Budget के बाद FD कराने वालों को SBI ने दी छूट, उठाएं फायदा
नई दिल्ली। बजट 2019 (Budget 2019) में वित्तमंत्री पीयूष गोयल (Finance Minister Piyush Goyal) ने उन लोगों को भारी राहत दी है जो ब्याज की आमदनी पर अपना खर्च चलाते हैं। अभी तक बैंक (Bank) और पोस्ट ऑफिस (Post Office) की जमा पर अगर किसी का ब्याज 10 हजार रुपये से ज्यादा हो जाता है तो उस पर टीडीएस (TDS or Tax Deducted at Source) काटने का नियम है। लेकिन इस बार बजट (Budget) में यइ नियम बदल दिया गया है। अब 1 अप्रैल 2019 से बैंक या पोस्ट ऑफिस में अगर 40 हजार रुपये तक का ब्याज मिलेगा तो उस पर टीडीएस (TDS) नहीं कटेगा। वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को अब यह छूट दे दी है कि वह 15G/15H होम ब्रांच के अलावा किसी भी ब्रांच में जमा कर सकते हैं। इससे अपने शहर से दूर रह रहे लोगों का काफी राहत मिलेगी।
क्या होता है फॉर्म 15G और फॉर्म 15H
इनकम टैक्स (Income Tax) मामलों के वकील राजीव तिवारी के अनुसार फार्म 15G और फॉर्म 15H एक फार्म है जो आप अपने बैंक में जमा कर सकते हैं। अगर आपकी साल में कुल आय पर कोई कर दायित्व नहीं है तो इन फार्म को भरकर आप टीडीएस (TDS) कटौती से बच सकते हैं। यह फॉर्म हर साल जमा कराने होते हैं। हर साल इन फार्म को भरना इसलिए जरूरी है कि आपकी आय में अंतर आ सकता है ऐसे में अगर आप फार्म 15G और फॉर्म 15H को भरने के हकदार हैं तो इन्हें भरकर टीडीएस (TDS) कटने से बचा सकते हैं।
गलत जानकारी भेज सकती है जेल
टीडीएस (TDS) कटने से बचाने के लिए अगर फॉर्म 15G में गलत डिक्लेयरेशन देते हैं तो इनकम टैक्स (Income Tax) ऐक्ट की धारा 277 के तहत पेनल्टी लगाई जा सकती है। इनकम टैक्स (Income Tax) के जानकार के अनुसार इस फॉर्म में गलत जानकारी देने पर तीन महीने से लेकर दो साल तक की कैद की सजा भी हो सकती है और जुर्माना अलग से देना पड़ सकता है। वहीं अगर 25 लाख रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला हो तो सात साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
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