राष्ट्रीयकृत बैंक: भारत के सरकारी बैंकों की सूची देखें यहां
यहां पर आपको राष्ट्रीयकृत बैंक के बारे में बताएंगे, साथ ही आपको भारत के सभी सरकारी बैंकों की पूरी सूची यहां पर उपलब्ध कराएंगे।
आज के ज़माने में, लोग अपनी मेहनत की कमाई बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में बिना किसी चिंता के सुरक्षित रख सकते हैं। हम देश के विभिन्न बैंकों की सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं जिनके बारे में हमारी पुरानी पीढ़ी को पता भी नहीं था। पुराने ज़माने में, पैसे को सुरक्षित रखने का ऐसा कोई तरीका नहीं था, ऐसे में लोग पैसा अपने घरों की तिजोरियों में रखते थे।
राष्ट्रीयकृत बैंक
भारत में बैंकिंग सिस्टम का विकास ब्रिटिश काल में हुआ। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में तीन बैंक स्थापित किए, 1809 में बैंक ऑफ बंगाल, 1840 में बैंक ऑफ बॉम्बे और 1843 में बैंक ऑफ मद्रास। इन तीनों बैंकों को मिला दिया गया और इंपीरियल बैंक अस्तित्व में आया जिसे बाद में 1955 में एसबीआई ने अधिग्रहण कर लिया था। अब हम बैंक की विचारधारा समझते हैं।
बैंक क्या है?
बैंक एक वित्तीय संस्था है जिसे पैसा जमा करने और ज़रूरतमंद लोगों को लोन देने का लाइसेन्स प्राप्त होता है। बैंक करेंसी एक्सचेंज, वेल्थ मैनेजमेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज और सेफ डिपॉजिट बॉक्स जैसी अन्य सेवाएँ भी देते हैं।
पैसे जमा करना और बिजनेसमैन और लोगों को ऋण देने के साथ ही बैंक के कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य है जैसे कि पेमेंट का भुगतान करना, पैसे सुरक्षित रखना और सिक्योरिटी फंडस में पैसा निवेश करना।
बैंकिंग सेक्टर का वर्गीकरण
भारत में, बैंकिंग सेक्टर का वर्गीकरण मुख्यतः दो भागों में किया जाता है एक है अनुसूचित बैंक और दूसरा गैर- अनुसूचित बैंक। अनुसूचित बैंक 1934 में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की दूसरी अनुसूची के अंतर्गत अस्तित्व में आए।
भारत में अनुसूचित बैंकों को आगे इस तरह वर्गीकृत किया जा सकता है-
- राष्ट्रीयकृत बैंक
- विदेशी बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी बैंक और
- अन्य निजी क्षेत्र के बैंक
राष्ट्रीयकृत बैंक क्या हैं? राष्ट्रीयकरण से मतलब है कि पब्लिक सेक्टर की संपत्ति का संचालन राज्य या केंद्र सरकार द्वारा करना। भारत में, जो बैंक पहले से प्राइवेट सेक्टर के अंदर थे उन्हें राष्ट्रीयकरण के अधिनियम के अनुसार पब्लिक सेक्टर (सार्वजनिक क्षेत्र) में बदला गया जिससे राष्ट्रीयकृत बैंक अस्तित्व में आए।
भारत में बैंकों का इतिहास आज़ादी के बाद का है, भारत सरकार ने देश के आर्थिक विकास के कई कदम उठाए, इन्हीं के परिणामस्वरूप अप्रैल 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई। इसके बाद 1948 के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम के अंतर्गत 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और यहीं से बैंकों के राष्ट्रीयकरण की शुरुआत हुई।
आज़ादी के बाद, भारत सरकार ने देश की बेहतरी के लिए योजनाबद्ध तरीके से आर्थिक विकास की शुरुआत की। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नियामक प्राधिकरण के अंतर्गत 19 जुलाई 1969 से तुरंत प्रभाव से देश के 14 बड़े कमर्शियल बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने का अध्यादेश जारी कर दिया। इन 14 बैंकों में देश का कुल 85 प्रतिशत बैंक जमा था और इनमें से अधिकतर निजी स्वामित्व में थे। 1980 में, 6 और कमर्शियल बैंको का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। 1990 तक 4% की धीमी गति से वार्षिक वृद्धि हुई।
1990 के शुरुआत में, भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनाई और देश में कुछ निजी बैंकों को लाइसेंस दिया जिससे भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी।
बैंकों के राष्ट्रीयकरण के कारण
- सामाजिक कल्याण के लिए
- बैंकिंग की आदत बढ़ाने करने के लिए
- बैंकिंग क्षेत्र के विस्तार के लिए
- निजी एकाधिकार को नियंत्रित करने के लिए
- क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के लिए
- प्राइवेट क्षेत्र में ऋण देने के लिए
भारत में राष्ट्रीयकृत बैंकों की सूची
भारत के केंद्रीय बैंक - आरबीआई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट में इन 19 बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों का दर्ज़ा दिया हुआ है।
बैंक का नाम | स्थापना दिवस |
---|---|
आंध्रा बैंक | 1980 |
इलाहाबाद बैंक | 1969 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 1969 |
बैंक ऑफ इंडिया | 1969 |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 1969 |
केनरा बैंक | 1969 |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 1969 |
