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गुफाओं में रखे तेल से बच गया भारत, नहीं तो लगता बड़ा झटका

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नई दिल्ली। जी हां, यही सच है कि भारत गुफाओं में छिपा कर रखे कच्चे तेल के चलते बड़ा झटका लगने से बच गया। सऊदी अरब में ऑयल प्लांट में हुए ड्रोन हमले के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल के दाम अचानक एक दिन में 19 फीसदी तक बढ़ गए थे। ऐसा खाड़ी में लड़ाई के बाद पहली बार हुआ था। 1990-91 में खाड़ी युद्ध के समय तेल के रेट ने भारत क आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी थी। उस दौर में भारत का पेमेंट बैलेंस बिगड़ गया था। भारत के पास केवल 3 दिन का ही ऑयल रिजर्व बचा था। लेकिन आज स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। देश के पास अपनी जरूरत का 2 महीने का तेल रिजर्व में है। यानी अगर भारत को दो माह तक कच्चे तेल की आपूर्ति न मिले तो भी काम चल सकता है। दुनिया के ज्यादातर देश के पास कच्चे तेल का रिजर्व भंडार होता है। लेकिन यह काम काफी खर्चीला होता है, जिसके चलते कई देश नहीं कर पाते हैं।

ऐसी स्थितियों से बचने के लिए बनाई गईं थी तेल की गुफाएं

ऐसी स्थितियों से बचने के लिए बनाई गईं थी तेल की गुफाएं

देश में इस वक्त कच्चे तेल के 3 भूमिगत भंडारण सुविधाएं हैं। इनको तेल की गुफाएं भी कहा जाता है। इन भूमिगत गुफाओं में कच्चा तेल रखा जाता है, जिसे जरूरत के वक्त इस्तेमाल किया जा सकता है। देश में इन गुफाओं में 53.3 लाख टन कच्चा तेल रखा जा सकता है। फिलहाल विशाखापत्तनम में मौजूद गुफा या भंडार गृह में 13.3 लाख टन कच्चा तेल भरा हुआ है। वहीं मेंगलुरु की गुफाओं के लिए 15 लाख टन कच्चे तेल की डील फाइनल हो चुकी है। इसके अलावा कर्नाटक के पादुर में भी 25 लाख टन क्षमता की गुफा यानी भंडार तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी यहां पर अभी कच्चा तेल भरा नहीं गया है। कुछ समय पहले आई रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 53 लाख टन स्टोरेज क्षमता का 55 फीसदी हिस्सा कच्चे तेल से भरा हुआ है। इसके अलावा भारत अतिरिक्त 65 लाख टन क्षमता की गुफाएं ओडिशा और पादुर में तैयार कर रहा है।

रिफाइनरीज के पास 60 दिनों का स्टॉक

रिफाइनरीज के पास 60 दिनों का स्टॉक

देश में रिफाइनरीज के पास कच्चे तेल का स्टॉक 60 दिनों का आमतौर पर होता है। अगर किसी कारण से कच्चे तेल की आपूर्ति में बाधा आती है तो इन रिफाइनरीज को कच्चा तेल इन्हीं गुफाओं से दिया जाता है। तकनीकी भाषा में इन गुफाओं को स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व कहा जाता है। भारत के पास 3 भूमिगत तेल भंडारण सुविधाओं में 10 दिनों के लायक कच्चा तेल स्टोर होता है। ऐसे 2 और भंडार विकसित हो रहे हैं, जिसके बाद 12 और दिनों की जरूरता का कच्चा तेल का भंडारण हो सकेगा। जैसे ही यह काम पूरा हो जाएगा, देश के पास 82 दिनों के लिए कच्चे तेल का भंडारण की सुविधा हो जाएगी।

भारत करता है जरूरत का 80 फीसदी आयात

भारत करता है जरूरत का 80 फीसदी आयात

भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 80 फीसदी आयात करता है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कच्चे तेल की आपूर्ति की 1 दिन की भी बाधा देश की आर्थिक तरक्की को प्रभावित कर सकती है। इसी कारण देश में भूमिगत कच्चे तेल के भंडार गृह विकसित किए गए हैं। भूमिगत होने के चलते यह काफी सुरक्षित भी माने जाते हैं।

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English summary

India did not suffer a major setback due to its huge reserves of crude oil

India has large caves for the storage of crude oil. India has two months' worth of crude oil reserves.
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