अच्छी खबर: गरीब रथ एक्सप्रेस नहीं होगी बंद, रेलवे ने दी सफाई
रेलवे यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। जी हां गरीब रथ को एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का निर्णय रेलवे ने वापस ले लिया है।
नई दिल्ली: रेलवे यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। जी हां गरीब रथ को एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का निर्णय रेलवे ने वापस ले लिया है। रेल यात्रियों के लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है। जानकारी दें कि भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों को सेवा से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है तथा काठगोदाम से जम्मू तवी और कानपुर के जाने वाली दोनों गरीब रथ एक्सप्रेस गाड़ियां चार अगस्त से दोबारा चालू हो जाएंगी। रेल मंत्रालय ने गरीब रथ एक्सप्रेस गाड़ियों को बंद किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण जारी किया।
गरीब रथ ट्रेन पर से हटा सकंट
गरीब रथ ट्रेन पहले की तरह चलती रहेगी। इसमें ना ही किराया बढ़ाया जाएगा और ना ही कम्पोजीशन से ही कोई छेड़छाड़ होगी। बता दें कि पहले खबर आई थी कि कम पैसे में एसी ट्रेन में सफर करने का सपना साकार करने वाली गरीब रथ ट्रेन का भविष्य संकट में है और रेल मंत्रालय इस ट्रेन को बंद करने की तैयारी में है। इस कड़ी में हफ्तेभर के भीतर दो गरीब रथ ट्रेनों के कम्पोजीशन भी बदल दिए गए थे। वहीं इससे पहले पूरी तरह से थर्ड एसी इस ट्रेन में स्लीपर कोच भी जोड़े गए थे और रेलवे ने भाड़ा भी बढ़ा दिया था। इतना ही नहीं पटरी पर दौड़ती गरीब रथ ट्रेन को मंत्रालय बेपटरी करने की तैयारी में था।
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चार अगस्त से दोबारा शुरू हो जाएंगी दोनों गाड़ियां
जानकारी दें कि रेल मंत्रालय ने कहा कि इस समय 26 जोड़ी गरीब रथ एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं। ये गाड़ियां काफी लोकप्रिय हैं और इनमें एसी थ्री के सामान्य किराए से सस्ते किराए में वातानुकूलित यात्रा की सुविधा दी जाती है। उत्तर रेलवे ने गरीब रथ एक्सप्रेस के कोचों की कमी के कारण अस्थायी रूप से 12207/08 काठगोदाम और जम्मू तवी के बीच तथा 12209/10 कानपुर से काठगोदाम के बीच गरीब रथ एक्सप्रेस गाड़ियों के परिचालन को बंद किया था। ये दोनों गाड़ियां चार अगस्त से दोबारा शुरू हो जाएंगी। रेल मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे के समक्ष गरीब रथ एक्सप्रेस गाड़ियों की सेवा को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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2006 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी शुरुआत
गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत साल 2006 में उस वक्त के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी। पहली गरीब रथ ट्रेन सहरसा से अमृतसर के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन को कम पैसे में गरीबों को एसी के सफर की सुविधा देने के लिए शुरू किया गया था। गरीब रथ एक्सप्रेस में एसी-3 के कोच होते हैं और इसमें सोने के लिए 78 बर्थ होती हैं। इन ट्रेनों का किराया मेल/ एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी-3 किराए से 25-30 फीसदी कम होता है।
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