कॉर्पोरेशन बैंक | 1980 |
देना बैंक | 1969 |
इंडियन बैंक | 1969 |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 1969 |
ओरिंएटल बैंक ऑफ कॉमर्स | 1980 |
पंजाब एण्ड सिंध बैंक | 1969 |
पंजाब नेशनल बैंक | 1969 |
सिंडीकेट बैंक | 1969 |
यूको बैंक | 1969 |
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया | 1969 |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 1969 |
विजया बैंक | 1969 |
भारत में प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आदि हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
एसबीआई के नाम से जाना जाने वाला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश का प्रसिद्ध बैंक है, इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना के लिए जनवरी 1921 में जब बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ कलकत्ता और बैंक ऑफ कलकत्ता में विलय किया गया तब एसबीआई अस्तित्व में आया।
इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया में जब भारत सरकार की 60% थी तब 1 जुलाई 1955 को इसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया नाम दिया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया राष्ट्रीयकृत बैंकों की सूची में शामिल नहीं है क्यों कि यह शुरुआत से ही राज्य संचालित वित्तीय संस्था रही है। इसका मुख्यालय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में है।
आंध्रा बैंक
आंध्रा बैंक भारत में मध्यम आकार का सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है जिसका संचालन 1923 से शुरू हुआ। सरकार इस बैंक में 63.97% भागीदारी शेयर कैपिटल के रूप में रखती है। इसके देश में 2803 ब्रांच हैं। मार्च 2018 में बैंक की कुल आय 20,346.60 करोड़ का आंकड़ा छू गई थी।
इलाहाबाद बैंक
इस बैंक की शुरुआत 1865 में यूरोपीय लोगों के समूह द्वारा की गई। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। यह भारत का एक पुराना जाइंट स्टॉक बैंक है जिसने अशांति का माहौल देखा है। 2017-18 में बैंक का बिजनेस 3.8 ट्रिलियन रहा था। इसके देशभर में 3245 ब्रांच हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा की शुरुआत आज़ादी से पूर्व 1908 में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड III ने की। भारत सरकार द्वारा 1969 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। बैंक की 3.58 ट्रिलियन संपत्ति इससे असेट्स के आधार पर देश का सबसे बड़ा बैंक बनाती है।
इसका मुख्यालय, गुजरात के वडोदरा (पहले बड़ौदा के नाम से जाना जाता था) में है। बैंक का कॉर्पोरेट ऑफिस मुंबई में है।
बैंक ऑफ इंडिया
1906 में कुछ व्यापारियों ने बैंक ऑफ इंडिया की नींव रखी। जनवरी 2017 तक देश के कोने-कोने में बैंक के 5100 ब्रांच थे। इसका मुख्यालय मुंबई में है। बैंक की शुरुआत 5 मिलियन (75,000 डॉलर) की राशि और 50 कर्मचारियों के साथ मुंबई में की गई थी।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सबसे ज़्यादा ब्रांच महाराष्ट्र में हैं। बैंक के दुनियाभर में लगभग 15 मिलियन ग्राहक हैं। बैंक की शुरुआत 1935 में पुणे में वी.जी. काले और डी.के. साठे द्वारा की गई। बैंक को 1998 में स्वायत्तता प्राप्त हुई जिससे इसके आंतरिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप कम हुआ और यह अपने निर्णय खुद लेने लगा।
केनरा बैंक
केनरा हिंदू परमानेंट फंड (केनरा हिंदू स्थायी निधि) की स्थापना अम्मेम्बल सुब्बा राव पाई द्वारा 1906 में मैंगलोर में की गई। इनकॉर्पोरेशन के समय 1910 में इसका नाम केनरा बैंक कर दिया गया। यह देश का एक पुराना पब्लिक सेक्टर बैंक है। सरकार के स्वामित्व का एक बड़ा बैंक बनाते हुये सरकार ने 1969 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरु में है।
सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया
सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया की स्थापना वर्ष 1911 में सोराबजी पोचखानावाला द्वारा की गयी थी। बैंक के पास सम्पूर्ण भारत में फैली 4715 शाखाओ तथा 5319 एटीएम का तंत्र विधमान है, यह बैंक पूर्ण रूप से भारतीयों के द्वारा धारित एवं संचालित होने वाला प्रथम भारतीय वाणिज्यिक बैंक है।
कॉर्पोरेशन बैंक
कॉर्पोरेशन बैंक का मुख्यालय भारत के मंगलोर में स्थित है। बैंक के पास सम्पूर्ण भारत में फैली हुई 2440 पूर्णतः स्वचालित कोर बैंकिंग सॉलूशन्स (सीबीएस) शाखाएं हैं। यह बैंक देश के सार्वजानिक बैंकों में से एक है।
देना बैंक
देना बैंक की आय वर्ष 2016 में 10645.73 करोड़ रुपये थी। बैंक की स्थापना वर्ष 1938 में देवकरण ननजी परिवार के द्वारा की गयी थी, कंपनी का नाम वर्ष 1939 में इसके सार्वजानिक कंपनी के रूप में सम्मेलन के समय बदलकर देना बैंक रखा गया था। वर्ष 2016 में बैंक में कुल 13906 कर्मचारी कार्यरत थे।
