सस्ते में मोदी सरकार बेच रही सोना, सोमवार से खरीद सकते है आप
खुशखबरी सरकार आपके लिए सस्ता सोना खरीदने का मौका लेकर आई है। आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2019-20 की चौथी सीरिज के तहत 9 सितंबर सोमवार से फिर बिक्री शुरू करने जा रहा है।
नई दिल्ली: खुशखबरी सरकार आपके लिए सस्ता सोना खरीदने का मौका लेकर आई है। आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2019-20 की चौथी सीरिज के तहत 9 सितंबर सोमवार से फिर बिक्री शुरू करने जा रहा है। यह बिक्री 13 सितंबर तक चलेगी। इसके लिए आरबीआई ने 3890 रुपए प्रति ग्राम की कीमत तय की है। यानी आप 38900 रुपए में 10 ग्राम सोना खरीद सकते हैं, जोकि बाजार दर काफी सस्ता है। जानकारी दें कि आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जो लोग ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी और डिजिटल तरीके से भुगतान करेंगें, उनको 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी। ऐसे ग्राहकों के लिए प्रति ग्राम सोने की कीमत 3840 रुपए होगी। आपको बता दें कि फिजिकल मांग को घटाने के उद्देश्य से सरकार ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम लॉन्च की थी।
एक व्यक्ति खरीद सकता है 500 ग्राम सोना
वहीं इस स्कीम के तहत बॉन्ड की बिक्री एक ग्राम या इसके गुणकों में की जाती है। यानी इस स्कीम में एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम के गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इस स्कीम में एक व्यक्ति या अविभाजित हिन्दू परिवार अधिकतम 4 किलो और ट्रस्ट या अन्य एंटिटी 20 किलो की मात्रा में गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।
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जानें क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
आप इस स्कीम के तहत आरबीआई गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। यह बॉन्ड्स बैंकों और पोस्ट ऑफिस में सोने के एक ग्राम के मूल्य में बेचे जाते हैं। इसके बाद ये बॉन्ड्स सोने के दाम से लिंक किए जाते हैं और निवेशक बॉन्ड के मूल्य को कैश में पे करते हैं। इस स्कीम में आप भौतिक रूप से सोना नहीं खरीदते हैं लेकिन आपके पैसों से आरबीआई सोने के मूल्य के बराबर बांड का सर्टिफिकेट दे देता है। इसमें फायदा यह होता है कि सोने की बढ़ती कीमत के लाभ के साथ आरबीआई आपको ब्याज भी देता है।
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गोल्ड बॉन्ड के 5 फायदे
- गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
- निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है।
- निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा है।
- पूंजी और ब्याज दोनों की सरकारी (सॉवरेन) गारंटी मिलती है।
- इंडिविजुअल को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा।