1 जुलाई से बदल जायेंगे आपके बैंकों से जुड़े ये नियम
आप सब के लिए ये जानना बेहद जरुरी हैं कि 1 जुलाई से बैंकों से जुड़े 3 बदलाव लागू होने जा रहे हैं।
नई दिल्ली: आप सब के लिए ये जानना बेहद जरुरी हैं कि 1 जुलाई से बैंकों से जुड़े 3 बदलाव लागू होने जा रहे हैं। सरकार की ओर से वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के तहत किये गये बैंकों से संबंधित तीन बदलाव एक जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। ये बदलाव बैंकों के आम उपभोक्ताओं की रोजमर्रा के जीवन पर असर डालेंगे। एक तरह से हम ये कह सकते हैं कि तीनों ही बदलाव ग्राहकों को राहत देने वाले हैं। जानकारी दें कि एक तरफ एनईएफटी और आरटीजीएस चार्ज खत्म होने से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा तो दूसरी तरफ एसबीआई से होम लोन लेने वाले ग्राहकों को रीपो रेट कम होने का लाभ मिल सकता है। इतना ही नहीं इसके अलावा बेसिक अकाउंट होल्डर्स को पहले से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। आइये जाने इन बदलावों को बारें में:
एनइएफटी व आरटीजीएस पर चार्ज खत्म होगा
जानकारी के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसा ट्रांसफर करने पर लगने वाले चार्ज को 1 जुलाई से खत्म करने की घोषणा की है। रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) बड़ी राशियों को एक खाते से दूसरे खाते में तुरंत ट्रांसफर करने की सुविधा है। इसी तरह एनईएफटी के जरिये दो लाख रुपये तक तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके साथ ही बता दें कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने इसे खत्म कर दिया है। देश का सबसे बड़ा भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी के जरिए पैसे ट्रांसफर के लिए एक रुपये से 5 रुपये का शुल्क लेता है। वहीं आरटीजीएस के राशि स्थानांतरित करने के लिए वह 5 से 50 रुपये का शुल्क लेता है।
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एसबीआइ का होम लोन रेपो रेट से जुड़ा, ईएमआई सस्ती
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) देश का सबसे बड़ा बैंक 1 जुलाई से अपने होम लोन की ब्याज दरों को रीपो रेट से जोड़ देगा। यानी, अब एसबीआई होम लोन की ब्याज दर पूरी तरह रीपो रेट पर आधारित हो जाएगी। अब यह समझना जरूरी है कि चूंकि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी या एमपीसी) वर्ष में छह बार यानी हर दूसरे महीने नीतिगत ब्याज दरों की समीक्षा करती है जिनमें रीपो रेट भी शामिल है। स्पष्ट है कि अगर हर द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रीपो रेट में बदलाव हुआ तो एसबीआई के होम लोन की ब्याज दरें भी उसी के मुताबिक घटेंगी या बढ़ेंगी।
जानकारी दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार तीन समीक्षा बैठकों में रीपो रेट में कुल मिलाकर 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। आगे ऐसी परिस्थितियों में एसबीआई का होम लोन भी लगातार सस्ता होगा। हालांकि, कई बार रीपो रेट न घटाया जाता है और न ही उसमें कोई वृद्धि की जाती है। रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने की स्थिति में एसबीआई होम लोन की ब्याज दरें भी स्थिर रहेंगी।
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चेक बुक और अन्य सुविधाएं जीरो बैलेंस वाले खाता धारकों को भी
आपको इस बात से भी अवगत करा दें कि बैंकों में बेसिक अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को भी चेक बुक और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। बैंक इनके लिए खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिए नहीं कह सकते। वहीं प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है, जिसे जीरो बैलेंस से खोला जा सकता है। जानकारी दें कि इसमें कोई मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है। वित्तीय समावेशी अभियान के तहत बीएसबीडी अकाउंट पर यह सुविधा एक जुलाई से लागू होगी।
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