प्लास्टिक बैन के बाद लॉच हुई बांस की बोतल, जानिए कितनी है कीमत
पूरे देश में प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान चल रहा है। इसी क्रम में 2 अक्टूबर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली: पूरे देश में प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान चल रहा है। इसी क्रम में 2 अक्टूबर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। बता दें कि इसके लिए सरकार एक नया विकल्प लाई है। इसके विकल्प के तौर पर एमएसएमई मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीन कार्यरत खादी ग्रामोद्योग आयोग ने बांस की बोतल का निर्माण किया है, जो प्लास्टिक बोतल की जगह इस्तेमाल होगी। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कल यानी 2 अक्टूबर को बांस की इस बोतल को लॉन्च कर दिया है। कमाई का मौका: आज से करें ये बिजनेस, हर महीने होगी 50 हजार तक कमाएं ये भी पढ़ें
जानें क्या होगी बांस की बोतल की कीमत
- इस बांस की बोतल की क्षमता कम से कम 750 एमएल की होगी।
- इसकी कीमत 300 रुपये से शुरू होगी।
- यह बोतलें पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ टिकाऊ भी हैं।
- 2 अक्तूबर से खादी स्टोर में इस बोतल की बिक्री की शुरुआत होगी।
- बता दें कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही है।
- हालांकि केवीआईसी द्वारा पहले ही प्लास्टिक के गिलास की जगह मिट्टी के कुल्हड़ का निर्माण शुरू किया जा चुका है।
- आयोग ने मिट्टी के कुल्हड़ तैयार करवाने शुरू कर दिए हैं। 1 करोड़ से ज्यादा कुल्हड़ तैयार हो चुके हैं।
नहीं होगी बांस की बोतल कभी खराब
बता दें कि खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना के मुताबिक, इस बोतल को बनाने के लिए त्रिपुरा के जंगलों का बांस इस्तेमाल किया जा रहा है। अच्छी बात तो यह है कि ये बोतल कभी खराब नहीं होगी। जबकि प्लास्टिक के बोतल में पानी पीना हानिकारक भी है। प्लास्टिक का बोतल कुछ सयम बाद खराब भी हो जाता है। बांस की बोतल की बात करें तो इस बोतल का पानी भी नेचुरल रहेगा। इतना ही नहीं बांस का पानी सेहत के लिए अच्छा होता है।
ये भी हुआ लॉन्च
बता दें कि केवीआईसी ने वित्त वर्ष के अंत तक एक करोड़ की क्षमता को तीन करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। माना जा रहा है कि इससे रोजगार भी पैदी होगा। गडकरी बांस की बोतल के अलावा खादी के अन्य प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किया है। नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर से खादी ग्रामोद्योग उत्पादों पर विशेष छूट दिए जाने की घोषणा की और कई नए उत्पादों का उद्घाटन किया। इसके साथ सोलर वस्त्र(सोलर चरखा से बना), गोबर से बना साबुन और शैम्पू, कच्ची घानी सरसो तेल सहित कई उत्पाद लांच किया गया है।
इस क्षेत्र में मिल रहा है रोजगार
खादी ग्रामोद्योग की इस पहल पर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। मिट्टी के कुल्हड़ और बांस की बोतल बनाए जाने से इस क्षेत्र में लगे लोगों को फिर से रोजगार मिल रहा है। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग इन कामों में शामिल भी हो रहे हैं।
क्या होती है सिंगल यूज प्लास्टिक?
सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एक ही बार इस्तेमाल की जानें वाली प्लास्टिक। प्लास्टिक की थैलियां, प्याले, प्लेट, छोटी बोतलें, स्ट्रॉ और कुछ पाउच सिंगल यूज प्लास्टिक हैं। ये दोबारा इस्तेमाल के लायक नहीं होती हैं। इसलिए इनको एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक देना चाहिए। दरअसल आधी से ज्यादा इस तरह की प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित उत्पाद होते हैं। इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है। लेकिन इससे प्रदूषण बढ़ता है।