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Gratuity Calculation : इतने समय में मिलेगा पैसा, कैसे होगा कैल्कुलेशन

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नई दिल्ली, सितंबर 15। लगभग सभी संगठित कंपनियां अब कर्मचारियों के वेतन में से एक छोटा हिस्सा ग्रेच्यूटी के रुप में काटती है। ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार अगर कोई कर्मचारी लगातार एक ही कंपनी में 5 सालों तक सेवा देता है तो वह ग्रेच्युटी का हकदार है। ग्रेच्‍युटी एक कर्मचारी को उसकी कंपनी की तरफ से मिलने वाला एक उपहार होता है। ग्रेच्यूटी के लिए कर्मचारी के वेतन से एक छोटा अमाउंट कटता है लेकिन कंपनी अपनी तरफ से इसमें ज्यादा पैसा डालती है। एक कर्मचारी को गैच्यूटी की कितनी राशि मिलेगी, यह उसके वेतन और कुल कार्य अवधि पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर कर्मचारियों के रिटायर होने, इस्तीफा दे देने या नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद से ग्रेच्युटी की राशि का पेमेंट किया जाता है।

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क्या है ग्रेच्यूटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला

क्या है ग्रेच्यूटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला

ग्रेच्‍युटी के राशि की गणना करने का एक खास फॉर्मूला है। यह फॉर्मूला है (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल तक काम किया) x (15/26)। यहां अंतिम वेतन से आशय कर्मचारी के पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है। अंतिम सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को भी गिना जाता है। हर महीने में चार रविवार होते हैं जिसके कारण महीने में काम करने के दिन को 26 ही गिना जाता है और 15 कार्यदिवसो के आधार पर ग्रेच्यूटी का कैलकुलेशन किया जाता है।

20 लाख से ज्यादा नहीं दी जाती है गेच्यूटी
 

20 लाख से ज्यादा नहीं दी जाती है गेच्यूटी

चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 20 सालों तक सेवा दी है। और उसकी अंतिम सैलरी 75000 रुपए है। इस हिसाब से फॉर्मूले से गणना करने पर (75000) x (20) x (15/26) कुल रकम 8,65,385 रुपए होती है। यह रकम उस कर्मचारी को कंपनी की ओर से ग्रेच्‍युटी के रूप में मिलेगी। अगर कंपनी चाहें तो कर्मचारी को कैलकुलेट की गई गेच्यूटी राशी से अधिक भी दे सकती है, लेकिन ग्रेच्यूटी की राशि 20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

अगर कंपनी संगठित क्षेत्र की न हो तो

अगर कंपनी संगठित क्षेत्र की न हो तो

अगर कर्मचारी की कंपनी गेच्यूटी एक्ट के अंदर रजिस्टर्ड न हो तो कर्मचारी को गेच्यूटी के लिए अधिकारिक रुप से अधिकार नहीं होता है। लेकिन फिर भी अगर कंपनी चाहें तो अपने कर्चारियों को ग्रेच्यूटी दे सकती है। इसके लिए ग्रेच्यूटी तय करने का फॉर्मूाला अलग होता है। इस केस में ग्रेच्यूटी की रकम हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर को मानक माना जाता है। महीने में काम करने के दिन को 26 के वजाय 30 दिन गिना जाएगा।

English summary

Almost all organized companies now deduct a small part from the salary of the employees as gratuity.

Almost all organized companies now deduct a small part from the salary of the employees as gratuity.
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