एलपीजी ग्राहकों को मिलता है 50 लाख रुपये तक का बीमा क्या आपको पता है?
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हर घर में भारत गैस का एलपीजी कनेक्शन है या इंडियन गैस का कनेक्शन है। लेकिन क्या आप इस बात से रूबरू हैं कि आपके घर में रसोई गैस का कनेक्शन हैं तो आपको 50 लाख रुपये।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हर घर में भारत गैस का एलपीजी कनेक्शन है या इंडियन गैस का कनेक्शन है। लेकिन क्या आप इस बात से रूबरू हैं कि आपके घर में रसोई गैस का कनेक्शन हैं तो आपको 50 लाख रुपये का बीमा मिल सकता है। हम आपको बता दें कि हर एक ग्राहक एलपीजी लाइफ इंश्योरेंस के दायरे में आता है। जो एलीपीजी सिलेंडर सरकारी लाइसेंस प्राप्त एजेंसी से खरीदता है।
पिछले 25 सालों में किसी ने नहीं किया क्लेम
इसके लिए कस्टमर को कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। यह एक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है। जिसे सभी ऑयल कंपनियां जैसे इंडियन गैस, भारत गैस आदि लेती है।
यह पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत आता है। सभी कंपनियां यूनाइटेड इंश्योंरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने ग्राहकों का इंश्योरेंस कराती हैं। अगर किसी सिलेंडर से ब्लास्ट होता है, तो उस स्थिति में गैस कंपनियों को इंश्योरेंस करवेज देना होता है।
हांलाकि इस बात से आपको अवगत करा दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार एलपीजी इंश्योरेंस को पिछले 25 सालों में किसी ने क्लेम नहीं किया है। दरअसल मुख्य बात ये हैं कि लोगों को इंश्योरेंस के बारे में पता ही नहीं है।
50 लाख का क्लेम
एलपीजी सिलेंडर से ब्लास्ट होने के आकलन की तीन कैटेगरी होती है। इन्हीं कैटेगरी के आधार पर गैस कंपनियां इंश्योरेंस देती हैं। एलजीपी सिलेंडर के ब्लास्ट की अधिकतम लायबिलिटी की रकम 50 लाख रुपए होती है। इसमें प्रति व्यक्ति लायबिलिटी की रकम 10 लाख रुपए होती है।
- पर्सनल एक्सीडेंट यानी की मौत
- मेडिकल एक्सपेंस
- प्रॉपर्टी डैमेज
अपने इंश्योरेंस का क्लेम ऐसे करें।
- एक्सीडेंट की सबसे पहले स्थानीय पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करानी होती है। इसके बाद गैस डिस्ट्रीब्यूटर को एक्सीडेंट के बारे में लिखित सूचना देनी होती है। इसके साथ पुलिस रिपोर्ट की कॉपी लगानी होगी।
- इसके बाद गैस डिस्ट्रीब्यूटर वो एक्सीडेंट की सूचना गैस कंपनी तक पहुंचाती है। प्रॉपर्टी डैमेज की स्थिति में ऑयल कंपनी से एक टीम आती है, वो प्रॉपर्टी एसेस करती है। और इंश्योंरेस तय करेगी।
- मृत्यु की स्थिति में डेथ सर्टिफिकेट, पोस्ट मॉर्टम सर्टिफिकेट देना होता है, तभी आपको इंश्योरेस मिल पाएगा।
- वहीं एक्सीडेंट की स्थिति में मेडिकल बिल और प्रेसक्रिप्शन बिल देना होता है। उसके बाद ही इंश्योरेंस बिल मिलता है। डिस्चार्ज बिल ऑयल कंपनी को देना होगा।
इन हालात में नहीं मिलेगा इंश्योरेंस
इस बात का हमेशा ध्यान रखने की कोशिश करें कि एलपीजी गैस सिलेंडर ही लेना चाहिए। साथ ही सिलेंडर लेते वक्त ये भी अच्छी तरह देखे कि क्या वो आईएसआई मार्क वाला है। अगर ऐसा सीलबंद या फिर आईएसआई मार्क वाला सिलेंडर नहीं हैं, तो आपको क्लेम नहीं मिलेगा।