सोना बेचने से पहले जान लें नियम, नहीं तो पछताएंगे
नई दिल्ली। गोल्ड का दाम लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जानकारों के अनुसार यह 40,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है। ऐसे में कई लोग सोच रहे हैं कि घर में रखा सोना बेच कर पैसा कमा लिया जाए। लेकिन ऐसा करने के पहले इसके बाद आने वाली दिक्कतों को समझना ठीक रहेगा। अगर आपके पास पहले से सोना रखा है या गिफ्ट में मिला हुआ है, तो आप उसे बेच सकते हैं। लेकिन यहां पर टैक्स से जुड़े नियम जानना जरूरी हैं, नहीं तो बाद में आपको पछताना पड़ेगा। टैक्स के नियमों के अनुसार पहले यह देखा जाता है कि रखा या गिफ्ट में मिला सोना आपके पास कब से है, और उस वक्त उसका रेट क्या था। इसके बाद बेचने पर होने वाले फायदे का हिसाब लगाया जाता है। इसी फायदे के अुनसार टैक्स लगता है। हालांकि लोग इस गोल्ड बेचने के दौरान इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, जिसके चलते उन्हें बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन गिफ्ट मिलने पर नहीं देना होता है टैक्स
यह तो सोना बेचने के नियम हैं, जिन पर टैक्स लागू होता है। लेकिन अगर किसी ने आपको सोना गिफ्ट किया है, या आपको सोना विरासत में मिला है, तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन अगर आप यह सोना बाद में बेचते हैं, तो इस पर आपको होने वाले फायदे पर टैक्स चुकाना होगा। इनकम टैक्स विभाग इसे कैपिटल गेन लाभ की तरह मानता है। इसका जिक्र आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में कैटेगरी इनकम फ्रॉम कैपिटल गेन्स में दर्ज करनी होती है।
दो तरह से लागू होता है गोल्ड बेचने पर टैक्स
सोने को अगर बेचा है तो इस पर 2 तरह से टैक्स की गणना की जाती है। एक है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स और दूसरा है लॉग टर्म कैपिटल गेन्स। अगर आपने सोना 36 महीने के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर गोल्ड को 36 महीने के बाद बेचा है तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर इन्डेक्सेशन का फायदा मिलता है और 20 प्रतिशत टैक्स देना होता है।
इस तरह से जानें गोल्ड बेचने पर कितना देना होगा टैक्स
जैसा कि आपको पहले ही बताया गया है कि गोल्ड बेचने पर दो तरह से टैक्स लगता है। अगर आप 36 महीने के अंदर इसे बेच रहे हैं इसे शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स कहा जाएगा और लाभ को इस तरह से निकाला जाएगा।
इसमें आप सोने की बेचने वाली वैल्यू में से खरीदने वाली वैल्यू को घटा दें। अब जो अमाउंट आएगा, वह आपका शार्ट टर्म कैपिटल गेन कहलाएगा। इस अमाउंट को आपकी आमदनी में जोड़ा जाएगा। इसके बाद आप इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आएंगे, उसी हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा।
अगर आप 36 महीने के बाद गोल्ड बेचते हैं तो आप पर लॉग टर्म कैपिटल गेन्स का नियम लागू होगा। इसके तहत आप अपने गोल्ड के बिक्री मूल्य में से गोल्ड की खरीद की इंडेक्स कॉस्ट को घटा दें।
जानिए कैसे निकालेंगे गोल्ड का खरीद का रेट
सोना 1 अप्रैल, 2001 से पहले विरासत में या गिफ्ट में मिला है, तो आप 1 अप्रैल, 2001 तक के सोने के फेयर मार्केट वैल्यू (एफएमवी) या खरीद रेट के हिसाब से इसकी वैल्यू निकाल सकते हैं। अगर 1 अप्रैल, 2001 के बाद आपको विरासत में सोना मिला है, तो आपको खरीद रेट पर ही इसकी गणना करनी होगी।