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इन 3 गलतियां के चलते डूब जाता है बीमा क्लेम, अभी करें सुधार

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नई दिल्ली। अगर आपने बीमा लिया और सोच रहे हैं कि यह परिवार के जरूरत पर काम आएगा तो एक बार फिर से अपनी पॉलिसी चेक कर लें। क्यों कि एलआईसी सहित सभी बीम कंपनियां मामूली सी लगने वाली 3 गलतियों के आधार पर बीमा के दावे खारिज कर देती हैं। ऐसे में परिवार को जब सबसे ज्यादा पैसों की जरूरत होती है, उस वक्त उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ सावधानियां रखें। प्रीमियम बचाने के लिए एजेंट अक्सर ऐसी गलत सलाह दे देतें हैं जो बाद में भारी पड़ती हैं। इससे बचने के लिए अच्छा होगा कि लोग खुद बीमा का फार्म भरें या जब एजेंट इसे भरे तो बाद में ध्यान से पूरा जरूर पढ़ें।

इन 3 गलतियां के चलते डूब जाता है बीमा क्लेम, अभी करें सुधार

बीमा लेने के बाद भी सुधार सकते हैं गलती

बीमा लेते वक्त इंश्योरेंस कंपनियां काफी जानकारी मांगती हैं। कई बार लगता है यह जानकारियों गैरजरूरी हैं। लेकिन ऐसा मान कर जानकारी देने में लापरवाही न वरतें। अक्सर बीमा लेने के बाद जब उनके परिवार को क्लेम की जरूरत पड़ती है तो यह जानकारी काम बिगाड़ देती हैं। ऐसे में जरूरी है कि जैसे ही बीमा कंपनी आपको पॉलिसी भेज, उसे ध्यान से पढ़ें। अगर सब कुछ सही है तो ठीक है, लेकिन अगर आपको लगता है कि इसमें कुछ जानकारी सही नहीं हैं, तो इसे आप सुधरवा सकते हैं। दरअसल पॉलिसी मिलने के बाद 15 दिन का फ्री लुक पीरियड बीमा कंपनियां देती हैं। इस दौरान अगर आप चाहें तो बीमा वापस भी कर सकते हैं। अगर चाहें तो जानकारी सुधरवा भी सकते हैं।
आइये अब जानते हैं वो 3 चूक कौन सी हैं, जो बाद में पड़ती हैं भारी ...

अपनी और अपने पेशे की दें सही जानकारी

अपनी और अपने पेशे की दें सही जानकारी

बीमा कंपनियां बीमा कराते वक्त चाहती हैं कि लोग अपनी बारे में और अपने नौकरी या कारोबार के बारे में सही जानकारी दें। इसके अलावा अपनी आमदनी के बारे में सही जानकारी देना चाहिए। कई बार लोग अपनी आमदानी ज्यादा दिखा कर बड़ा बीमा ले लेते हैं, लेकिन बाद में अगर क्लेम की नौबत आती है तो यह फंस जाता है। कंपनियां ऐसे बड़े बीमा के दावे के आने पर बीमा कराने वाले की तरफ से दी गई जानकारी की गहराई से छानबीन करती हैं, उसके बाद ही क्लेम पर फैसल लेती हैं।

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अपनी सेहत की सही-सही जानकारी दें

अपनी सेहत की सही-सही जानकारी दें

बीमा कंपनियां बीमा लेने वालों से चाहती हैं कि वह अपनी सेहत से जुड़ी सही सही जानकारी दें। अगर कोई बीमारी हो तो उसे बीमा फार्म पर जरूर दर्ज करें। आमतौर पर बीमा लेने वाले को लगता है कि यह छोटी मोटी बात है, लेकिन अगर यह जानकारी सही नहीं दी जाती है या छिपाई जाती है तो बाद में यह भारी पड़ता है। इसी लिए इन बातों को छिपाने से अच्छा है कि बीमा कराते वक्त कंपनी को बताया जाए, जिससे क्लेम लेते वक्त किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।

यह भी पढ़ें : कैंसर का इलाज कर देता है कंगाल, LIC से लें 300 रुपये महीने का बीमा प्लान

परिवार के लोगों की सेहत से जुड़ी जानकारी सही-सही दें

परिवार के लोगों की सेहत से जुड़ी जानकारी सही-सही दें

बीमा लेते वक्त परिवार के लोगों की सेहत जुड़ी सही सही जानकारी देना चाहिए। अगर किसी को कोई बीमारी है तो जरूर बताना चाहिए। कंपनियां बीमारी बताने के बाद भी बीमा देने से मना नहीं कर सकती हैं। लेकिन कंपनियां बीमारी की सही जानकारी होने पर अपने रिस्क का अंदाजा लगाती हैं और उसी हिसाब से प्रीमियम तय करती हैं। इसीलिए जानकारी सही-सही देना चाहिए। बीमा कंपनियां इस जानकारी से जानना चाहती हैं कि कहीं परिवार में किसी को ऐसी बीमारी तो नहीं है जो बाद में आपको भी हो सकती है। इसी हिसाब बीमा कंपनियां अपनी प्रीमियम तय करती हैं। लेकिन जानकारी छिपाने से प्रीमियम तो कम हो सकता है कि लेकिन जरूरत पर बीमा क्लेम फंस सकता है।

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बीमा रिजेक्‍ट होने के आंकड़े

बीमा रिजेक्‍ट होने के आंकड़े

बीमा कंपनियों की नियामक संस्था इरडा हर साल बीमा दावों के रिजेक्‍ट होने का विवरण जारी करती है। पिछले वित्‍त वर्ष में एलआईसी ने 0.58 प्रतिशत बीमा के दावे रिजेक्‍ट किए थे। इसके अलावा निजी कंपनियों ने 0.97 प्रतिशत बीमा के दावे रिजेक्‍ट किए थे। हर साल बीमा कंपनियों के पास लाखों की संख्या में बीमा दावे आते हैं। इरडा के इन आंकड़ों पर नजर डालें तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि रह साल हजारों बीमा दावे रिजेक्ट हो जाते हैं। ऐसे में बीमा लेते वक्त मामूली सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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English summary

Why insurance claim rejected What to do to avoid rejection of insurance claim lic in hindi

What are the mistakes that make the insurance claim rejection? What precautions should be taken while taking insurance. What information should not be hidden while taking insurance. Why Insurance Companies Make Insurance Claim Reject.
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