प्रोविडेंट फंड स्टेटमेंट को कैसे पढ़ें?
यहां पर आपको प्रोविडेंट फंड स्टेटमेंट पढ़ने का तरीका बताएंगे।
प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) वो राशि है जो आपकी सैलरी से कटती है और आपकी कंपनी (नियोक्ता) भी इसमें अपना योगदान देती है, ये राशि रिटायरमेंट पर आपको मिल जाती है। आपने अपनी सैलरी स्लिप में वो राशि देखी होगी जो आपके पीएफ फंड में जुड़ रही है, लेकिन आपकी कंपनी इसमें कितना योगदान दे रहगी है और आपने साल में कितना ब्याज कमाया है इसकी जानकारी के लिए आपको अपना पीएफ स्टेटमेंट देखना होगा।
अपना पीएफ स्टेटमेंट कैसे एक्सेस करें?
मुख्य तौर पर, आपकी कंपनी ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) से मिलते ही पीएफ स्टेटमेंट आपको दे देती है या कंपनी इसे अपने इंट्रानेट पर डाल देती है ताकि कर्मचारी इसे एक्सेस कर सकें।
आपको जानकारी होनी चाहिए आपको पीएफ की सुविधा देने वाली संस्थाएं दो तरह की होती है: एग्जेंप्ट और अनएग्जेंप्ट। एग्जेंप्ट संस्थाएं वे संस्थाएं होती हैं जिन्हें सरकार से निश्चित शर्तों पर पीएफ स्कीम्स चलाने और मैनेज करने की मान्यता प्राप्त है। ये भी EPFO से नियमित होती हैं, लेकिन उनके द्वारा रिकॉर्ड मैनेज नहीं रखा जाता है। इस तरह की एग्जेंप्ट पीएफ सुविधा के लिए पीएफ स्टेटमेंट आपकी कंपनी के इंट्रानेट पर उपलब्ध रहता है।
अन-एग्जेंप्ट पीएफ स्कीम्स सरकारी संस्था ईपीएफओ द्वारा मैनेज की जाती हैं। कंपनी के इंट्रानेट के साथ ही आप अपना पीएफ स्टेटमेंट www.epfindia.gov.in पर भी देख सकते हैं।
पीएफ स्टेटमेंट की सामान्य बातें
सामान्य जानकारी: इसमें आपका नाम, जन्म दिनांक, संस्था को ज्वॉइन करने की तारीख, कंपनी का पता और एस्टेबलिशमेंट आईडी (संस्था की आईडी) होती है।
पीएफ अकाउंट नंबर: यदि आपकी संस्था अनएग्जेंप्ट है तो आपका पीएफ नंबर अल्फान्यूमेरिकल होता है, जब कि प्राइवेट पीएफ संस्था होती है तो यह पूरा न्यूमेरिकल होता है।
यूएएन नंबर: आपका यूएएन नंबर जॉब बदलने पर वही रहता है और केवल नया पीएफ अकाउंट नंबर ही खोला जाता है। UAN या यूनिवर्सल अकाउंट नंबर एक 12 डिजिट का यूनीक नंबर होता है जो विभिन्न जॉब्स के पीएफ अकाउंट्स से लिंक होता है। आपको अपनी अगली कंपनी में यह बताना होगा ताकि वे आपके पीएफ अकाउंट को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें।
आपका पीएफ अकाउंट नंबर क्या दर्शाता है?
- ईपीएफओ का पीएफ अकाउंट नंबर एम्प्लॉयमेंट के एरिया पर निर्भर करता है: पहले दो अक्षर राज्य का नाम दर्शाते हैं। उदाहरण के तौर पर MH महाराष्ट्र, KA कर्नाटक। अगले तीन अक्षर आपके रीज़नल ऑफिस का शॉर्ट फॉर्म है। उदाहरण के तौर पर, KA के बाद BOM का मतलब है कर्नाटक में ‘बोम्मनहल्ली' और KRP का मतलब है केआर पुरम।
- अगले 7 अक्षर आपकी कंपनी की आईडी हैं।
- ये तीन नंबर आपकी संस्था की एक्सटेंशन आईडी है, अगर ये आईडी नहीं है तो ये ‘000' होगा।
- अगले सात अंक एम्प्लॉयी आईडी है, जो कि आपके पीएफ नंबर को अन्य साथियों से अलग करता है।
मासिक और स्वैच्छिक योगदान
पीएफ स्टेटमेंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के पीएफ अकाउंट में योगदान की जानकारी होती है।
हालांकि दोनों सैलरी का 12% योगदान करते हैं, नियोक्ता के योगदान का एक भाग ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है। आप पीएफ स्टेटमेंट में ईपीएस का मासिक योगदान देख सकते हैं।
कर्मचारी पीएफ में अपनी सैलरी के 12% से अधिक का योगदान भी कर सकते हैं। यह एक तरह का स्वैच्छिक योगदान है जिसकी जानकारी पीएफ स्टेटमेंट में होती है।
ब्याज और निकासी
आपका जो बैलेन्स होता है उस पर आपको हर महीने ब्याज मिलता है लेकिन यह साल में एक बार क्रेडिट होता है। इन खातों पर सरकार द्वारा दिया जाने वाला ब्याज और आपको मिलने वाला ब्याज स्टेटमेंट में लिखा होता है।
यदि आपने ईपीएफओ के शर्तों के अनुसार पहले कुछ राशि निकाली है तो यह भी आपके पीएफ स्टेटमेंट में होता है। इसके बाद जो ब्याज मिलेगा वह शेष उपलब्धराशि पर ही मिलेगा।