Bank में जमा है पैसा, तो जान लें वह कितना है सुरक्षित
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों पर सख्ती से नियंत्रित करता है। यह इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि बैंक देश की आर्थिक धड़कन हैं। अगर बैंकों में कुछ दिक्कत हुई देश में भारी तबाही आ सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि बैंकों में जमा पूरा पैसा सुरक्षित नहीं होता है। ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि एक बार बैंक में पैसा जमा कर दिया तो वह पूरी तरह से सुरक्षित हो गया। लेकिन यह हकीकत नहीं है। बैंक में जमा पैसा एक सीमा तक ही सुरक्षित होता है। उस सीमा से अगर ज्यादा पैसा बैंक में जमा है तो वह डूब सकता है। आइये जानते हैं कि क्या है यह पैसे जमा करने की सीमा और क्या है यह नियम।
ये बैंक या तो दिक्कत में हैं या आ चुके हैं दिक्कत में।
-लक्ष्मी विलास बैंक
-पीएमसी बैंक
-यस बैंक
-सीकेपी को-ऑप बैंक
-श्री राघवेंद्र सहकारी बैंक
बैंकों में जमा केवल 5 लाख रुपये ही होता है सुरक्षित
भारत में बैंकों में जमा पैसा केवल 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षित होता है। अगर आपका 1 करोड़ रुपये जमा है तो बैंक के डूबने पर केवल आपको 5 लाख रुपये ही मिलेगा। इस 5 लाख रुपये में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं। बैंक में जमा की गणना कैसे होती है, यह जानना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि इसी नियम से यह तय होता है कि आपका जमा पैसा 5 लाख रुपये है या नहीं। हालांकि बजट 2020 में ही इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, इससे पहले तो यह लिमिट तो केवल 1 लाख रुपये ही थी।
जानिए 5 लाख रुपये की गणना के नियम
अगर आपको एक ही बैंक की कई शाखाओं में बैंक खाता है, और सभी में मिलाकर 10 लाख रुपये जमा है तो बैंक के दिवालिया होने पर आपके सभी खातों की रकम को जोड़ा जाएगा और 5 लाख रुपये को ही वापस किया जाएगा। इस बैंक में आपके खाते चाहें एक ही शहर में हों या देश के अलग अलग हिस्सों में।
वहीं अगर आपके कई बैंकों में खाते हैं, तो आपको हर बैंक में 5 लाख रुपये तक के जमा की गारंटी मिलेगी। यानी बैंक के दिक्कत में आने पर आपको हर बैंक से 5 लाख रुपये का भुगतान मिल जाएगा।
कौन देता है बैंक में जमा पैसों पर गारंटी
बैंक में जमा पैसों पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा कवर उपलब्ध कराता है। डीआईसीजीसी आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली एक अनुषंगी कंपनी है। आरबीआई के नियमों के अनुसार यह कंपनी देश के सभी कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंक को बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसके तहत जमाकर्ताओं को बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक पर सुरक्षा मिलती है। इसके लिए बैंक के ग्राहकों से कोई अतिरिक्त धन नहीं लिया जाता है।
बैंक जमा में क्या-क्या शामिल
बैंक में जमा 5 लाख रुपये की सुरक्षा में ज्यादातर जमा को मिलाकर लिमिट तय की जाती है। इस लिमिट एक ग्राहक की एक बैंक में मौजूद सभी जमाओं जैसे बचत खाता, एफडी, आरडी आदि को मिलाकर तय की जाती है। अगर किसी बैंक की एक ही या अलग-अलग शाखाओं में भी ग्राहक के अलग-अलग खातों में पैसे जमा हैं तो उन सभी को मिलाकर 5 लाख रुपये तक की लिमिट तय की जाती है। वहीं इसमें मूलधन के साथ ब्याज को भी शामिल माना जाता है।
जानिए ज्वॉइंट अकाउंट को लेकर नियम
आरबीआई के नियमों के अनुसार सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट को अलग-अलग माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति का किसी बैंक में सिंगल नाम से बैंक खाता है, और दूसरा अकाउंट ज्वाइंट नाम से है, तो इन बैंक खातों को अलग अलग माना जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर बैंक दिवालिया होता है तो डीआईसीजीसी के बीमा नियमों के हिसाब से आपको इन दोनों बैंक खातों में 5-5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा का लाभ मिलेगा।