इंडियन बैंक
इंडियन बैंक वर्ष 1907 में अस्तित्व में आया था। वर्तमान में यह भारत के राष्ट्रीयकृत बैंक के रूप में ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। बैंक का व्यवसाय मार्च, 2018 में 3.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया है। बैंक ने आई एस ओ 27001:2013 के साथ सूचना प्रणाली एवं सुरक्षा प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है।
इंडियन ओवरसीज बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक के पास भारत में चारों ओर फैली हुई 3400 से ज्यादा घरेलु शाखाओं का जाल है। बैंक की स्थापना देश में विदेशी विनिमय व्यापार और ओवरसीज बैंकिंग लेनदेनों के उद्देश्य से वर्ष 1937 में थिरु एम चिदंबरम चेट्टीआर के द्वारा की गयी थी।
ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स
ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स की स्थापना वर्ष 1943 में स्वतंत्रता से पहले लाहौर में की गयी थी। बैंक की स्थापना राय बहादुर लाला सोहन लाला द्वारा की गयी थी। बैंक की शुद्ध आय मार्च, 2018 में करोड़ रुपये आंकी गई थी जो की बैंक को देश के सातवें सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक के रूप में स्थापित करती है।
पंजाब एवं सिंध बैंक
पंजाब एवं सिंध बैंक की स्थापना वर्ष 1466 में की गयी थी, इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है। बैंक के पास भारत में 1466 शाखाएं हैं, वर्ष 2014-15 में बैंक का कुल व्यापार 151511 करोड़ रुपये था।
पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक को पी एन बी के नाम के जाना जाता है और यह एक राज्य-स्वामित्व संगठन था जो वर्ष 1894 में स्थापित किया गया था। बैंक के पास एक विशेषता यह है की यह भारतीय राजधानी के साथ अकेला संचालित है।
यह बैंक भारत के कई अशांत परिक्षण समय के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में हुए कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों का साक्षी रहा है और वर्तमान काल को देखने के लिए अब तक जीवन को धारण किये हुए है। पंजाब नेशनल बैंक जुलाई 1969 के दौरान भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीयकृत किया गया था। पंजाब नेशनल बैंक का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
सिंडिकेट बैंक
सिंडिकेट बैंक ने अपनी सेवाएं वर्ष 1925 से कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित उडुपी से शुरू की थी। बैंक ने मात्र 8000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी से अपना व्यवसाय शुरू किया था, बैंक का मुख्यालय कर्नाटक के मणिपाल के यनिवर्सिटी टाऊन में स्थित है। अपने प्रशासन और व्यवसाय को सुधारने के उद्देश्य से बैंक के पास सम्पूर्ण भारत में क्षेत्रीय कार्यालय फैले हुए है।
यूको बैंक
यूको बैंक की स्थापना सन 1943 में घनश्याम दास बिड़ला द्वारा की गयी थी। बैंक के पास मार्च, 2017 तक सम्पूर्ण भारत में 4000 से ज्यादा सेवा इकाइयां तथा 49 क्षेत्रीय कार्यालय थे, इसका मुख्यालय कोलकाता के बी टी एम सरणी में स्थित है। बैंक के मार्च, 2018 में समाप्त होने वाले वर्ष के लाभों ने एक नई गिरावट दर्ज की है और 4426.95 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया है।
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की नींव स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व सन 1919 में रखी गयी थी और महात्मा गाँधी ने इस बैंक का उद्घाटन किया था। भारत सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से सन 1969 में इस बैंक का राष्ट्रीयकरण किया था।
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया का मुख्यालय भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में स्थित है। बैंक ने मार्च, 2017 के 37624.58 करोड़ रुपये की तुलना में मार्च, 2018 के 37737.87 करोड़ रुपये की कुल आय रिपोर्ट की है।
यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया
यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। यह बैंक सन 1950 में हुए चार बंगाली बैंकों (कोमिला बैंकिंग कॉर्पोरशन, बंगाल सेंट्रल बैंक, कोमिला यूनियन बैंक, हुगली बैंक) के समामेलन के फलस्वरूप अस्तित्व में आया था। मार्च, 2017 के दौरान बैंक की शुद्ध बिक्री 9427.91 करोड़ रुपये दर्ज की गयी थी।
विजया बैंक
विजया बैंक की स्थापना सन 931 में कर्नाटक के मैंगलोर में हुई थी, बैंक की स्थापना विजयादशमी के दिन हुई थी इसलिए इसका नाम विजया बैंक रखा गया। मार्च, 2017 तक बैंक के पास 2031 शाखाओं का नेटवर्क था। इसके पास सम्पूर्ण भारत में 4000 कस्टमर टच पॉइंट्स फैले हुए हैं बैंक का कुल व्यवसाय मार्च, 2017 तक 2,29,000 करोड़ रुपये था।