प्रधानमंत्री मातृत्व लाभ योजना देश में कई जगहों पर लागू
केंद्र सरकार की मातृत्व लाभ योजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है। काफी दिक्कतों के बाद 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस योजना को अपने यहां लागू कर दिया है।
केंद्र सरकार की मातृत्व लाभ योजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है। काफी दिक्कतों के बाद 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस योजना को अपने यहां लागू कर दिया है। इस योजना के तहत गर्भवती और शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं को सरकार आर्थिक मदद देती है। इसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) कहा जाता है।
महिला को 6,000 रुपये दिए जाते
बता दें कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2016 में इस योजना का एलान किया था। इसके तहत कुछ शर्तें पूरी करने पर एक महिला को 6,000 रुपये दिए जाते हैं। हांलाकि सबसे पहले इस योजना का यूपीए सरकार ने 2010 में शुरू कियातब इसका नाम इंदिरा गांदी मातृत्व सहयोग योजना था। इसे 650 जिलों में से 53 में लागू किया गया था। इस योजना का नाम बदलकर इसे देश भर में लागू किया गया था।
हालांकि, पहले इस योजना में दो बच्चों तक के जन्म पर लाभ का प्रावधान था। बाद में बजट में कमी के चलते इस लाभ को एक बच्चे के जन्म तक सीमित कर दिया गया। चूंकि तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपने यहां इसी तरह की योजना चला रहा थे, इसलिए इन राज्यों में केंद्र की इस योजना में दिलचस्पी कम दिखाई।
48.11 लाख महिलाओं ने इस योजना के लिए नाम लिखवाया
हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 13 सितंबर तक 48.11 लाख महिलाओं ने इस योजना के लिए अपना नाम लिखाया था। इनमें से 37.30 लाख महिलाओं को 1,168 करोड़ रुपये का मातृत्व लाभ दिया जा चुका है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती अड़चनों के बाद अब सभी राज्यों ने इस योजना को स्वीकार कर लिया है।
एस्क्रो अकाउंट खोलने के लिए कहा
बता दें कि एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो शुरुआत में लॉजिस्टिक्स से जुड़ी कुछ समस्याएं थीं, जिन्हें दूर करने की जरूरत थी। अब सभी राज्यों ने इसे अपना लिया है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए एक व्यवस्था बनाई है। सीधे राज्यों के खजाने में पैसा ट्रांसफर करने के बजाय उन्हें एस्क्रो अकाउंट खोलने के लिए कहा गया है। खास बात यह है कि तेलंगाना, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्य भी अपनी योजनाओं के साथ-साथ इस योजना को भी लागू करेंगे।