गाड़ी बेचने वक्त कार लोन भी कर सकते है ट्रांसफर, जानें कैसे मुमकिन
यदि आपने लोन लेकर कार खरीदा और बिना लोन की रकम चुकाए हुए उसे बेचना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली: यदि आपने लोन लेकर कार खरीदा और बिना लोन की रकम चुकाए हुए उसे बेचना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। बैंक कार लोन ट्रांसफर करने का विकल्प देती है। सबसे पहले आपको अपना कार लोन अकाउंट बंद करना होगा। फिर कार लोन चुकाना पड़ेगा। इसके बाद आप कार बेच सकते हैं। अगर आप कार लोन चुकाने की स्थिति में नहीं हैं तो यह लोन उस व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर भी हो सकता है, जिसे आप कार बेच रहे हैं। कार लोन ट्रांसफर करने के लिए जरूरी है कि आप कार का मालिकाना हक भी उस व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर दें। अगर आप बैंक की लोन संबंधी जरूरत पूरा कर रहे हैं तो आपका कार लोन आसानी से ट्रांसफर हो सकता है।
इन बातों को ना करें नजरअंदाज
एग्रीमेंट डिटेल को चेक करें- यदि किसी को कार लोन ट्रांसफर करना है तो सबसे पहले लोन एग्रीमेंट का डिटेल चेक कर लें क्योंकि लोन डॉक्टयूमेंट में ही यह लिखा होता है कि यह ट्रांसफर हो सकता है या नहीं। यदि आप खुद इसे पता नहीं कर सकते हैं तो अपने कर्जदाता (बैंक) से पता करें कि यह लोन ट्रांसफर किया जा सकता है या नहीं।
खरीददार की विश्वसनीयता को परखें- जिस व्यक्ति को आप अपनी गाड़ी बेचने और लोन ट्रांसफर की योजना बना रहे हैं, उसके क्रेडिट हिस्ट्री को जरूर चेक करें। यह उसके बैंक अकाउंट डिटेल, इनकम प्रूफ, आवासीय पता, सिबिल स्कोर इत्यादि के माध्यम से पता किया जा सकता है। बैंक भी लोन ट्रांसफर करने से पहले नए खरीददार की क्रेडिट हिस्ट्री पता करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह शेष पैसों को अदा कर सकता है।
छह महीने में मात्र एक बिकी नैनो कार, जानें क्या है वजह ये भी पढ़ें
रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर-
कार मालिक को नए खरीददार को लोन के साथ-साथ कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी ट्रांसफर करना पड़ता है। यह स्थानीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाकर होता है। यहां गाड़ी का मालिकाना हक दूसरे व्यक्ति के नाम पर किया जाता है। इसके लिए आरटीओ द्वारा एक निश्चित रकम शुल्क के तौर पर ली जाती है। एक बार कर्जदाता के द्वारा खरीददार के बारे में जांच परख होने और डॉक्यूमेंट प्रोसेस पूरा होने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नए व्यक्ति के नाम पर जारी हो जाता है।
बीमा पॉलिसी ट्रांसफर- इस बात को भी आप सुनिश्चित कर लें कि गाड़ी की बीमा पॉलिसी भी नए खरीददार के नाम पर ट्रांसफर हो जाए। ऐसा इस वजह से ताकि आपको आगे इंश्योरेंस प्रीमियम न देना पड़े। एक बार कार का रजिस्ट्रेशन अगले व्यक्ति के नाम पर हो जाता है तो संबंधित दस्तावेज जैसे लोन डॉक्यूमेंट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कॉपी इत्यादि बीमाकर्ता के पास जमा कर दें। बीमाकर्ता की मंजूरी के बाद गाड़ी का बीमा भी दूसरे के नाम पर ट्रांसफर हो जाएगा।
जरूरी दस्तावेज
इस बात से भी आपको अवगत करा दें कि कार खरीदने वाले व्यक्ति को अपने ये दस्तावेज जमा कराने होंगे। लोन ट्रांसफर फॉर्म, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, आमदनी का सबूत, बैंक हालांकि अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकते हैं। वहीं दूसरी ओर बता दें कि कार लोन ट्रांसफर करने के लिए बैंक कार खरीदार से कुछ चार्ज ले सकते हैं। लोन की अवधि और मूलधन की रकम के हिसाब से यह फीस अलग-अलग हो सकती है।
मारुति सुजुकी की सेल्स में आई तगड़ी गिरावट, ऑटो इंडस्ट्री सुस्त रही जून में ये भी पढ़ें
कृपया ध्यान रखें
सबसे पहले आप कार लोन ट्रांसफर करने के लिए बैंक से बात करें। कार खरीदने और लोन ट्रांसफर के लिए सही खरीदार की तलाश करें।आरटीओ और बीमा कंपनी से दस्तावेज ट्रांसफर करने के लिए बात करें। कार के मालिकाना हक के दस्तावेज ट्रांसफर करायें। बीमा पॉलिसी ट्रांसफर करायें। अगर कार के लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया के दौरान उसे कुछ नुकसान होता है तो वह कार बेचने वाले को ही भुगतना पड़ेगा। कार बेचने और लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होने तक कार को सुरक्षित रखें।
जानें कैसे है मुमकिन मोबाइल नंबर की तरह कार नंबर भी पोर्ट करना ये भी पढ़ें