Bank Locker : इस्तेमाल से पहले जान लें जरूरी बातें, नहीं तो होगा नुकसान
नयी दिल्ली। अपनी कीमती चीजों को कहीं और के बजाय बैंक लॉकर में रखना अधिक सुरक्षित है। आप ज्वेलरी या महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभाल कर रखने के लिए बैंक लॉकर की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। मगर आप कभी भी बैंक लॉकर और उसमें रखे सामान को ऐसे ही न छोड़े। एक बार बैंक लॉकर लेने और कीमती सामान उसमें सुरक्षित हो जाने के बाद ग्राहक बैंक संतुष्ट होते हैं। हालांकि ध्यान रखें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को आपका बैंक लॉकर रद्द करने का अधिकार देता है। ऐसा तब हो सकता है जब आप साल में कम से कम एक बार भी लॉकर के लिए विजिट न करें। यदि आप बैंक लॉकर इस्तेमाल करते हैं या फिर एक लॉकर लेना चाहते हैं तो ऐसे ही कुछ अन्य नियमों के बारे में आपको जान लेना चाहिए।
कैसे तय करता है बैंक
बैंक आपका लॉकर कैंसल करेगा या नहीं ये बैंक द्वारा किए गए उस जोखिम वर्गीकरण (रिस्क क्लासिफिकेशन) पर आधारित है, जिसमें आपके खाते को बैंक द्वारा प्रोफाइल किया गया है। बैंक अपने ग्राहकों को कई फैक्टरों के आधार पर उच्च जोखिम, कम जोखिम या मध्यम जोखिम जैसी श्रेणियों में रखते हैं। ये इनकम, सोशल प्रोफ़ाइल, बिजनेस कैसा है जैसे पैरामीटर पर तय की जाती है।
लॉकर के लिए केवाईसी
बैंक लॉकर आवंटित करने से पहले ग्राहक का केवाईसी करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राहक द्वारा बैंक को ये बताना जरूरी नहीं होता कि उसके लॉकर में क्या रखा है। इस मामले में केवाईसी प्रोसेस थोड़ी सख्त होती है।
कम जोखिम वाले ग्राहकों को ज्यादा छूट
कम जोखिम की श्रेणी में आने वाले ग्राहकों को लॉकर का इस्तेमाल न करने के लिए एक साल से अधिक समय का मिल सकता है। यानी यदि वे एक साल से अधिक समय तक भी लॉकर को एक बार भी इस्तेमाल न करें तो उनका लॉकर आवंटन कैंसल नहीं होगा। आरबीआई के नियमों के अनुसार बैंक केवल तभी मीडियम जोखिम वाले ग्राहकों को नोटिस भेजेंगे जब उनका खाता तीन साल से अधिक समय तक निष्क्रिय रहेगा।
भेजा जाता है नोटिस
निष्क्रिय पड़े लॉकर पर कार्रवाई करने से पहले बैंकों को खाता ऑपरेट करने के लिए ग्राहक को एक नोटिस भेजना जरूरी है। ऐसे में ग्राहक को एक लंबी अवधि के लिए अपने खातों को निष्क्रिय रखने का कारण बताते हुए एक लिखित जवाब भेजना होता है।
बताना पड़ेगा कारण
यदि लंबे समय तक लॉकर इस्तेमाल न करने के चलते ग्राहक को नोटिस भेजा जाता है तो उसे एक जरूरी कारण बताना होता है। जैसे कि नौकरी में ट्रांसफर या खाताधारक अगर एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) है। ऐसे मामलों में बैंक ग्राहक को खाता रखने की अनुमति दे सकता है। मगर यदि ग्राहक एक संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं देता तो बैंक आपके खाते को रद्द कर सकता है। फिर इस लॉकर को इसे किसी और को आवंटित किया जा सकता है, फिर भले ही खाताधारक नियमित रूप से लॉकर के चार्ज का भुगतान करता हो। इसलिए जरूरी ये है कि समय-समय पर अपने लॉकर के लिए विजिट करते रहें। ऐसा अपने सामान की निगरानी के लिए भी करें।
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