जल्द ही जारी होगा 20 रुपये का नया नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ने 20 रुपये का नया नोट जल्द जारी करेगा।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने 20 रुपये का नया नोट जल्द जारी करेगा। जैसा कि आप जानते हैं कि 8 नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने नए नोटों को बाजार में उतारा था। नए नोट की सीरीज में अब 6 नई करेंसी आ चुकी जिसमें 10 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट शामिल हैं। अब इस फेहरिश्त में सातवीं करेंसी 20 रुपये के नए नोट के रूप में जुड़ गई है।
पुराने नोट पहले की तरह चलन में होंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन नए नोटों की पहली खेप कानपुर स्थित रिजर्व बैंक के रिजलन ऑफिस में पहुंच चुकी है। जल्द ही 20 के इन नए नोटों की गड्डियां बैंकों में पहुंचाया जाएगा। महात्मा गांधी की नई सीरीज के तहत जारी होने वाले इस नोट पर गवर्नर शक्तिकांत दास के हस्ताक्षर हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि 20 रुपये के पहले से चलन में मौजूद सभी नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे। यानी 20 रुपये के नए नोट आने से पुराने नोट पहले की तरह चलते रहेंगे।
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20 रुपये के नए नोट की खासियत
आरबीआई की ओर से जारी यह नया नोट पीले रंग का दिख रहा है। नोट के पीछे देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाली एलोरा की गुफाओं की तस्वीर है। बता दें कि 20 रुपये के इस नए नोट के आगे के हिस्से पर महात्मा गांधी का चित्रण बीच में है। इसी साइड नोट का मूल्य हिंदी और अंग्रेजी के अंकों में लिखा होगा। इसके साथ ही आरबीआई भारत इंडिया और 20 माइक्रो लेटर्स के रूप में होंगे। सुरक्षा पट्टी पर भारत और आरबीआई लिखा होगा।
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नए नोट आकार में छोटे
हालांकि पुराने नोट के मुकाबले 20 रुपये का यह नया नोट थोड़ा छोटा है। वहीं पुराने नोट की तुलना में तकरीबन 20 फीसदी इसका आकार छोटा बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नोट का आकार 63mmx129mm है। बाकी के सारे फीचर वैसे ही रहेंगे, जो पहले जारी नोटों में हैं। जानकारी दें कि एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरगांबाद में स्थित हैं। ये यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल हैं। यहां कुल 34 गुफाएं हैं, जिनकी लंबाई करीब 30 किलोमीटर है। इन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिर बने हुए हैं। यहां 12 बौद्ध गुफाएं, 17 हिंदू गुफाएं और पांच जैन गुफाएं हैं। इन गुफाओं को 1000 ईसवी पूर्व में बनाया गया था। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों ने बनवाया था। महाराष्ट्र का प्रमुख कैलाश मंदिर भी इन्हीं गुफाओं में बना हुआ है।
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