जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो पढ़ें यह खबर
सरकार द्वारा जैसे ही अनुच्छेद 370 हटाया गया वैसे ही बांकी राज्य के लोगों ने वहां पर कारोबार और निवेश करने के अलावा प्रॉपर्टी खरीदने की भी इच्छा जताने लगे हैं।
सरकार द्वारा जैसे ही अनुच्छेद 370 हटाया गया वैसे ही बांकी राज्य के लोगों ने वहां पर कारोबार और निवेश करने के अलावा प्रॉपर्टी खरीदने की भी इच्छा जताने लगे हैं। किसी भी राज्य में प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के नियमों में वैसे तो समानताएं होती हैं लेकिन थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है। तो यदि आप भी कश्मीर में किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो आपको यहां पर वो सारी प्रक्रिया बताएंगे जो कि आपके काम आ सकती है।
जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी
आपको बता दें कि जम्मू-कमीर में अनुच्छेद 35A को समाप्त कर दिया गया है। इसके तहत जम्मू कश्मीर सरकार को राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने की इजाजत थी। इसका मतलब यह था कि राज्य के स्थायी नागरिक को ही यहां प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत होगी। अब जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट देने के बाद दूसरे राज्यों के लोग भी यहां अचल संपत्ति खरीद सकते हैं। पर कैसे आपको आगे की स्लाइड में बताएंगे।
कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रेरा नीति की आवश्यकता
बता दें कि अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भी केंद्र सरकार के सभी नियम और शर्तें लागू होंगी। फिलहाल, इस प्रक्रिया को पूरी तरह से स्पष्ट बनाने के लिए राज्य से जुड़ी रेरा (RERA) की नीति आवश्यक है।
प्रॉपर्टी एजेंट के अनुसार जम्मू-कश्मीर को अपनी रेरा नीति बनानी पड़ेगी, जो हो सकता है कि दूसरे राज्यों की तरह न हों। वहां के अपने नियम हो सकते हैं। नियमों के तहत मिलने वाले फायदे के बगैर वहां संपत्ति खरीदने को लेकर सवाल बना रहेगा। सरकार ने कहा है कि प्रॉप्रटी से जुड़ा हुआ हिस्सा रेरा के दायरे में आता है।
कानूनी विशेषज्ञ की लें सलाह
प्रॉपर्टी एजेंट के अनुसार अभी शुरुआती दिन हैं। निवेशकों को इस क्षेत्र में रियल एस्टेट के नियंत्रण से जुड़ी सरकारी संस्था के ऐलान का इंतजार करना चाहिए। अगर इससे पहले कोई संपत्ति खरीदना चाहता है तो उसे इस ट्रांसजेक्शन के बारे में किसी भी कानूनी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
रियल एस्टेट के लिहाज से बड़ी संभावनाएं
टियर 2 और टियर 3 शहर रियल्टी के लिहाज से आकर्षक गंतव्य के रूप में उभर रहे हैं। लेकिन, अलग-अलग आर्थिक कारकों की वजह से यह रुझान एक समान नहीं है। जहां जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट के लिहाज से बड़ी संभावनाएं हैं, वहीं आर्थिक गतिविधियां परवान चढ़ने में अभी भी समय लगेगा।
स्मार्ट सिटी प्रोग्राम के तहत आने वाले छोटे शहरों का आकर्षण बढ़ा है। इस कार्यक्रम में वे टियर 1 शहरों से आगे नजर आते हैं। इसके कई कारण हैं, उनके लिए कई संभावनाएं हैं, उनके लिए मुश्किलें भी कम हैं। तो वहीं इन शहरों में जमीन का अधिग्रहण आसान है।
जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने का सही वक्त अभी नहीं
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार अभी जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने का सही समय नहीं है क्योंकि अभी नियमों में स्पष्टता नहीं है। रेरा की नीतियां भी अभी स्पष्ट नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि निवेशकों को जम्मू-कश्मीर में प्रॉप्रटी खरीदने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में रियल एस्टेट निवेश को लेकर अब भी संदेह है।
भविष्य में जम्मू-कश्मीर के इलाके में विकास की बड़ी संभावनाएं बन सकती हैं। फिलहाल, अभी यह बिल्कुल नया बाजार है, जिससे वैल्यूएशन के बारे में पता नहीं है। ऐसे नए बाजार में बेंचमार्किंग से जुड़ी बुनियादी समस्याएं आती हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए प्रॉपर्टी की सही कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।