून के महीने में काली हल्दी की खेती की जाती है। जून के अंत तक देश के लगभग सभी प्रदेशों में बारिश होनी शुरू हो जाती है। काली हल्दी की खेती में हमेशा पानी जमा ना होने का ध्यान रखना होता है। इसलिए हमेशा उचे और ढलान वाले खेतों में इसकी खेती करें ताकि बारिश का पानी खेत में जमा न हो। काली हल्दी की खेती इस लिए भी फायदेमंद है क्योकि इसकी खेती करने में किसान को ज्यादे सिचाई नही करनी पड़ती और कीटनाशकों की भी जरूरत नही पड़ती। एक हेक्टेयर खेत में काली हल्दी की खेती करने के लिए लगभग दो क्विंटल बीज की जरूरत पड़ती है। बुआई से पहले खेत में गोबर डालने से पैदावार में फर्क पड़ता है।
कोविड ने बढ़ा दी है मांग
काली हल्दी को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। औषधियों में भी इसका उपयोग होता है। कोरोना ने लोगों को रोग रोकथाम छमता को बढ़ाने को प्रेरित किया है। काली हल्दी की बाजार में डिमांड बढ़ रही है लेकिन सप्लाई अभी कम है। ऐसे में काली हल्दी की खेती अच्छा विकल्प है।
कितना होगा मुनाफा
एक एकड़ की खेती में लगभग 50-60 क्विंटल भिंगी काली हल्दी का उत्पादन होता है। सूखने के बाद यह करीब 12 से 15 क्विंटल की हो जाती है। बाजार में इसकी कीमत 500 रुपए किलों के ऊपर आसानी मिल जाती है। अगर बाजार में इसका अभाव हो तो मुंह मांगी कीमत भी मिलती है।