बैंक के साथ Gold का सेविंग अकाउंट कैसे खोलें?
यहां पर आपको बताएंगे कि बैंक के साथ गोल्ड सेविंग अकाउंट कैसे ओपन करें।
केंद्रीय बजट साल 2015 में, वित्त मंत्री ने इस उम्मीद से सोने के मुद्रीकरण योजना को प्रस्तावित किया था कि ये घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सोने के आयात पर निर्भरता को कम कर सकती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बैंकों से ऋण पर कच्चे माल के रूप में सोने को उपलब्ध कराने के माध्यम से देश में रत्नों और आभूषण के क्षेत्र में सकारात्मक विकास करना है।
गोल्ड सेविंग अकाउंट के बारे में बेहतर जानकारी के लिए इन 5 प्वाइंट्स पर गौर करें।
1) गोल्ड सेविंग्स अकाउंट:
जब ग्राहक शुद्धता परीक्षण केंद्र में जमा सोने के प्रमाण पत्र को दिखाता है, तो बैंक ग्राहक के लिए 'गोल्ड सेविंग्स खाता' खोल देगा और ग्राहक के खाते में सोने की 'मात्रा' क्रेडिट (जमा) करेगा। इसके साथ ही, शुद्धता सत्यापन केंद्र (प्योरिटी वेरिफिकेशन सेंटर) भी बैंक को डिपोजिट (जमा) के बारे में सूचित करेगा। Gold इंश्योरेंस (स्वर्ण बीमा): कवर, प्रीमियम और फायदे
2) बैंकों द्वारा ब्याज भुगतान:
बैंक ग्राहक को ब्याज का भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध होगा जो गोल्ड सेविंग्स अकाउंट खोलने के 30/60 दिनों के बाद देय होगा। दिए जाने वाले ब्याज दर की राशि बैंकों को तय करने की छूट होगी। निवेशकों के लिए टॉप 5 गोल्ड सेविंग स्कीम
सोना जमा करने वाले जमाकर्ताओं को मूल और ब्याज दोनों का भुगतान सोने में वैल्यूड होंगे। उदाहरण के लिए यदि कोई ग्राहक 100 ग्राम सोना जमा करता है और उसे 1 प्रतिशत ब्याज मिलता है, तो मैच्योरिटी पर उसके पास 1 ग्राम का क्रेडिट होता है।
3) छूट:
ग्राहक के पास नकद या सोने में छूट का विकल्प होगा, जिसे शुरुआत में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए (यानि, जमा करने के समय)। देखें अपने शहर में सोने का दाम
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4) कार्यकाल:
जमा का कार्यकाल न्यूनतम 1 साल और एक वर्ष के गुणकों में होगा। एक निश्चित जमा राशि (फिक्सड डिपोजिट) की तरह, मैच्योरिटी से पहले लॉक पीरियड को तोड़ने की अनुमति होगी। देखें अपने शहर में चांदी का दाम
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5) कर छूट:
गोल्ड डिपोजिट स्कीम (1999) में कर छूट, ग्राहकों को पूंजीगत लाभ कर से छूट, संपत्ति कर और आयकर से छूट मिलेगी। उचित परीक्षण के बाद जीएमएस (GMS) में ग्राहकों को इसी तरह की कर छूट उपलब्ध कराई जा सकती है। SBI की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश के लाभ