बैंक खाता लूटने का ये है नया तरीका, बच कर रहें
नई दिल्ली। देश में बैंकों में पैसा रखना खतरे से खाली नहीं रह गया है। कहीं बैंकर ही पैसा लूट रहे हैं, तो ऑनलाइन फ्रॉड से खाताधारकों को लूटा जा रहा है। शायद ही ऐसा कोई बैंक हो जहां बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से पैसा न लूटा गया हो। यह मामला चाहे पंजाब नैशनल बैंक में नीरव मोदी की लूट का हो या महाराष्ट के दो बैंकों का रहा हो। पीएनबी में लूट के बाद हालांकि खाताधारकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में फ्रॉड के बाद जमाकर्ता परेशान हो रहे है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में शुक्रवार को एक और बैंक में घोटाले की खबर सामने आई है। यह है पुणे मुख्यालय वाला शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड। इसमें गड़बड़ी के बाद प्रशासक को नियुक्त कर दिया गया है। लेकिन इस गड़बड़ी के बाद बैंक के करीब 1 लाख ग्राहक प्रभावित हुए हैं। यह अब अपना पूरा पैसा वापस नहीं निकाल पा रहे हैं।
क्या करें बैंक में पैसा जमा कराने वाले
जहां तक साइबर ठगी की बात है तो यह कई बार ग्राहक की गलती से होती है, लेकिन कई बैंक की ऑनलाइन सिक्योरिटी की समस्या की वजह से भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि ग्राहक सावधानी रखें। जहां तक बैंकर्स की बेइमानी की बात है तो इसमें ग्राहक कुछ भी नहीं कर सकते हैं। इनके पास एक ही विकल्प है कि यह बड़े सरकारी बैंकों में अपना बैंक अकाउंट खोल लें।
आइये अब जानते हैं कि आजकल कौन से नए तरीके से बैंक ग्राहकों को लूटा जा रहा है।
केवाईसी के नाम पर हो रही ठगी
आजकल केवाईसी के नाम पर बैंक खातों और मोबाइल वॉलेट में ठगी का धंधा चल रहा है। इसे समझने की जरूरत है, नहीं तो आपको पैसा ठग आसानी से आपकी ही मदद से लूट लेंगे। यह ठग लोगों को केवाईसी को लेकर फोन करते हैं। बंगलुरू पुलिस ने ऐसे कई मामले पकड़े हैं, जिनमें केवाईसी के नाम पर लोगों को ठगा गया है। पुलिस का कहना है कि कई लोगों ने हो सकता है अभी ठगी के बारे में पुलिस से सम्पर्क ही न किया हो। ऐसे में हो सकता है कि यह लूट का मामला और बढ़ा हो।
ये है लूट का नया तरीका
बैंक ग्राहक और मोबाइल वॉलेट वालों के पास यह ठग फोन करते हैं। फोन पर कहा जाता है कि वे बैंक या मोबाइल वॉलेट के कस्टमर केयर से फोन कर रहे हैं। इसमें कहा जाता है कि आपको अपनी केवाईसी अपडेट करनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो ट्रांजैक्शन करने की सुविधा खत्म हो जाएगी। साथ ही में ठग आपको केवाईसी करने का तरीका भी बताएगा। इसमें वह आप से कहेगा कि आप एक ऐप डाउनलोड कर लें। इस ऐप की मदद से आप घर बैठे ही आपकी केवाईसी खुद कर सकते हैं। लोग ऐसा बताने पर ऐप डाउनलोड कर लेते हैं और फिर ठग कुछ निर्देश देता है। दरअसल ठग आपकी मदद नहीं कर रहा होता है, बल्कि वह ऐप की मदद से वह आपके डिटेल लेने की कोशिश कर रहा होता है। जैसे ही आप की डिटेल वह ले लेता है, आप का खाता खाली कर दिया जाता है।
कई बार यह भी कहा जाता है
कई बार ठग आपसे ऐप डाउनलोड करने के बाद केवाईसी चेक करने के नाम पर 1 रुपये का कोई भी ट्रांजेक्शन करने को कहता है। जैसे ही यह ट्रांजेक्शन आप करते हैं, तो पूरा डिटेल ठगों के पास चला जाता है। इस तरह भी ठग खाता खाली कर सकते हैं।
जानिए सुरक्षा के टिप्स
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि कभी भी आने वाले फोन पर बैंक या मोबाइल वॉलेट से जुड़ी जानकारी न दें। अगर बैंक या मोबाइल वॉलेट के बारे में कुछ जानना तो खुद बैंक से संपर्क करें। बेहतर होगा कि बैंक खुद जाएं, नहीं तो खुद ही बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल करें। फालतू के वाले फोन पर बात न करें। फोन पर बैंक या मोबाइल वॉलेट से जुड़ी जानकारी किसी को न दें। इसके अलावा अपने इंटरनेट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को सुरक्षित रखें और हर ऐप का मजबूत पासवर्ड बनाएं।
बैंक में होने वाले फ्रॉड के मामले
वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में फ्रॉड के मामलों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से जारी आंकड़ों में मिली है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कारोबारी साल में धोखधड़ी की रकम में 73.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कारोबारी साल 2019 में बैंकों ने धोखाधड़ी के 6,801 मामले दर्ज किए। इन मामलों में 71,542.93 करोड़ रुपए का गबन हुआ। इससे एक साल पहले यानी, 2017-18 में फ्रॉड के 5,916 मामले दर्ज किए गए थे और इन मामलों में 41,167.04 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ था।