कैसी सुरक्षा : बैंक में जमा है पैसा, तो ध्यान से पढ़ लें ये खबर
बैंक में पैसा जमा करने से पहले यह जरूर जान लें कि कितना तक जमा पैसा होता है सुरक्षित।
नई दिल्ली। देश में सरकारी, निजी और विदेशी सहित को-आपरेटिव बैंक काम कर रहे हैं। लोग इन बैंकों में आंख बंद करके पैसा जमा करते हैं। लेकिन रिजर्व बैंक का नियम कुछ और कहता है। इसके अनुसार चाहे आपका 10 लाख रुपये या 10 करोड़ रुपये, कितना भी बैंक में जमा हो, लेकिन गारंटी केवल 1 लाख रुपये की ही है। यानी अगर बैंक डूब जाएगा या दिवालिया हो जाएगा, तो आपको केवल 1 लाख रुपये की वापस मिलेगा। इसी बात को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2017 में एक सर्कुलर बैंकों को जारी किया था, लेकिन देश के बैंकों की लापरवाही का यह नमूना है कि उन्होंने अभी तक इस पर अमल करना शुरू नहीं किया है। यही कारण है कि बैंक के खाताधारको इस बात की पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। लेकिन पीएनबी और उसके बाद पीएमसी में हुए घोटाले के बाद अब कुछ बैंकों ने इस पर अमल करना शुरू किया है। लेकिन यह सूचना बैंक के आम खाताधारकों के लिए सुखद नहीं है।
क्या था आरबीआई का सर्कुलर
आरबीआई ने 22 जुलाई 2017 को एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर में उसने बैंकों से कहा था कि वह अपने ग्राहकों को लिखित में बताएं कि उनका बैंक में जमा केवल 1 रुपये की ही सुरक्षा की गारंटी मिलती है। बैंक में जमा 1 लाख रुपये तक की गारंटी सिक्यॉरिटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी काॅर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) देता है। यह आरबीआई के तहत काम करता है। लेकिन बैंकों ने ऐसा करना शुरू नहीं किया। लेकिन अचानक दो बैंक घोटाले सामने आने के बाद अब आरबीआई फिर से सक्रिय हुआ है। इसे बाद कुछ बैंकों ने ऐसी जानकारी अपने ग्राहकों को देना शुरू किया है।
एचडीएफसी बैंक ने जानकारी देना शुरू किया
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने हाल ही में ऐसी जानकारी अपने ग्राहकों को देना शुरू किया है। इसके तहत वह अपने ग्राहकों को बता रहा है कि बैंक में जमा 1 लाख रुपये तक की गारंटी है। एचडीएफसी बैंक ने एक मुहर तैयार की है। इसमें लिखा गया है कि बैंक में जमा राशि डीआईसीजीसी से बीमित है और अगर बैंक दिवालिया होता है तो फिर डीआईसीजीसी प्रत्येक जमाकर्ता को पैसा देने के लिए दिवालिया शोधक के जरिए बाध्यकारी है। ऐसे में ग्राहकों को केवल एक लाख रुपये दो महीने के अंदर में मिलेगा, जिस तारीख को उस ग्राहक ने क्लेम फाइल किया हो।
एचडीएफसी बैंक ने इसका कारण बताया
एचडीएफसी बैंक ने इस बारे में ग्राहकों की तरफ से चिंता जताने के बाद कहा है कि वह केवल जमा पर बीमा कवर के बारे में जानकारी दे रहा है। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि सभी कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेट बैंक को यह जानकारी ग्राहकों की पासबुक के पहले पन्ने पर देनी होगी। यही कारण है कि एचडीएफसी बैंक आरबीआई के सर्कुलर के तहत यह जानकारी दे रहा है।
क्या है बैंक में जमा पैसों की सुरक्षा के आरबीआई के नियम
आरबीआई ने बैंक में जमा पैसों की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाएं हैं। इसके तहत आरबीआई जमाकर्ताओं को जमा धन पर बीमा कवर देता है। यह बीमा कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत दिया जाता है। इसके तहत बैंकों में जमा की गई रकम में से केवल एक लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी देता है। यह बीमा कवर सभी तरह के बैंक खातों पर लागू होता है। इसमें बचत खाता, एफडी और अन्य जमा शामिल हैं।
यह है जमा पैसों की सुरक्षा का नियम
अगर किसी का बैंक में खाता है और उसमें मूलधन व ब्याज मिलाकर के 10 लाख रुपये है। अगर किसी वजह से यह बैंक दिवालिया हो जाता है, और लोगों का पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं रहता है। ऐसे में उस बैंक को कम से कम 1 लाख रुपये आपको देने होंगे। ऐसे में आपकी 10 लाख रुपये की जमा में से केवल 1 लाख रुपये ही मिलेगा। इस प्रकार 9 लाख रुपये का नुकसान होगा। आरबीआई का यह नियम देश के सभी बैंकों पर लागू होता है। इनमें विदेशी बैंक भी शामिल हैं, जिनको आरबीआई ने लाइसेंस दिया है।